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कृष्ण जन्माष्टमी पर 14 साल बाद बने एक साथ तीन संयोग... धूमधाम से मनाया गया पर्व, देखिए तस्वीरें...

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24 August 2019


भोपालपटनम। कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शुक्रवार की रात शिव मंदिर में भजन कीर्तन का कार्यक्रम रखा गया था। एक दिन पहले से ही जन्माष्टमी की गूंज नगर में दिखाई दे रही थी कल जन्माष्टमी व्रत रखा गया था व आज कृष्णाष्टमी का व्रत है। इस वर्ष की जन्माष्टमी में 14 वर्षों के बाद तीन संयोग एक साथ बने है। 




भगवान कृष्‍ण का जन्‍म भाद्र मास की अष्‍टमी तिथि को अर्द्धरात्रि में हुआ था। भगवान के जन्‍म की खुशियां मनाने के लिए युवा और बच्‍चे गोविंदा बनकर जन्‍माष्‍टमी के दिन दही हांडी का आयोजन करते हैं। 

नगर में जगह-जगह चौराहों पर दही और मक्‍खन से भरी मटकियां लटकाई गईऔर गोविंदाओं द्वारा एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर इसे तोड़ा गया है। पहली मटकी शिवमंदिर के सामने फोड़ी गई। रिमझिम बारिश व डीजे की धुन पर थिरकते हुए पुरे नगर में घूम-घूमकर गोविंदाओं ने दही मटके फोड़े हैं। 








भगवान कृष्ण को बचपन से प्रिय था माखन  बचपन में भगवान कृष्‍ण को दही और मक्‍खन अतिप्रिय था। वह अक्‍सर गोपियों की मटकियों से माखन चुराकर खाया करते थे। गोपियां उनसे परेशान होकर यशोदा मैय्या से उनकी शिकायत किया करती थीं। यशोदा मैय्या अपने कान्‍हा को समझाती-बुझाती, लेकिन उन पर कोई असर नहीं होता था।




गोपियां कन्‍हैया से अपना दही मक्‍खन बचाने के लिए मटकियों और हांडियों को ऊंचाई पर टांग देती थीं। लेकिन कान्‍हाजी चतुराई से दोस्‍तों के ऊपर चढ़कर मटकी में से दही और मक्‍खन चुरा लेते थे। कई बार वह शरारत में दही से भरी मटकियां फोड़ भी देते थे। कृष्‍ण की इन नटखट शरारत से भरी बाल लीलाओं को याद करते हुए दही हांडी का उत्‍सव मनाया जाता है।


बैंगलोर मे आयोजित 'कौन बनेगा सुपर स्टार' में छत्तीसगढ़ की प्रतिभाओं ने मचाया धमाल

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23 August 2019


सुकमा। माहेश्वरी समाज द्वारा आयोजित प्रतिभा का महासंग्राम 'कौन बनेगा सुपर स्टार' का सातंवा सीजन बैंगलोर में आयोजन किया गया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जगहों से 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। 




बता दें कि बैंगलौर में आयोजित इस आयोजन में देशभर से 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। प्रदेश युवा संगठन के अध्यक्ष राजेश मंत्री ने बताया कि कुछ दिन पहले भाटापारा में प्रदेश स्तरीय आयोजन हुआ था। जिसमें मिस एंड मिस्टर माहेश्वरी, डांसिंग सुपर स्टार (एकल व ग्रुप) सिंगिग सुपर स्टार, वाद्य यंत्र बजाने वालों के लिए म्यूजिकल सुपर स्टार का आयोजन हुआ।




इसमें विजयी 20 प्रतिभागियों ने बैंगलौर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। बेहतरीन प्रदर्शन करते कुछ प्रतिभागी सेमीफाईनल राउंड तक भी पहुंचे थे। 




समाज के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मंत्री संदीप करकानी ने बताया कि पहली बार इतने हाईटैक तकनीक का उपयोग किया गया। वहीं सभी प्रतिभागियों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। 




हुनरमंदों को और निखारेगा युवा फाउंडेंशन   अखिल भारतीय माहेश्वरी युवा संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण सोमानी ने कहा कि 'कौन बनेगा सुपर स्टार' सीजन—7 के हुरनमंदों को और निखारने का काम राष्ट्रीय स्तर पर होगा। इसकी जिम्मेदारी माहेश्वरी समाज युवा संगठन की ट्रस्ट बसंती लाल मनोरमा देवी काल्या अखिल भारतीयवर्षीय माहेश्वरी युवा फाउंडेंशन ने लिया है। 




सर्पदंश पीड़ित ग्रामीण की CRPF जवानों ने बचाई जान, कंधों पर उठाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया

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18 August 2019


बीजापुर। जहां एक और सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों का बेबाकी से सामना कर उन्हें खदेड़ रहे हैं, वही एक दूसरी ओर मानवता का परिचय भी दे रहे है। 



ऐसा ही एक वाक्या शनिवार को नजर आया जब सीआरपीएफ 168 बटालियन और 229 बटालियन की संयुक्त टीम नक्सल प्रभावित रायुगुड़ा, पुसकुंता और बहेगुड़ा इलाके में एरिया डोमिनेशन के लिए निकली थी। सर्चिंग के दौरान जवानों की नजर ग्रामीणों पर पड़ी। जब उन्होंने ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि पुसकुंता के एक ग्रामीण को जहरीले सांप ने कांट लिया है।



सर्पदंश से पीड़ित ग्रामीण का देसी इलाज कर रहे हैं। लेकिन दो महीने पहले इसकी पत्नी को जहरीले सर्प ने कांट लिया था जिसका हमने देशी इलाज किया था लेकिन उसकी जान चली गयी थी। इसके बाद हम इसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाना चाहते है लेकिन रास्ता खराब होने से हमें अस्पताल तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है। 

इतना सुनते ही जवानों ने आवापल्ली पीएचसी के एम्बुलेंस चालक से बात की लेकिन भारी बारिश की वजह से इस रास्ते में एम्बुलेंस नहीं पहुंचने की बात चालक ने जवानों से कही। तब जवानों ने ग्रामीण को खाट पर लेटाया और अपने कंधे पर लादकर 2.5 किमी पैदल चलकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया तब जाकर ग्रामीण की जान बच पाई। 

स्वतंत्रता दिवस पर फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन, तरूण ने 'हैट्रिक गोल' कर दिलाई टीम को जीत

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14 August 2019


रशीद अहमद खान @ भोपालपटनम। श्री कृष्णा पामभोई क्लब भोपालपटनम के तत्वाधान में स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर ब्लॉक स्तरीय ग्रामीण फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस स्पर्धा में टीमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। 

ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता में संड्रापल्ली, मद्देड़, गोटाईगुड़ा, केशाईगुडा़ सहित नगर पंचायत भोपालपटनम की 8 टीमों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई। 




मंगलवार को प्रतियोगिता का पहला मैच यंग स्पोर्ट्स 'ए' भोपालपटनम एवं बॉयज हॉस्टल मद्देड़ के बीच खेला गया। जिसमें 7-0 के बड़े अंतर से भोपालपटनम की टीम ने मैच जीत लिया। इस मैच में भोपालपटनम टीम के तरुण आनकारी ने हैट्रिक गोल कर विरोधी टीम को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

दूसरा मैच प्री मेट्रिक हॉस्टल एवं यंग स्पोर्ट्स भोपालपटनम 'बी' के मध्य खेला गया। जिसमें यंग स्पोर्ट्स की टीम ने 3-0 के अंतर से इस मैच को अपने नाम किया। इस मैच के रेफरी असीम अधिकारी थे। प्रतियोगिता का फाइनल 15 अगस्त को खेला जाना है। 




टूर्नामेंट के विजेता को ₹2001 एवं शील्ड (मरपल्ली कृष्णा राव, खेल अधिकारी) द्वारा दिया जाएगा। जबकि द्वितीय पुरस्कार 1501 एवं शील्ड (अंगद राव चिंतुर, संकुल शैक्षिक समन्वयक) अन्य आकर्षक पुरस्कारों में गोलकीपर ₹501 नगद (उमेश गुज्जा, नपं उपाध्यक्ष, भोपालपटनम), बेस्ट फॉरवर्ड ₹501 नगद (मिर्जा खान बीआरसी), बेस्ट बैकी ₹501 नगद (शेखर वासम), सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी को 501 नगद शेख रज्जाक के द्वारा प्रदत्त किया जाएगा। 


बता दें कि बीते 8-10 वर्षों से निरंतर यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। प्रतियोगिता के आयोजन में श्री कृष्णा पामभोई क्लब के पदाधिकारियों, सदस्यों एवं संजय चिंतुर, असीम अधिकारी, राकेश केतारप का अहम योगदान रहता है। खेल के आयोजन एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह क्लब और इसके सदस्य हमेशा तत्पर रहते हैं।

हथियारबंद नक्सलियों ने किया 4 ग्रामीणों का अपहरण, दहशत के चलते पुलिस में दर्ज नहीं हुई रिपोर्ट

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12 August 2019


दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से बड़ी खबर है। यहां बीती रात नक्सलियों द्वारा 4 ग्रामीणों का अपहरण किए जाने की खबर है। हालांकि, अभी तक इस घटना की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। 




जानकारी के मुताबिक किरंदुल थाना क्षेत्र के गुमियापाल गांव में रविवार की देर रात सशस्त्र नक्सली पहुंचे और घर में घुसकर तीन युवक और एक युवती को अपने साथ ले गए। घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल भी बना हुआ है।


सूत्रों के मुताबिक घटना को अंजाम देने 20 से 25 माओवादी पहुंचे थे। इस वारदात को पुलिस मुखबिरी से जोड़कर देखा जा रहा है। 



जिन ग्रामीणों का नक्सलियों ने अपहरण किया है उनका नाम हुंगा मिडियामी, लालू मिडियामी, हुंगा मंडावी और किरन कुंजाम बताया जा रहा है। इधर, नक्सली दहशत के चलते ग्रामीणों द्वारा पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराया गया है। 

पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव का कहना है कि इस बारे में अभी तक लिखित या मौखिक रूप से कोई शिकायत नहीं मिली है। ग्रामीण अगर पुलिस के पास पहुंचते हैं तो मामले की पड़ताल की जाएगी। 

ईद-उल-अजहा पर मांगी गई मुल्क की तरक्की व अमन की दुआ...जानिए क्या होती है कुर्बानी

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रशीद अहमद खान @ भोपालपटनम। ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मौके पर नगर की जामा मस्जिद में नमाज अदा कर पूरे मुल्क में अमन और चैन की दुआएं मांगी गई। 




जामा मस्जिद के इमाम हाफिज इलियास अंसारी ने ईद की नमाज से पहले पूरी जमात को कुर्बानी और ईद-उल-अजहा के बारे में तफसील से बताया। बारिश के कारण ईदगाह के बजाय जामा मस्जिद में सुबह तय वक्त 8.30 बजे नमाज अदा की। 

बाद नमाज सभी मुस्लिम भाईयों ने कब्रिस्तान जाकर मरहुम रिश्तेदारों के लिए दुआए मांगी। इसके बाद साहिबे निसाब लोगों ने अल्लाह के रास्ते में जानवरों की कुर्बानियां कीं। कुर्बानी के बाद शुरू हुआ ईद की मुबारकबाद एक-दूसरे को देने का सिलसिला पूरे दिन भर चलता रहता है। 

मुस्लिम भाई कुर्बानी देने के बाद जानवर के गोश्त को तीन भाग में बांटते हैं। पहला हिस्सा गरीबों को ‌तकसीम बांटा किया (बांटा) जाता है। वहीं दूसरा  हिस्सा रिश्तेदारों और करीबी लोगों के लिए जबकि तीसरा हिस्सा अपने लिए रखा जाता है।


ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के मायने  ईद-उल-अज़हा (बकरीद), अरबी भाषा में जिसका मतलब क़ुरबानी की ईद। इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्यौहार है। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद इसे मनाया जाता है। 

इस्लामिक मान्यता के अनुसार हज़रत इब्राहिम अपने पुत्र हज़रत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा कि राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है। 



इस शब्द का बकरों से कोई संबंध नहीं है। न ही यह उर्दू का शब्द है। असल में अरबी में 'बक़र' का अर्थ है बड़ा जानवर जो जि़बह किया (काटा) जाता है। उसी से बिगड़कर आज भारत, पाकिस्तान व बांग्ला देश में इसे 'बकरा ईद' बोलते हैं। 

वहीं ईद-ए-कुर्बां का मतलब है बलिदान की भावना। अरबी में 'क़र्ब' नजदीकी या बहुत पास रहने को कहते हैं। मतलब इस मौके पर अल्लाह इंसान के बहुत करीब हो जाता है। कुर्बानी उस पशु के जि़बह करने को कहते हैं जि़लहिज्ज (हज का महीना) में खुदा को खुश करने के लिए ज़िबह किया जाता है। 

वन अधिकार के 2872 बंद केस फिर से खुलेंगे, कलेक्टर ने फिर से जांच के जारी किए फरमान

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07 July 2019


बीजापुर। जिले में वन अधिकार मान्यता पत्र की निरस्त की गईं 2872 अर्जियों पर फिर से जांच की जाएगी और फिर तब इससे कुछ परिवारों को फायदा मिल सकेगा। इन अर्जियों की तीसरी बार जांच की जा रही है। 



यहां कलेक्टोरेट में कलेक्टर केडी कुंजाम ने सचिवों और पटवारियों की बैठक ली। मीटिंग में एसडीएम डी राहूल वेंकट उमेश पटेल, एआर राना एवं सहायक आयुक्त सुरेन्द्र ठाकुर मौजूद थे। 


बताया गया है कि 7782 आवेदनों पर वन अधिकार मान्यता पत्र दिए जा रहे हैं और वहीं 2872 अर्जियों को निरस्त कर दिया गया है। इन आवेदनों पर फिर से जांच करने का आदेश कलेक्टर केडी कुंजाम ने दिया। उन्होंने सामुदायिक दावे के अलावा नए आवेदन लेने का भी आदेश दिया। 

सामुदायिक दावों में स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, विद्युत संचार एवं दूरसंचार लाइनें, टंकी एवं लघु जलाशय, पेयजल आपूर्ति एवं पानी की पाइप लाइन, जल एवं वर्षा जल के संचयन की संरचनाएं, लघु सिंचाई नहरें, अपारंपरिक उर्जा स्त्रोत, कौशल उन्नयन केन्द्र, सड़कें एवं सामुदायिक केन्द्र शामिल हैं। 

13 दिसंबर 2005 से पहले वन भूमि पर काबिज लोगों को उस भूमि पर अधिकार और पट्टा मिलेगां एक परिवार को अधिकतम दस एकड़ का पट्टा मिलेगा। जीवनयापन के लिए आदिवासियों छोड़कर दूसरे वर्ग के लोगों को सबूत देना होगा कि वे तीन पीढ़ी यानि 75 सालों से वहां रहते हैं।   


मौसमी बीमारियों पर नजर:कलेक्टर केडी कुंजाम ने सचिवों को मौसमी बीमारियों की खबर तत्काल देने और स्कूलों में भी बच्चों के पालकों की बैठक करवाने का आदेश दिया। ज्ञात हो कि बारिश के दिनों में मलेरिया एवं डायरिया की शिकायत अक्सर आती है। 

इस जिले में इस साल धान बीज की खपत 34 फीसदी बढ़ी... ये कर्जमाफी का असर है या फिर सपोर्ट प्राइज का जादू ! पढि़ए ये खबर...

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06 July 2019


बीजापुर। ये कर्जमाफी का जादू है या फिर 2500 रूपए समर्थन मूल्य का कि बीजापुर जिले में पिछले साल के मुकाबले इस साल धान बीज की खपत सीधे 34 फीसदी बढ़ गई है। पिछले साल जिलें के 4497 के खपत के मुकाबले इस साल अब तक 6810 क्विंटल धान बीज की खपत लैम्प्सों से हो गई है।   



सूत्रों के मुताबिक इस साल यहां 6967.90 क्विंटल धान बीज का भण्डारण किया गया और लैम्प्सों से अब तक 6810 क्विंटल का उठाव हो गया है। 34 फीसदी खपत बढ़ने की वजह जानकारों के मुताबिक कई हो सकती है। इसके तीन से चार कारक बताए जा रहे हैं। 

जानकारों का मानना है कि अव्वल तो ये कि कर्ज से उबरे किसानों में फिर से अच्छी खेती करने की ष्ताकत आई या फिर सपोर्ट प्राइज ज्यादा होने के कारण उन्होने धान की खेती को ही पसंदीदा माना। खबर है कि प्रषासनिक अफसरों ने भी जोर दिया। इसकी वजह से एसएडीओ, आरएईओ और लैम्प्स मैनेजरों से मई में ही ज्वाइंट कैम्प लगाकर किसानों को बुलाया और बैठक ली। 

इस इलाके में बोनी अमूमन लेट होती है। जल्दी बोनी के लिए बीजों को जल्दी किसानों तक पहुंचाना जरूरी है। इसी कारण कैम्प लगाए गए और किसानों को जल्दी बोनी के लिए प्रेरित किया गया। जिले में पहली बार मई में ही कैम्प का आयोजन किया गया। 


सहायक संचालक कृषि सत्यजीत सिंह कंवर के मुताबिक 34 फीसदी अधिक खपत के कई कारण हैं। उन्होंने बताया कि जिले में सबसे अधिक एमटीयू 1001 एवं एमटीयू 1010 को किसान पसंद कर रहे हैं। महेष्वरी एवं बम्बलेष्वरी किस्मों की मांग भी काफी है। सहायक संचालक एस कंवर के मुताबिक डीआरआर 42, डीआरआर 44, एचएमटी, समलेष्वरी एवं स्वर्णा किस्म के धान भी किसान लगाते हैं। इन किस्मों का वितरण लैम्प्स के जरिए किसानों को किया गया। 

केसीसी के लिए भी आतुरता:  सहायक संचालक सत्यजीत सिंह कंवर ने बताया कि जिले में 30129 किसान परिवार हैं।  इस साल नए किसान के्रडिट कार्ड बनवाने के लिए भी किसानों में आतुरता दिखाई दी। पहले ही जिले में 19640 केसीसी हैं और इस साल 3666 नए आवेदन केसीसी के लिए आए हैं।  धान की फसल में इस जिले में एक हेक्टेयर के लिए तीस हजार कर्ज बिना ब्याज के  किसानों को दिए जाने का प्रावधान है। इसमें से साठ प्रतिशत नगद और चालीस प्रतिशत खाद बीज के रूप में दिया जाता है। 

बीजेपी का कुनबा बढ़ाने छिड़ी मुहिम, सदस्यता अभियान के तहत बढ़ेंगे 20 फीसदी मेंबर... संगठन मंत्री बोले- कार्यकर्ताओं से हैं नेता

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बीजापुर। भारतीय जनता पार्टी ने डॉ श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती से सदस्यता अभियान की शुरूवात करते मेंबरशिप २० फीसदी बढ़ाने का टारगेट तय किया है। यहां इसी मुहिम के लिए प्रदेश संगठन मंत्री एवं सदस्यता अभियान के प्रदेश सह प्रभारी किरण देव ने बैठक में साफ कह दिया कि नेता तब हैं जब कार्यकर्ता हैं और हमें कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाना है।



यहां पार्टी कार्यालय में शनिवार को सदस्यता अभियान के पहले दिन प्रदेश संगठन मंत्री की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें बताया गया कि सदस्यता अभियान 11 अगस्त तक चलेगा। किरण देव ने कहा कि बूथ लेवल पर बीस फीसदी सदस्यता बढ़ाना है और इसके लिए सभी ओहदेदार नेताओं को भी कार्यकर्ता की तरह काम करना होगा।

सदस्यता अभियान को पर्व की तरह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने पंडित श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी के जम्मू और कश्‍मीर के लिए किए गए योगदान का स्मरण करते कहा कि एक देश में दो झण्डे नहीं हो सकते। कश्‍मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसे भारत से अलग करने की कोशिश की जा रही है।


बैठक में भाजपा नेता जी वेंकट, राजाराम तोड़ेम, राजेश श्रीवास्तव,  श्रीनिवास मुदलियार, जग्गू तेलामी, भाग्यवती पुजारी, घासीराम नाग, सुखलाल पुजारी, सुखमती भोगाम, इकबाल खान, ओंकार तारम, तिरूपति कटला, संतूदास मानिकपुरी, सिरोज विष्वकर्मा, जिलाराम राना, सुंदर पुजारी एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

ऑनलाइन पर जोर:प्रदेश सह सदस्यता प्रभारी किरण देव ने महिलाओं को झिझक दूर करने की समझाइश देते कहा कि वे पार्टी की ऑॅनलाइन सदस्यता ग्रहण करें और जिसे नहीं मालूम है, उन्हें भी ये जानकारी दें। उन्होंने कहा कि पिछले पंद्रह सालों में रमन सरकार ने महिलाओं  के लिए कई काम किए। उनके लिए नई योजनाएं बनाईं। ऐसे में महिलाओं को झिझक दूर कर आगे आना चाहिए।



फफूंद के दिन भी लौट आए..! 6 सौ रूपए किलो के साथ मार्केट में उतरा 'बोड़ा'... साल वनों से आ रहा है बाजार में !

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30 June 2019


पंकज दाऊद @ बीजापुर। पहली बारिश में एक बार फिर यहां सण्डे मार्केट में साल वनों से बोड़ा आने लगा है। ये अभी सौ रूपए सोली यानि करीब दो सौ ग्राम की दर पर बिक रहा है। ये यहां कोण्डागांव और जगदलपुर के मुकाबले डेढ़ से दो गुना दाम पर बेचा जा रहा है। 


अभी इसे बस्तर जिले के साल वनों से कोचिए लाकर बेच रहे हैं। कुछ दिनों बाद कोण्डागांव से भी इसकी आवक होगी। यहां जगदलपुर से आई महिला आरा मसीह ने बताया कि जगदलपुर के मुकाबले यहां इसका दाम दो गुना है। वहां सोली पचास रूपए की दर पर बेचा जा रहा है। यहां ये सौ रूपए में बिक रहा है। 

शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धरमपुरा के वनस्पति शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक तुणीर खेलकर ने बताया कि दरअसल ये कवक यानि फंजाई है। बोड़ा बेसीडियोमाइसीटिस कुल का मेंबर है। ये केवल साल वृक्ष के नीचे ही पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एस्ट्रीज हाइड्रोमेट्रिका है। ये केवल साल वृक्ष के नीचे ही क्यों पनपता है, इस पर रिसर्च अब तक नहीं हुआ है। 


सहायक प्राध्यापक तुणीर खेलकर का मानना है कि साल के पत्ते जब गिरकर सड़ते हैं तो उनमें कुछ ऐसे पोषक तत्व होते होंगे जो बोड़ा के बढ़वार के अनुकूल होंगे। रिसर्च से ही इस बात का खुलासा हो सकता है। 

मेरे अंदर और बाहर क्या ?  सहायक प्राध्यापक तुणीर खेलकर बताते हैं कि बोड़ा का अंदर का हिस्सा गुदेदार होता है जबकि उसका आवरण कड़ा होता है। दरअसल एस्ट्रीज हाइड्रोमेट्रिका के माइसीलियम ( महीन धागेनुमा हिस्से) एक छदम स्केलेरेनकाइमा अंदर बन रहे बीजाणुओं (स्पोर्स) को घेर लेते हैं। स्केलेरेनकाइमा लकड़ी में होता है लेकिन छदम या कूट स्केलेरेनकाइमा है। ये कड़ा होता है। अंदर के हिस्से में स्पोर्स या बीज शुरूवात में एकदम नरम होते हैं। यानि बोड़ा बाहर से छदम स्केलेरेनकाइमा के कारण कड़ा और अंदर बन रहे बीजों के कारण नरम रहता है। जब स्पोर्स बन जाते हैं तब अंदर का भाग भी कुछ कड़ा और काला हो जाता है। 


कंप्यूटर युग में भी जिंदा है मुगलयुगीन माप:
भले ही कंप्यूटर युग आ गया है और खाद्य समेत दीगर वस्तुओं का मापन इसी प्रणाली से हो रहा है लेकिन बस्तर में आज भी हाट-बाजारों में अन्न को नापने के लिए सोली और पैली की परंपरा जिंदा है। बाजार में बोड़ा भी सोली और पैली से यहां बिक रहा है। भारत में अक्टूबर 1962 के बाद से मैट्रिक प्रणाली को आदेशात्मक कर दिया गया है। सोली और पैली सरीखी पुरानी मापन प्रणाली पर सख्त पाबंदी है। 

मौत और जिंदगी के बीच सिर्फ दो सेमी का था फर्क...! रिंकी तेलम के गले को छूती निकल गई माओवादियों की गोली... चार सहेलियां निकली थीं हाईस्कूल में दाखिला लेने और हो गया ये हादसा

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29 June 2019


पंकज दाउद @ बीजापुर। हाईस्कूल में दाखिला लेने के लिए निकली चार सहेलियों में से एक रिंकी तेलम को मौत छूकर निकल गई और इसे चकमा दिया, उसकी किस्मत ने। दरअसल, माओवादियों की गोली रिंकी के गले के पीछे सिर्फ दो सेमी ही घुसकर निकल गई। यदि गोली दो सेंटी मीटर और घुस जाती तो उसकी मौत हो सकती थी।  



हल्लूर गांव की रहने वाली रिंकी तेलम, कुमारी अपका, रीना मण्डावी और जिबो तेलम ने केशकुतल से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की और वे नवीं में भैरमगढ़ में दाखिला का फार्म लेने के लिए शुक्रवार की सुबह दस बजे निकली थीं। वे एक पिक अप में केशकुतूल से सवार हुईं और दो किमी दूर ही जब गाड़ी देवांगन मोड़ के करीब पहुंची तो माओवादियों ने बाइक से गुजर रहे सीआरपीएफ की 199 बटालियन के जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। 


पिक अप में सवार ड्राइवर ने स्थिति को भांपते तेजी से गाड़ी आगे बढ़ा दी लेकिन तब तक रिंकी और जिबो तेलम को गोली लग गई थी। जिबो को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मृत घोषित कर दिया गया जबकि घायल रिंकी तेलम को जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया। जिला हॉस्पिटल में डॉ एस नागुलम ने ऑपरेशन किया। 


डॉ नागुलम ने बताया कि गोली रिंकी के गले के पीछे दो सेमी का घाव बनाकर निकल गई और अंदर तक गोली घुसती तो खतरा हो सकता था। उन्होंने बताया कि रिंकी की हालत खतरे से बाहर है। उसका उपचार जारी है। 


भैरमगढ़ में दाखिला क्यों:  रिंकीकुमारी, रीना और जिबो ने केशकुतूल आश्रम में रहकर आठवीं की परीक्षा पास की थीं। केशकुतूल स्कूल की शिक्षिका उर्मिला नाग ने बताया कि ये छात्राएं भैरमगढ़ में दाखिला लेना चाहती थीं। केशकुतूल में बालिकाओं के लिए आश्रम नहीं है जबकि बालकों के लिए पोटा केबिन है। रहने की सुविधा नहीं होने की वजह से वे भैरमगढ़ में दाखिला लेना चाहती थीं। उन्होंने हाईस्कूल में दाखिले का फार्म नहीं लिया था। वे शुक्रवार को फार्म लेने ही जा रही थीं। 


माओवादियों ने पहाड़ी की ओर से घेरकर जवानों को एम्‍बुश में फंसाया... सड़क पर पत्‍तों के नीचे लगाए थे प्रेशर IED, पेड़ से बरसाई गोलियां, यूबीजीएल भी दागे

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28 June 2019


पंकज दाऊद @ बीजापुर। माओवादियों ने केशकुतूल में शुक्रवार की सुबह हमले से पहले कई दिनों से मैराथन तैयारी कर रखी थी। जवानों को एम्‍बुश में फांसने के लिए उन्‍होंने सड़क के एक ओर प्रेशर बम के अलावा कमाण्ड आईईडी लगा रखे थे। नक्‍सलियों का मकसद पैदल चल रहे जवानों पर गोलीबारी कर उसी ओर धकेलना था, जहां आईईडी लगाए गए थे।






नक्सलियों ने सीआरपीएफ के केशकुतूल कैम्प से सिर्फ दो किमी दूर जवानों को फांसने जाल बिछा रखा था। वारदात के बाद गई पुलिस की टीम ने वहां तीन से अधिक कमाण्ड आईईडी और प्रेशर बम डिटेक्ट किए। माओवादियों ने प्रेशर बम पत्तों और कागज के नीचे लगा रखा था। कमाण्ड आईईडी के तार सड़क से लगे दिखाई दे रहे थे।  

जब जवान मोड़ पर पहुंचे तो नक्सलियों ने एक ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तीन जवान जिन्हें गोली लगी, वे बाइक छोड़ उतर गए। नक्सली एलएमजी, इंसास, यूबीजीएल एवं दीगर आटोमेटिक हथियार से फायरिंग कर रहे थे। वे पेड़ों पर भी चढ़कर गोली बरसा रहे थे। सड़क के किनारे पुल के नीचे खाली खोखे पाए गए।




एक नक्सली मारा गया, एके 47 ले गए:  ऐसा अनुमान है कि इस वारदात को ५० से अधिक माओवादियों ने अंजाम दिया। जवानों के मुताबिक सड़क से कुछ दूर पर खून के निशान पाए गए हैं और इससे लगता है कि जवाबी कार्रवाई में कम से एक नक्सली या तो बुरी तरह जख्मी हुआ है या फिर मारा गया है। जवाबी कार्रवाई से नक्सली भाग गए। बताया गया है कि नक्सली जाने से पहले एक जवान का एक एके 47, इसके 102 राउण्ड के चार पोच, एक वायरलेस सेट व एक बीपी जैकेट ले गए।

नक्सलियों ने भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशकुतूल में शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े १० बजे सीआरपीएफ की पार्टी पर हमला किया। इसमें दो एएसआई मदनपाल सिंह, महादेव पाटिल एवं हवलदार साजी ओपी की मौत हो गई। नक्सलियों की फायरिंग में केशकुतूल की ओर से आ रही पिक अप में सवार अल्लूर गांव की बालिका जिब्बी तेलम की भी मौत हो गई जबकि उसकी सहेली रिंकी हेमला घायल हो गई।



पिक अप के चालक ने बताया कि बाजार के दिन वह सवारी लेने के लिए केशकुतूल गया था। वहां उसे अल्लूर गांव की चार बालिकाएं मिलीं जो भैरमगढ़ में स्कूल में दाखिले के लिए निकली थीं। उसकी गाड़ी जब केशकुतूल में एक मोड़ के पास पहुंची तो तीन बाइक में सवार जवानों ने उसे क्रॉस किया। तभी एक ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई।




मुठभेड के बीच ड्राईवर ने तेजी से गाड़ी को आगे बढ़ा दिया क्योंकि छात्राओं की चीखने की आवाज आ रही थी। वह सीधे हॉस्पिटल में जाकर रूका। 

वहां देखा तो छात्रा जिब्बी तेलम की मौत हो गई थी जबकि रिंकी हेमला घायल थी। एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया कि बालिका को तत्काल जिला हॉस्पिटल भेजा गया। उसकी हालत खतरे से बाहर है। इधर शहीदों के पार्थिव शरीर को जगदलपुर भेजा गया है। वहां से उन्हें गृहग्राम भेजा जाएगा।



एंगपल्ली में फेरीमेग्नेटिक अयस्क का पता चला ! पहाड़ी में खनन कर सड़क पर डाला जा रहा है आयरन ओर

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27 June 2019


बीजापुर। उसूर ब्लाॅक की एंगपल्ली पंचायत के गुबलगुड़ा गांव में फेरीमेग्नेटिक अयस्क मेग्नेटाइट या मैरटाइट के पाए जाने का खुलासा हुआ है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बस्तर की लौह अयस्क खदानों में आम तौर पर ये अयस्क नहीं मिलते हैं। 


भोपालपटनम ब्लाॅक के पामगल से मेटूपल्ली के बीच पांच किमी की सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही है। मेटूपल्ली से लगे उसूर ब्लाॅक की एंगपल्ली पंचायत के गांव गुबलगुड़ा की एक पहाड़ी से सड़क बनाने के लिए मिट्टी का खनन एक-डेढ़ माह से किया जा रहा है। 

कुछ ही दिनों पहले जब मेटूपल्ली के बच्चे चुंबक को लेकर खेलते-खेलते निर्माणाधीन सड़क पर पहुंचे तो उन्होंने वहां चुंबक से पत्थरों को चिपकते देखा। ये बात हौले से व्हाॅट्सएप से फैली। मौके पर जाकर पाया गया, तो बात सही निकली। 

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बताते हैं कि मद्देड़ वन परिक्षेत्र के आरक्षित वन की पहाड़ी से ये ओर निकल रहा है। भोपालपटनम ब्लाॅक के कोंगूपल्ली निवासी महादेव पदम ने बताया कि खनन और मुरमीकरण का काम वे ही करवा रहे हैं। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि यहां पत्थर के टुकड़े चुंबक से चिपक जाते हैं। 

पामगल पंचायत के मेटूपल्ली गांव के बुजूर्ग बाबू यालम बताते हैं कि पचास साल पहले लोहार इसी पहाड़ी से पत्थर लाकर गलाते थे और फिर लोहे से औजार बनाया करते थे। बाबू यालम की बात से तो ये पुष्टि हो जाती है कि खनन क्षेत्र में लौह अयस्क की मौजूदगी है लेकिन ये कौन-सा अयस्क हैै, ये बताना मुमकिन नहीं है। 

मेग्नेटाइट के संकेत:  शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जगदलपुर के भूगर्भ विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक अमितांशु शेखर झा का इस बारे में कहना है कि मेग्नेटिक प्राॅपर्टी से इस बात के संकेत मिलते हैं कि गुबलगुड़ा में निकल रहा अयस्क मेेग्नेटाइट है। जांच के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकती है। 

उन्होंने बताया कि बस्तर में लेटेराइट व हेमेटाइट की खदाने हैं लेकिन मेग्नेटाइट आम तौर पर नहीं पाया जाता है। बैलाडीला और बचेली की खदानों के एक छोटे से हिस्से में मेग्नेटिक गुणधर्म वाला अयस्क मैरटाइट पाया गया है। गुबलगुड़ा में भी  मैरटाइट हो सकता है। 

AC की बैठक से नदारद 10 आश्रम अधीक्षकों पर कार्रवाई, नए सत्र में बच्चों की सेहत का खास ख्याल, माह में दो बार जाएगी मेडिकल टीम

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बीजापुर। नए शिक्षा सत्र में बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखा जाएगा और इसके लिए हर ब्लाॅक में एक-एक मेडिकल टीम बनाई गई है। ये टीम माह में दो बार बच्चों का चेक अप करेगी। 


सहायक आयुक्त सुरेन्द्र ठाकुर ने सोमवार को छात्रावासों एवं आश्रम अधीक्षकों की बैठक ली। इसमें गैर हाजिर 10 अधीक्षकों पर एक दिन अवैतनिक करने की कार्रवाई उन्होंने की। 

इनमें पी नागेश नैमेड़, धनीराम यालम पापनपाल, भूपेश गंगवाल तोयनार, भूपतराव गुम्मड़ी नरोनापल्ली, सुरेश तलाण्डी चंदूर, मीनाक्षी पिन्नापल्ली गुम्मड़ी दुधेड़ा, डी देवकी भोपालपटनम, जीआर वट्टी भटवाड़ा,  टिकेश्वरी तारम गुदमा एवं भोजेश्वरी दुर्गम फरसेगढ़ शामिल हैं। 


बैठक में बताया गया कि हर ब्लाॅक में एक-एक मेडिकल टीम बनाई गई है। इसमें एक-एक मेडिकल आफिसर एवं एएनएम होंगे। ये माह में दो बार बच्चों का हेल्थ चेक अप करेंगे। सहायक आयुक्त ने अधीक्षकों से समस्याओं की जानकारी ली और इन्हें ठीक करने का आश्वासन दिया। उन्होंने जहां जरूरत है, वहां भवनों की मरम्मत कहा। 


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एसी सुरेन्द्र ठाकुर ने अनुपयोगी भोज्य पदार्थों एवं कचरों से हर आश्रम में नाडेप विधि से खाद बनाने अधीक्षकों से कहा। बारिश से पहले हर संस्था के परिसर में पांच या इससे अधिक फलदार पौधे लगाने की समझाइश दी। उन्होंने सहायक संचालक उद्यान विनायक मानापुरे से पौधे उपलब्ध करवाने कहा। बैठक में बताया गया कि आश्रम एवं छात्रावासों का हर माह जिला एवं ब्लाॅक स्तर के अधिकारी निरीक्षण करेंगे। 

इस बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक अरूण संकनी, सहायक संचालक उद्यान विनायक मानापुरे, मण्डल संयोजक रामषरण मांझी, एस पुनेम, अष्विन कष्यप, विजय गोगुल, कार्यालय स्टाफ केपी नायक, सूरज मांझी एवं अन्य कर्मी मौजूद थे। 

अफसरों ने किया निरीक्षण तो कई स्कूलों में लटके मिले ताले... BEO के भाई और BRC की बहन भी स्कूल से गायब मिले... शिक्षकों समेत 63 कर्मचारियों का वेतन रोकने की कार्रवाई

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26 June 2019


बीजापुर। शिक्षा सत्र के पहले ही दिन निरीक्षण के दौरान भोपालपटनम ब्लॉक के कई स्कूलों में ताले लटके और व्याख्याता से लेकर भृत्य तक गायब पाए गए। बीईओ सुखराम चिंतूर ने शिक्षकों समेत सभी गैरहाजिर कर्मियों के वेतन रोकने की कार्रवाई की है। 


शिक्षा सत्र के पहले दिन सोमवार को बीईओ सुखराम चिंतूर और बीआरसी मिर्जा खान ने भोपालपटनम ब्लॉक के कई स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने कुछ स्कूलों को बंद पाया तो कहीं शिक्षक ही नहीं मिले। इनमें 11 शिक्षक एलबी, 41 सहायक शिक्षक एलबी, व्याख्याता एक, पांच प्रधान अध्यापक, दो उच्च श्रेणी शिक्षक एवं एक भृत्य को गैरहाजिर पाया गया। 

निरीक्षण के दौरान शिक्षकों समेत कुल 63 शालेयकर्मी स्कूल से अनुपस्थित पाए गए। खास बात यह है कि स्कूल से गायब शिक्षकों में बीईओ के भाई और बीआरसी की बहन भी शामिल है। 


बीईओ सुखराम चिंतूर ने सभी के वेतन रोकने की कार्रवाई की। इनमें व्याख्याता विजय झाड़ी, शिक्षक एलबी तोड़ेम मतैया, चिंतूर दशरथ, समर सिंह ठाकुर, के प्रभावती, कुसमा सोनी, परवीन खान, सत्यवल्लभ बंदम, मधुसूदन बंदम, रविन्द्र मोरला, उर्मिला घोड़े, लक्ष्मैया, सहायक शिक्षक एलबी कृष्ण कुमार चिड़ेम, सुशीला गुरला, सुजय कासोजी, जोगेश जंगम, पारेट बचैया, हरेराम शर्मा, आरती चिड़ेम, आर पवन, निरोजा कुन्नूर, पी लक्ष्मीकांता, गुरला सत्यनारायण, संपूर्ण स्वामी, लीलावती गुरला, एट्टी अशोक, रूकमणी गुरला, पी वेणुगोपाल, दिलीप गोलीवार, पार्वती चिड़ेम, वासम आनंद, यालम शंकर, ललैया माझी, सुशील कुमार गुरला,  सत्यनारायण जंगटी, वासम सुरेश, ओमप्रकाश फागे, पालदेव प्रवीण, सवलम रामाराव, आनंद गोटा, आलोक पुलसे, नक्का देवेन्द्र, कोड़े गणपत, गोतूर संतोश, बड़दि कंतैया, मरकेला जितेन्द्र, शैलेष वाडेकर, तमड़ी समैया, एन रामाराव, बोगुल ललैया, शेख शौकत, वासम संटी एवं ज्ञानसिंह पिस्दा शामिल  हैं। 

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इनके अलावा प्रधानाध्यापक सुशील दम्मूर, मांटूर तीरतपैया, प्रवीण कुमार कुड़ेम, देवेन्द्र गुरला, कामेश्वर एट्टी, उच्च श्रेणी शिक्षक के सत्यनारायण, पी शकुंतला, अनुदेशक ममता यालम, सुजाता पालदेव एवं भृत्य तौसीफ कल्लूड़ी गैर हाजिर मिले। 

कार्रवाई शिक्षकों में हड़कंप:  इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। बीईओ सुखराम चिंतूर का कहना है कि शिक्षा सत्र के पहले दिन स्कूल नहीं आना बेहद गंभीर विषय है। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई होगी। 

प्रेशर IED ब्लास्ट की चपेट में आने से DRG का जवान घायल... रायपुर एयरलिफ्ट करने की तैयारी

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24 June 2019


दंतेवाड़ा। नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम की चपेट में आने से DRG का एक जवान जख्मी हो गया है। घटना किरन्दुल थाना क्षेत्र के हिरोली डोकापारा की है, जहां विस्फोट की जद में जवान आ गया। घायल जवान को रायपुर एयरलिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। 

दंतेवाड़ा एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के मुताबिक प्रेशर बम ब्लास्ट में जख्मी डीआरजी के कॉन्स्टेबल भगतु राम के बाएं पैर में चोट लगी है। एनएमडीसी बचेली अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। अभी उसकी स्थिति खतरे से बाहर है। बेहतर इलाज के लिए उसे रायपुर रेफर किया जा रहा है। 

बता दें कि 13 नबर खदान फर्जी ग्रामसभा मामले की जांच करने अधिकारी पहुंचे थे। इनकी सुरक्षा में डीआरजी के जवान तैनात थे। इसी बीच अचानक प्रेशर बम ब्लास्ट हुआ और इसकी चपेट में एक जवान आ गया। गौरतलब है कि इस इलाके में  नक्सलियों ने कई स्थानों पर सड़क काट रखी है। वहीं स्पाइक होल्स लगाए जाने की बात भी सामने आ रही है।  

अबुझमाड़ के ‘हैबिटैट राइट’ की जंग छिड़ी... बुद्धिजीवियों और अबुझमाड़िया लीडरों ने की मैराथन बैठक, MP के 'बैगाचक' की तर्ज पर बने ऐसा इलाका

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23 June 2019


पंकज दाऊद @ जगदलपुर। बस्तर के 3905 वर्ग किमी में फैले असर्वेक्षित अबुझमाड़ में बसने वाली जनजाति अबुझमाड़ियों के लिए बैगा आदिवासियों के आठ गांवों के इलाके मप्र के बैगाचक की तर्ज पर अब ‘हैबिटैट राइट’ की मांग ने जोर पकड़ लिया है। यानि अब पूरे अबुझमाड़ का कलेवर बदलने की तैयारी की जा रही है।


इस सिलसिले में रविवार को नारायणपुर में एक बैठक हुई। इसमें विषेष रूप से पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश बिषश्वास, लेखक शुभ्रांषु चौधरी, राजीव गांधी फाउण्डेशन के मनोज मिश्रा मौजूद थे। 

हैबिटैट राइट के लिए शुरू इस मुहिम की मैराथन बैठक नारायणपुर के माड़िया भवन में चली। इसमें कुछ खास बिंदुओं पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने बताया कि तीन तरह के वनाधिकार होते हैं। पहले तो व्यक्तिगत वन अधिकार एक परिवार को मिलता है। दूसरा सामूहिक वन अधिकार एक गांव को मिलता है और तीसरा है पर्यावास या हैबिटैट का अधिकार। ये पूरे समुदाय को मिलता है। 


अब बुद्धिजीवी इसी के तहत समूचे अबुझमाड़ के अधिकार की बात कर रहे हैं। अब तक देश में एक ही समुदाय को हैबिटैट का अधिकार मिला है और वह है बैगा। मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में आठ गांव के बैगा आदिवासियों को बैगाचक का हैबिटैट राइट दिया गया है।



वन अधिकार कानून कहता है कि अति कमजोर आदिवासी समूहों को उनके पूरे पर्यावास (हैबिटैट) का अधिकार दिया जा सकता है।  जंगल का अधिकार कानून देश में 2006 से लागू है। इसमें कहा गया है कि अति कमजोर आदिवासी समूहों में शिक्षा का स्तर अत्यंत नीचे है। इस वजह से ये जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह अति कमजोर आदिवासी समूह के साथ मिलकर हैबिटैट राइट के आवेदन की प्रक्रिया की शुरूआत करे।

पिछले 13 साल में ये संभव नहीं हो पाया लेकिन अब ये देखना है कि जिला प्रषासन ये अधिकार अबुझमाड़ियां को दिला पाता है या नहीं। यह भी गौर करना है कि इससे यहां जारी हिंसा में कमी आएगी या नहीं। 

बस्तर के पहाड़ों में बसते हैं देवता:पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि बस्तर के पहाड़ों में भी आदिवासियों के देवताओं का वास है और इसे उद्योग घरानों को दिया जा रहा है। जब राम मंदिर को आस्था से जोड़ा गया है तो बस्तर के पहाड़ों को क्यों नहीं ? उन्होंने कहा कि बस्तर में पेसा कानून लागू है लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। 



संविधान में छठी अनुसूची का प्रावधान है लेकिन सरकारें ध्यान नहीं दे रही हैं। अबुझमाड़ में जो भी काम हुए वे ब्रिटिश काल में ही हुए। थोड़ा बहुत सर्वे और अध्ययन अंग्रेजों ने ही करवाया। सड़कें और दीगर सुविधाएं भी ब्रितानी हुकूमत के दौरान ही दी गईं। इसके बाद राज्य और केन्द्र सरकारों ने कुछ नहीं किया। 


खनन के हक भी मिल जाएंगे:सामाजिक कार्यकर्ता नरेश विष्वास का कहना है कि जब अबुझमाड़ियों को हैबिटैट राइट मिल जाएंगे, तो मिनरल्स के खनन की अनुमति भी अबुझमाड़िया देंगे। एक व्यक्ति या एक गांव इसकी अनुमति नहीं दे सकेगा। तब यहां खनन की अनुमति लेना आसान नहीं होगा। 


राइट लेने की प्रक्रिया काफी जटिल है क्योंकि माड़ के आठ परगनों के माझ़ी, मुखिया और दीगर प्रतिनिधियों को इसके लिए जिला मुख्यालय आकर आवेदन देना होगा। नरेष विष्वास ने कहा कि तत्कालीन बस्तर कलेक्टर बीडी शर्मा ने अबुझमाड़ के पर्यावास अधिकार के लिए सरकार को चिट्ठी लिखी थी ओैर इस दिशा में उन्होंने काफी काम किया। 

ये हो सकते हैं हैबिटैट के कदम:किसी क्षेत्र को पर्यावास के हक के लिए कुछ चरणों से गुजरना होगा। उस क्षेत्र के जिलों के नाम, गांवों की सूची और आबादी, पारंपरिक संस्था के साथ बैठक, पारिस्थितिकीय मापदण्ड, जनसांख्यिकी मापदण्ड, आर्थिक मापदण्ड, भौतिक और सांस्कृतिक लक्षण पर गौर करना होगा। हैबिटैट राइट के लिए समुदाय की जानकारी, गोत्र-गढ़ की जानकारी, सामाजिक (स्वषासन ) की जानकारी,सांस्कृतिक जानकारी, आजीविका का संबंध,लैण्डमार्क, पारंपरिक ज्ञान, ऐतिहासिक प्रभाग एवं दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। 

इस सब्जी वाली की हेयर स्टाइल क्यों है खास..? जनजातियों की पहचान भी बताता है इनका पहनावा... पढ़िए ये खबर

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पंकज दाऊद @ बीजापुर। यहां साप्ताहिक मार्केट में एक खास तरीके की हेयर स्टाइल वाली कुछ महिलाएं सब्जी बेचते दिख जाती हैं लेकिन ये हेयर स्टाइल ही नहीं बल्कि ये है इनके रहने के स्थान और जाति की पहचान भी। 



दरअसल, ओडिशा से लगे बस्तर जिले के बकावण्ड, बस्तर और जगदलपुर ब्लाॅक में भतरा जनजाति बसती है। छग के इन्हीं ब्लाॅक से लगे ओडिशा में भी ये जनजाति है। इस जनजाति की महिलाओं की पहचान उनका जुड़ा सीधे ना होकर एक ओर होता है और ये खास अंदाज में होता है। भतरी में इस स्टाइल को 'टेड़गा खोसा' कहा जाता है।  


इसी तरह इनकी साड़ी पहनने का ढंग भी कुछ अलग ही होता है। ये साड़ी को लपेट कर घुटनों तक पहनते हैं। इसके अलावा इनकी पहचान नाक में पहनने वाली नोज पीस भी है, जो कुछ बड़ी होती है। भतरी बोलने वाली इस जनजाति की कुछ महिलाएं यहां साप्ताहिक मार्केट में दिखती हैं। 



वे शनिवार को ही सब्जी लेकर आ जाती हैं। सण्डे को सब्जी बेचने के बाद कभी-कभार वे सोमवार को बची सब्जियां बेचकर अपने गांव निकल जाती हैं। करीब दो सौ किमी दूर बस्तर, बकावण्ड और जगदलपुर के अलावा ओडिशा से आने वाली इन महिलाओं को यहां मुनाफा ज्यादा दिखता है क्योंकि यहां सब्जियों के दाम अधिक हैं। 


रहन-सहन और पहवाना भी अलग:  बस्तर की जनजातियों के रहन-सहन और पहनावे के साथ श्रृंगार भी अलग अलग हैं। इस बारे में बस्तर के जाने-माने मानव विज्ञानी डाॅ राजेन्द्र सिंह कहते हैं कि बस्तर के दरभा, तोकापाल, छिन्दगढ़, बस्तर और जगदलपुर ब्लाॅक में बसने वाली धुरवा जनजाति के पुरूष भी अपनी हेयर स्टाइल से तुरंत पहचान लिए जाते हैं। 


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धुरवा पुरूषों के बाल 'चाणक्य' कट में होते हैं यानि सामने के बाल काट दिए जाते हैं और लंबी चोटी रखी जाती है। इधर, नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में फैले अबुझमाड़ में बसने वाली जनजाति अबुझमाड़िया पुरूषों की पगड़ी भी उनकी पहचान बता जाती है। वहीं नारायणपुर और कोण्डागांव जिलों में बसने वाली मुरिया ट्राइब की महिलाएं एक या दो चोटी रखती हैं। 


जार्ज पंचम के सिक्के श्रृंगार में काम आ रहे:   ब्रितानी हुकूमत होने के दौरान जार्ज पंचम के खरे चांदी के सिक्के सालों पहले चलन में आए और राज खत्म होने पर इनका चलन भी बंद हो गया लेकिन चांदी का मोल अब भी है। अबुझमाड़ में महिलाएं जार्ज पंचम के सिक्कों को माले के साथ पहनती हैं। अब ये भी इनके श्रृंगार का हिस्सा है। 

पूर्व मंत्री गागड़ा ने लगाए भूपेश सरकार पर गंभीर आरोप... बोले- सत्ताधारी दल के नेता तबादला उद्योग और वसूली में मस्त... तारलागुड़ा की रेत बेचने की फिराक में विधायक मण्डावी!

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22 June 2019


पंकज दाऊद @ बीजापुर। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने भूपेश सरकार और कांग्रेसियों पर कई गंभीर आरोप लगाते कहा है कि तारलागुड़ा में गोदावरी नदी की रेत को भी विधायक विक्रम मण्डावी अब पड़ोसी प्रांत के माफियों से मिलकर बेचने की फिराक में हैं। महेश गागड़ा ने कांग्रेसियों पर आम लोगों की समस्या को हाशिए पर रखकर तबादला उद्योग और उगाही में व्यस्त हो जाने का आरोप लगाया है। 


यहां लाईवलीहुड काॅलेज के सामने भाजपा ने एक दिनी धरना दिया और भूपेश सरकार पर कई आरोप लगाए। इस मौके पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने सीधा आरोप मढ़ा कि अब तारलागुड़ा की रेत भी हैदराबाद भेज दी जाएगी। इस गोरखधंधे में कांग्रेसी और तेलंगाना के माफियों ने एका कर लिया है। 

गागड़ा ने कहा कि वैसे भी तेलंगाना सरकार ने गोदावरी नदी से अपने हिस्से वाले इलाके देवादुला में एक प्रोजेक्ट तैयार किया है और यहां से पानी हैदराबाद ले जाने की योजना है। पानी के बाद अब छग के हिस्से वाले इलाके से रेत ले जाने की कांग्रेसियों की कसरत चिंता बढ़ाने वाली है। उन्होंने कहा कि यहां विधायक विक्रम मण्डावी को विकास से कोई लेना देना नहीं है। 


जिले में 30 पोटा केबिनों का संचालन हो रहा है और कांग्रेसियों ने यहां अधीक्षकों की नई पदस्थापना करने 100 शिक्षकों का नाम दिया है। पैसा लेकर शिक्षकों को भी झांसा दिया जा रहा है। इसी तरह बीआरसी के चार पद हैं और इन्हें बदलने के लिए आठ शिक्षकों के नाम दिए गए हैं। इसी तरह आश्रम अधीक्षकों को बदलने का खेल भी इन दिनों कांग्रेसी खेल रहे हैं। 

धरने में भाजपा के जिला प्रभारी एवं केशकाल के पूर्व विधायक सेवकराम नेताम, जिलाध्यक्ष जी वेंकट, भाग्यवती पुजारी, सुकमती भोगामी, श्रीनिवास राव मुदलियार, सुखलाल पुजारी, घासीराम नाग, ओंकार तारम, नीता शाह, जिलाराम राना, तिरूपति कटला, दशरथ परभुलिया, नकुल ठाकुर, संतू दास, जग्गू तेलामी, जागर लक्ष्मैया, मातियस कुजूर, सुनील साहू, संजय रिवानी, मनीष सिंह एवं अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता मौजूद थे। 

कमीशन के खेल में क्वालिटी बिगड़ी:
  पूर्व विधायक गागड़ा ने कहा कि निर्माण कार्याें में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। कांग्रेसी नेता कमीशन के खेल में उलझे हुए हैं और इधर, काम की क्वालिटी गिर रही है। गंगालूर रोड इसकी जीती जागती मिसाल है। इस मामले में एक सब इंजीनियर को सस्पेण्ड कर इतिश्री कर ली गई है और बड़े अफसर नहीं नप पा रहे हैं। भूपेष सरकार का सड़क साधनों पर से ध्यान हट गया है। इलमिड़ी और उसूर रोड नहीं बन पाई और बारिष सर पर आ गई है। 

पूर्व मंत्री ने भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते कहा कि इलेक्शन मेनीफेस्टो को दरकिनार कर दिया गया है। सहकारी बैंक के ही कर्जदार किसानों का कर्ज माफ किया गया है। बिजली बिल हाफ का वादा करने वाली सरकार अब बिजली हाफ कर रही है। लोकलुभावन वादों के साथ सत्ता में आई भूपेश सरकार अब इन मामलों पर मौन है। 

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दारू के पैसे से चल रहा है बैंक:  महेश गागड़ा ने कहा कि जिले में विकास कार्य ठप होते जा रहे हैं। इधर, बीजापुर जिले बैंकों में पैसा नहीं है। अब तो दारू के पैसे से बैंक चलाने की नौबत आ गई है। उन्होंने चुटकी लेते कहा कि क्या सीएम भूपेश बघेल ने शराब पीकर शराब बंदी की घोषणा की थी? गागड़ा ने कहा कि शराब के रेट बढ़ा दिए गए हैं और शक है कि इसका एक हिस्सा आबकारी मंत्री तक पहुंच रहा है। 

पार्टी के जिला प्रभारी एवं केशकाल के पूर्व विधायक सेवकराम नेताम ने कहा कि भूपेश बघेल में सरकार चलाने की कला नहीं है। सरकार कर्ज में डूबी है और विकास के काम नहीं हो पा रहे हैं। बिजली के मामले में सरप्लस स्टेट छग में अब बार-बार बिजली गुल हो रही है जबकि भाजपा के काल में भी प्राकृतिक आपदा आती थी और आपूर्ति में व्यवधान होता था लेकिन तब ऐसी स्थिति नहीं थी। 


खदानों को उद्योग घरानों को दिए जाने के विरोध में नक्सली... पर्चे फेंक जताया ऐतराज, सुरक्षाबलों की वापसी की मांग भी की

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बीजापुर। नक्सलियों ने बस्तर के खदानों को बड़े औद्योगिक घरानों को दिए का विरोध करते इसे आदिवासियों के साथ अन्याय बताते यहां से सुरक्षाबलों की वापसी की मांग की है। इस आशय के पर्चे नक्सलियों की मद्देड़ एरिया कमेटी ने गोरला नाले के आसपास फेंके और भाजपा-कांग्रेस की सरकारों को दमनकारी बताया। 


मद्देड़ एरिया कमेटी ने कहा है कि डीआरजी, एसटीएफ और ब्लैक पैंथर्स को वापस किया जाए। जल, जंगल और जमीन को बचाने क्रांतिकारी जनताना सरकार का निर्माण किया जाएगा। बड़े उद्योग घरानों को फायदा पहुंचाने केन्द्र सरकार के मंत्री नई योजनाएं बना रहे हैं। मेहनतकश जनता की जमीनों का हड़पने की साजिश की जा रही है। 

पर्चे में नक्सलियों ने कहा है कि जनता को गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। जमीन को बचाने प्रतिरोध तेज किया जाएगा। जनसंघर्ष का विस्तार किया जाएगा। मद्देड़ एरिया कमेटी ने कहा है कि गांवों में पुलिसिया अत्याचार की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जानी चाहिए। 
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