बीजापुर। ये कर्जमाफी का जादू है या फिर 2500 रूपए समर्थन मूल्य का कि बीजापुर जिले में पिछले साल के मुकाबले इस साल धान बीज की खपत सीधे 34 फीसदी बढ़ गई है। पिछले साल जिलें के 4497 के खपत के मुकाबले इस साल अब तक 6810 क्विंटल धान बीज की खपत लैम्प्सों से हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक इस साल यहां 6967.90 क्विंटल धान बीज का भण्डारण किया गया और लैम्प्सों से अब तक 6810 क्विंटल का उठाव हो गया है। 34 फीसदी खपत बढ़ने की वजह जानकारों के मुताबिक कई हो सकती है। इसके तीन से चार कारक बताए जा रहे हैं।
जानकारों का मानना है कि अव्वल तो ये कि कर्ज से उबरे किसानों में फिर से अच्छी खेती करने की ष्ताकत आई या फिर सपोर्ट प्राइज ज्यादा होने के कारण उन्होने धान की खेती को ही पसंदीदा माना। खबर है कि प्रषासनिक अफसरों ने भी जोर दिया। इसकी वजह से एसएडीओ, आरएईओ और लैम्प्स मैनेजरों से मई में ही ज्वाइंट कैम्प लगाकर किसानों को बुलाया और बैठक ली।
इस इलाके में बोनी अमूमन लेट होती है। जल्दी बोनी के लिए बीजों को जल्दी किसानों तक पहुंचाना जरूरी है। इसी कारण कैम्प लगाए गए और किसानों को जल्दी बोनी के लिए प्रेरित किया गया। जिले में पहली बार मई में ही कैम्प का आयोजन किया गया।
सहायक संचालक कृषि सत्यजीत सिंह कंवर के मुताबिक 34 फीसदी अधिक खपत के कई कारण हैं। उन्होंने बताया कि जिले में सबसे अधिक एमटीयू 1001 एवं एमटीयू 1010 को किसान पसंद कर रहे हैं। महेष्वरी एवं बम्बलेष्वरी किस्मों की मांग भी काफी है। सहायक संचालक एस कंवर के मुताबिक डीआरआर 42, डीआरआर 44, एचएमटी, समलेष्वरी एवं स्वर्णा किस्म के धान भी किसान लगाते हैं। इन किस्मों का वितरण लैम्प्स के जरिए किसानों को किया गया।
केसीसी के लिए भी आतुरता: सहायक संचालक सत्यजीत सिंह कंवर ने बताया कि जिले में 30129 किसान परिवार हैं। इस साल नए किसान के्रडिट कार्ड बनवाने के लिए भी किसानों में आतुरता दिखाई दी। पहले ही जिले में 19640 केसीसी हैं और इस साल 3666 नए आवेदन केसीसी के लिए आए हैं। धान की फसल में इस जिले में एक हेक्टेयर के लिए तीस हजार कर्ज बिना ब्याज के किसानों को दिए जाने का प्रावधान है। इसमें से साठ प्रतिशत नगद और चालीस प्रतिशत खाद बीज के रूप में दिया जाता है।