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BJP सांसद संतोष पांडेय को नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी दी... RSS का प्रचार करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी

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05 September 2019


राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से भाजपा सांसद संतोष पांडेय को नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी दी है। आरएसएस प्रचारक के नाम से भेजे गए पत्र में सांसद को संघ का प्रचार नहीं करने के लिए चेतावनी दी है। 


भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने इस मामले की शिकायत एसपी से की है। जिसके बाद मामले की जांच की जा रही है। 




जानकारी के मुताबिक एक वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक के नाम से यह धमकी भरा पत्र संघ के एक कार्यकर्ता को भेजा गया है। इस पत्र में संघ की विचारधारा का प्रचार नहीं करने के लिए चेतावनी दी गई है। साथ ही भाजपा सांसद संतोष पांडेय को प्रचार करने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। यह पत्र करीब एक माह पुराना बताया जा रहा है। 


बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय दंतेवाड़ा के बीजेपी विधायक भीमा मंडावी को भी नक्सलियों ने निशाना बनाया था। नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर भीमा मंडावी की गाड़ी को उड़ाया था। जिसमें उनके सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए थे। 






इसके अलावा हाल ही में कांकेर जिले में भी आरएसएस से जुड़े एक कार्यकर्ता दादूसिंह की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी। वहीं बस्तर में मिले नक्सली पर्चे में भी लोगों से आरएसएस का प्रचार प्रसार करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी माओवादियों द्वारा दी गई है।  

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ओजस्वी मण्डावी के नामांकन में भाजपा झोंकेगी पूरी ताकत, BJP के ये दिग्गज नेता दंतेवाड़ा में डालेंगे डेरा !

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01 September 2019


रायपुर। दंतेवाड़ा का उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा कोई कोर कसर नहीं बाकि रखना चाहती है। बस्तर संभाग की 12 सीटों में से 11 सीटें भाजपा के खाते में नहीं है। लिहाजा पार्टी अपनी यह इकलौती सीट बचाने के लिए पूरा दमखम लगाएगी। 



इसके लिए बीजेपी ने रणनीति बना ली है। बताया जा रहा है कि भाजपा उम्मीदवार ओजस्वी मण्डावी के नामांकन के दौरान 4 सितंबर को पार्टी के कई दिग्गज नेतागण दंतेवाड़ा में जुटेंगे। सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और चुनाव प्रभारी शिवरतन शर्मा सहित सभी सांसद, विधायक दंतेवाड़ा में चार सितंबर से डेरा डालेंगे।




बताया गया है कि 4 सितंबर को ओजस्वी मण्डावी नामांकन दाखिल करेंगी। इस दिन पूरे तामझाम और शक्ति प्रदर्शन के बीच नामांकन दाखिल किया जाएगा। इसके दूसरे दिन से दंतेवाड़ा विधानसभा के हर गांव में लगातार नेताओं के सभाओं का दौर चलेगा। इस बीच कुछ केंद्रीय नेताओं को भी बुलाने के प्रयास होंगे। 



बता दें कि दंतेवाड़ा में उपचुनाव के लिए 23 सितंबर को मतदान होना है। इसके दो दिन पहले 21 सितंबर को चुनाव प्रचार थमेगा। नामांकन भरने की अंतिम तिथि चार सितंबर है। इसके लिए तय किया गया है कि इस दिन प्रदेश से सभी बड़े नेता दंतेवाड़ा में रहेंगे और उनकी उपस्थिति में ही भाजपा प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करेंगी। 



हालांकि, इसके पहले वह स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ दो सेट पहले ही जमा कर लेंगी। इसके बाद बड़ी रैली निकालकर नामांकन भरा जाएगा। 



भाजपा संगठन ने तय किया है कि दंतेवाड़ा का चुनाव जीतने के लिए सभी नेता दंतेवाड़ा में रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी ज्यादा से ज्यादा समय दंतेवाड़ा में देंगे और उनकी ज्यादा सभाएं कराने का प्रयास होगा। इसके अलावा प्रचार का जिम्मा प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों पर भी रहेगा। भाजपा ने इस चुनाव को गंभीरता से लेते हुए सभी को दंतेवाड़ा में जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। 



भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने बताया कि चुनाव जीतने के लिए सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है। दंतेवाड़ा में प्रदेश के सभी बड़े नेताओं की लगातार सभाएं होंगी। वहीं मतदान से पहले केंद्रीय नेताओं को बुलाकर उनकी भी सभाएं कराने का प्रयास होगा। हालांकि, किन नेताओं की सभाएं होंगी यह अभी तय नहीं है। 

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सालभर में बीजेपी ने खोए कई नायाब 'हीरे'... इन दिग्गज नेताओं को पार्टी ने खो दिया, कमी हमेशा खलेगी

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24 August 2019


नई दिल्ली। पिछले एक साल में बीजेपी ने अपने कई दिग्गज नेताओं को खो दिया है। बीते साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद बीजेपी ने कई 'हीरे' गंवाए हैं। 




  • बीजेपी सत्ता के शिखर पर है लेकिन पिछला एक साल पार्टी के लिए बेहद नुकसानदेह रहा। 
  • इस एक साल में बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं का निधन हो गया।
  • अगस्त 2018 में वाजपेयी के निधन के बाद अनंत कुमार और मनोहर पर्रिकर का निधन हुआ।
  • कुछ दिन पहले ही सुषमा स्वराज का निधन हुआ और अब अरुण जेटली भी दुनिया छोड़कर चले गए।

ये ऐसे नेता रहे हैं जो देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर अपनी विशेष पहचान रखते थे और जिन्होंने देश के बड़े ओहदों पर रहते हुए खास जिम्मेदारियों का निर्वाह किया। शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी निधन हो गया। इस पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि एक साल में हमने कई नेताओं को खो दिया है। 


  • अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसंबर 1924 से 16 दिसंबर 2018) 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साल 2018 में 16 अगस्त को दुनिया छोड़कर चले गए। वाजपेयी लंबे समय से बीमार थे। 2004 में चुनाव हारने के बाद वाजपेयी ने राजनीति से संन्यास ले लिया था और उसके बाद वह कभी भी सार्वजनिक जीवन में नहीं आए। 

2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। अटल बीजेपी के संस्थापकों में शामिल थे और तीन बार प्रधानमंत्री बने। हालांकि वह एक बार ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर सके। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। 





  • अनंत कुमार (22 जुलाई 1959 से 12 नवंबर 2018) 
बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे दिग्गज नेता अनंत कुमार का 12 नवंबर 2018 को 59 वर्ष की आयु में हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे। वे मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री थे। 1996 से वह दक्षिणी बेंगलुरु की सीट का प्रतिनिधित्व करते थे। वह कर्नाटक की बात करने में हमेशा अग्रणी रहते थे। 





  • मनोहर पर्रिकर (13 दिसंबर 1955 से 17 मार्च 2019) 
रक्षा मंत्री के रूप में देश की अहम जिम्मेदारी संभालने वाले मनोहर पर्रिकर का 63 वर्ष की आयु में 17 मार्च को निधन हो गया। वह भी लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। खराब स्वास्थ्य के दौरान भी वह गोवा के मुख्यमंत्री थे। उन्हें विशेष मांग पर गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया था। 

मनोहर पर्रिकर इससे पहले केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री थे। उनके इस पद पर रहते हुए ही भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान वह राज्यसभा से सांसद थे। 




  • सुषमा स्वराज (14 फरवरी 1952 से 6 अगस्त 2019) 
बीजेपी की वरिष्ठ नेता और प्रखर वक्ता सुषमा स्वराज का कुछ दिन पहले ही अचानक निधन हो गया। स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते उन्होंने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था। वाजपेयी सरकार में वह सूचना प्रसारण मंत्री थीं और मोदी सरकार में विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने पूरी दुनिया में एक उदाहरण प्रस्तुत किया। मात्र 25 साल की उम्र में वह राजनीति में आ गई थीं। 



  • अरुण जेटली (28 दिसंबर 1952 से 24 अगस्त 2019) 
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का 24 अगस्त को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले दिनों उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट भी करवाया था। उनका जीवन उपलब्धियों से भरा था और बतौर वित्त मंत्री उन्होंने कई सुधार करते हुए अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दी। 

जेटली 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद जेल में इनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेताओं से हुई और उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। अटल सरकार में वह कानून मंत्री भी रहे। 




दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों व सीएम का निधन  यह मजह इत्तेफाक है कि इस साल अगस्त महीने में ही दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों (सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) का निधन हुआ, जबकि एमपी के पूर्व सीएम बाबूलाल गौर का निधन भी अगस्त महीने में ही हुआ। वहीं, बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा का निधन 19 अगस्त को दिल्ली के द्वारका में हुआ था। 

बीजेपी का कुनबा बढ़ाने छिड़ी मुहिम, सदस्यता अभियान के तहत बढ़ेंगे 20 फीसदी मेंबर... संगठन मंत्री बोले- कार्यकर्ताओं से हैं नेता

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06 July 2019


बीजापुर। भारतीय जनता पार्टी ने डॉ श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती से सदस्यता अभियान की शुरूवात करते मेंबरशिप २० फीसदी बढ़ाने का टारगेट तय किया है। यहां इसी मुहिम के लिए प्रदेश संगठन मंत्री एवं सदस्यता अभियान के प्रदेश सह प्रभारी किरण देव ने बैठक में साफ कह दिया कि नेता तब हैं जब कार्यकर्ता हैं और हमें कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाना है।



यहां पार्टी कार्यालय में शनिवार को सदस्यता अभियान के पहले दिन प्रदेश संगठन मंत्री की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें बताया गया कि सदस्यता अभियान 11 अगस्त तक चलेगा। किरण देव ने कहा कि बूथ लेवल पर बीस फीसदी सदस्यता बढ़ाना है और इसके लिए सभी ओहदेदार नेताओं को भी कार्यकर्ता की तरह काम करना होगा।

सदस्यता अभियान को पर्व की तरह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने पंडित श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी के जम्मू और कश्‍मीर के लिए किए गए योगदान का स्मरण करते कहा कि एक देश में दो झण्डे नहीं हो सकते। कश्‍मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसे भारत से अलग करने की कोशिश की जा रही है।


बैठक में भाजपा नेता जी वेंकट, राजाराम तोड़ेम, राजेश श्रीवास्तव,  श्रीनिवास मुदलियार, जग्गू तेलामी, भाग्यवती पुजारी, घासीराम नाग, सुखलाल पुजारी, सुखमती भोगाम, इकबाल खान, ओंकार तारम, तिरूपति कटला, संतूदास मानिकपुरी, सिरोज विष्वकर्मा, जिलाराम राना, सुंदर पुजारी एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

ऑनलाइन पर जोर:प्रदेश सह सदस्यता प्रभारी किरण देव ने महिलाओं को झिझक दूर करने की समझाइश देते कहा कि वे पार्टी की ऑॅनलाइन सदस्यता ग्रहण करें और जिसे नहीं मालूम है, उन्हें भी ये जानकारी दें। उन्होंने कहा कि पिछले पंद्रह सालों में रमन सरकार ने महिलाओं  के लिए कई काम किए। उनके लिए नई योजनाएं बनाईं। ऐसे में महिलाओं को झिझक दूर कर आगे आना चाहिए।



'मोदी कैबिनेट 2' में मंत्रियों के विभागों का हुआ बंटवारा... अमित शाह को गृह, राजनाथ को रक्षा, निर्मला को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी, देखें पूरी लिस्ट

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31 May 2019


नई दिल्ली। पीएम मोदी की नई कैबिनेट के विभागों का बंटवारा शुक्रवार को किया गया। मोदी सरकार में पहली बार शामिल होने वाले अमित शाह को गृह मंत्रालय मिला है। वहीं, राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय और पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।




इसके अलावा निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय मिला है। जबकि नितिन गडकरी को सड़क परिवहन और राजमार्ग और रविशंकर प्रसाद को कानून मंत्री बनाया गया है। वहीं, नरेंद्र सिंह तोमर को कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। 

बता दें कि प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाले नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी।



स्मृति ईरानी को महिला-बाल विकास विभाग:  मोदी कैबिनेट में स्मृति ईरानी को महिला और बाल विकास मंत्रालय के साथ कपड़ा विभाग मंत्रालय भी दिया गया है। रेल मत्रालय की जिम्मेदारी पीयूष गोयल को मिली है। 

वहीं, प्रकाश जावडेकर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ पर्यावरण मंत्री भी बनाया गया है, इसके अलावा उन्हें वन एवं जलवायु विभाग दिया गया है। जबकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय रमेश पोखरियाल निसंक के पास रहेगा। धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम और नेचूरल गैस मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय भी दिया गया है।



इनके अलावा गिरिराज को पशुपालन मंत्रालय, मुख्तार अब्बास नकवी को केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण, रामविलास पासवान को उपभोक्ता मंत्रालय, हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्रालय, सदानंद गौड़ा को रसायन, महेंद्र नाथ पांडेय को कौशल विकास और अर्जुन मुंडा को आदीवासी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में दिवंगत विधायक भीमा मण्डावी के परिवार को नहीं मिला न्यौता... उपेक्षा से आहत पत्नी ओजस्वी नें इस तरह किया दर्द बयां

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दंतेवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 57 मंत्रियों ने गुरूवार की शाम पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने देश-विदेश के हजारों लोगों को न्यौता भेजा गया। समारोह में पश्चिम बंगाल के दिवंगत भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी बुलावा भेजा गया लेकिन नक्सली हमले में मारे गए छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक भीमा मण्डावी के परिवार को न्यौता नहीं मिला। 


इस उपेक्षापूर्ण रवैये से आहत दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि समारोह में नहीं बुलाए जाने पर खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हूं। ओजस्वी मंडावी पश्चिम बंगाल के दिवंगत कार्यकर्ताओं के परिवारों को बुलाए जाने को लेकर पत्रकारों से अपनी बात कह रही थीं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरी बार बतौर प्रधानमंत्री पद व गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हुए इस भव्य समारोह के लिए देश और दुनिया से तमाम विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इनमें लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजन भी शामिल थे।  




ऐसे में भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने परिवार को नहीं बुलाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है। दंतेवाड़ा स्थित अपने निवास में मीडिया से चर्चा में ओजस्वी मंडावी ने कहा कि उनके पति भी भाजपा के कार्यकर्ता थे। नक्सली हमले में उनकी शहादत हुई लेकिन उनके इस बलिदान को भुला दिया गया। 


ओजस्वी के मुताबिक आज भी उनका परिवार पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित है। ऐसे में उनके परिवार की इस अनदेखी से वे हैरान हैं। बता दें कि ओजस्वी मंडावी के पति और दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की लोकसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पूर्व 9 अप्रैल को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर हत्या कर दी थी।


बता दें कि ओजस्वी मण्डावी उस वक्त चर्चा में आईं थी जब पति की हत्या के दो दिन बाद वे अपने परिवार के साथ गृहग्राम गदापाल में मतदान करने पहुंची थीं। 

भाजपा दफ्तर में पीएम मोदी बोले- जनता ने इस फकीर की झोली भर दी... ये जीत देश के 130 करोड़ नागरिकों के नाम समर्पित

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23 May 2019


नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के रुझानों व परिणामों ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने और केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने की ओर इशारा कर दिया।इसके बाद से देशभर में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के उत्साह के बीच दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर जश्न का माहौल जारी है। 


जोरदार नारेबाजी और जबरदस्त स्वागत के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भगवा रंग में सजे भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां अमित शाह ने पीएम मोदी का स्वागत किया।

भाजपा दफ्तर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के कोटी-कोटी नागरिकों ने इस फकीर की झोली को भर दिया। मैं भारत के 130 करोड़ नागरिकों का सिर झुका कर नमन करता हूं। लोकतंत्र के इतिहास में सबसे बड़ी घटना है। यह जीत समूचे देशवासियों की है। ये जो मतदान का आंकड़ा है ये अपने आप में लोकतांत्रिक विश्व के इतिहास की सबसे बड़ी घटना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव में मैं पहले दिन से कह रहा था कि चुनाव कोई दल नहीं लड़ रहा। कोई उम्मीदवार, नेता नहीं लड़ रहा है, ये चुनाव देश की जनता लड़ रही है। आज मेरी उस भावना को जनता जनार्दन ने प्रकट कर दिया है। इसलिए अगर कोई विजयी हुआ है तो हिंदुस्तान विजयी हुई है, लोकतंत्र विजयी हुआ है, जनता विजयी हुई है।  
मोदी ने कहा- इस लोकसभा चुनाव में जो विजय हुए हैं मैं दिल से बधाई देता हूं, सभी विजयी उम्मीदवारों जो किसी भी दल के हों, देश के उज्जवल भविष्य के लिए देश की सेवा करेंगे, इस विश्वास के साथ सभी को शुभकामना देता हूं। 

मोदी ने कहा कि इस लोकतंत्र के उत्सव में लोकतंत्र की खातिर जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया है, जो घायल हुए हैं, उनके पारिवारजनों के प्रति मैं संवेदना प्रकट करता हूं। विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में बनने वाले सरकारों को हर संभव सहयोग का वादा करता हूं। 


भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कहा कि कई मायने में ये जीत ऐतिहासिक है। 50 साल के बाद पहली बार देश में पूर्ण बहुमत से शासन करने वाला प्रधानमंत्री, दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। ये सम्मान हम सबके लोकप्रिय नेता, भाजपा के लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी जी को मिला है। 

इससे पहले भाजपा कार्यालय पहुंचने पर पीएम मोदी का भाजपा अध्‍यक्ष ने अमित शाह ने फूलों का गुलदस्‍ता देकर स्‍वागत किया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्‍वराज, थावर चंद गहलोत, शिवराज चौहान, जेपी नड्डा समेत भाजपा के सभी दिग्‍गज नेताओं ने पीएम मोदी का बड़ी माला पहना कर अभिनंदन किया। 

जीत के बाद अब पीएम मोदी नहीं रहे 'चौकीदार'... ट्विटर पर अपने नाम से हटाया 'चौकीदार' शब्द, दूसरों से भी हटाने का किया आग्रह

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भाजपा अप्रत्याशित सफलता हासिल करने की ओर है। प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ रही भाजपा ने सारे विपक्षी दलों को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को शुक्रिया अदा करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से 'चौकीदार' शब्द को हटा दिया है। 


प्रधानमंत्री मोदी ने चौकीदार शब्द हटाने के साथ ही एक ट्वीट भी किया है। 
ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है, 'अब समय आ गया है कि चौकीदार की भावना को अगले पड़ाव पर ले जाया जाए। इस इच्छाशक्ति को बनाए रखिए और देश के विकास के लिए हर क्षण कार्य करते रहिए। यह शब्द 'चौकीदार' मेरे ट्विटर अकाउंट से हट रहा है लेकिन यह मेरा अभिन्न अंग रहेगा। मैं आपसे भी ऐसा करने की अपील करता हूं।'

बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार में चौकीदार शब्द छाया रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को 'चौकीदार' बताया था। इसके बाद राहुल गांधी ने राफेल डील में घोटाले का आरोप लगाते हुए 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया। इस मामले को अगले लेवल तक लेकर जाते हुए पीएम मोदी ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया था। मोदी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रियों ने भी ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया था। 

BJP की प्रचंड जीत पर पीएम मोदी ने किया ट्वीट, लिखा- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास = 'विजयी भारत'

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक बढ़त पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। चुनाव नतीजों में मिली ऐतिहासिक बढ़त के बाद अपने पहले ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास' के आगे 'सबका विश्वास' जोड़ा।


मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'सबका साथ+सबका विकास+ सबका विश्वास = विजयी भारत। हम साथ में बढ़ेंगे। साथ में समृद्धि लाएंगे। हम मिलकर एक मजबूत और समावेशी भारत का निर्माण करेंगे। भारत फिर से जीता!'

एनडीए की जीत पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्वीट कर बधाई दी। शाह ने लिखा, 'अपने अथक परिश्रम से देश के हर बूथ पर बीजेपी को मजबूत कर मोदी सरकार बनाने वाले बीजेपी के करोड़ों कर्मठ कार्यकर्ताओं को इस ऐतिहासिक विजय की हार्दिक बधाई। यह जीत पूरे भारत की जीत है। देश के युवा, गरीब, किसान की आशाओं की जीत है।'


इधर, बीजेपी की जीत पर लालकृष्ण आडवाणी ने भी ट्वीट कर बधाई दी है।
आडवाणी ने कहा- 'चुनावों में इस अभूतपूर्व जीत और भाजपा को आगे बढ़ाने के लिए नरेंद्र भाई मोदी को हार्दिक बधाई। भाजपा अध्यक्ष के रूप में अमित भाई शाह और पार्टी के सभी समर्पित कार्यकर्ताओं ने यह सुनिश्चित करने का भरसक प्रयास किया कि भाजपा का संदेश हर मतदाता तक पहुंचे।'

5 साल में पीएम मोदी की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस... पूछे गए 19 सवाल पर नहीं दिया कोई जवाब... क्या सोचते रहे पीएम मोदी देखिए VIDEO

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18 May 2019


नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार का आखिरी दिन ऐतिहासिक रहा। जो पिछले पांच साल में कभी देखने को नहीं मिला, वो चुनाव प्रचार के आखिरी दिन हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ 5 साल में पहली बार पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। हालांकि, नरेंद्र मोदी ने किसी भी पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया।


मोदी ने कहा कि 'मैं पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं। जवाब अध्यक्षजी ही देंगे।' प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने कुल 19 सवाल पूछे। इन सभी सवालों के जवाब अमित शाह ने दिए। इस दौरान पीएम मोदी शांत बैठे रहे।  

इससे पहले मोदी ने दोबारा सत्ता में आने का विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि ये चुनाव सकारात्मक और शानदार रहा है। हमें विश्वास है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय बाद देश में कोई पार्टी लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर आ रही है।

देखिए VIDEO


उधर, मोदी-शाह की प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कॉन्फ्रेंस की। राहुल ने कहा, 'मैं लाइव सवाल पूछ रहा हूं, पीएम मोदी ने राफेल के मुद्दे पर मुझसे खुली बहस क्यों नहीं की?' राहुल के इस सवाल को लेकर जब शाह ने पूछा गया, तो उन्होंने कहा- जब संसद में इस पर जवाब दिए गए, तब राहुल वहां सुनने के लिए भी नहीं बैठे।

प्रज्ञा के बयान पर भड़के मोदी, कहा- मैं उन्हें कभी मन से माफ नहीं कर पाऊंगा... शाह की सफाई- ऐसे बयानों से पार्टी का लेना-देना नहीं !

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17 May 2019


नई दिल्ली। भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों पर शुक्रवार को पीएम मोदी ने सफाई दी। उन्होंने न्यूज 24 को दिए इंटरव्यू में कहा, 'गांधीजी और गोडसे के संबंध में जो भी बयान दिए गए, ये भयंकर खराब हैं। घृणा और आलोचना के लायक हैं, सभ्य समाज में ये सोच नहीं चल सकती। ऐसी बातें करने वालों को आगे सौ बार सोचना चाहिए।' 


मोदी ने कहा- 'प्रज्ञा ने माफी मांग ली है, ये अलग बात है। लेकिन मैं मन से उन्हें माफ नहीं कर पाऊंगा।' उधर, इन विवादास्पद बयानों पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भी डैमेज कंट्रोल के लिए आना पड़ा। 

शाह ने ट्वीट किया- 'विगत 2 दिनों में अनंत कुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और नलिन कटील के जो बयान आए हैं, वे उनके निजी बयान हैं। उन बयानों से भाजपा का कोई संबंध नहीं है। तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया गया है। समिति तीनों नेताओं से जवाब मांगकर पार्टी को 10 दिन में रिपोर्ट दे।'


बता दें कि भोपाल से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरुवार को प्रचार के दौरान कहा कि नाथूराम गाेडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। गोडसे को आतंकी कहने वाले अपने गिरेबां में झांककर देखें। हालांकि, विवाद होने पर बाद में प्रज्ञा ने माफी मांग ली। प्रज्ञा के बयान की रिपोर्ट आगर-मालवा के जिला निर्वाचन अधिकारी ने मध्यप्रदेश चुनाव आयोग को सौंप दी है।

गौरतलब है कि अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने पिछले दिनों तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को पहला हिंदू आतंकवादी कहा था। मीडियाकर्मियों ने जब प्रज्ञा से हासन के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने गोडसे को देशभक्त बता दिया। 

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प्रज्ञा पर दर्ज हो देशद्रोह का मामला:  वहीं, प्रज्ञा के बयान को लेकर कांग्रेस आक्रामक है। उसने प्रज्ञा पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राष्ट्रपिता के बारे में ऐसा कहने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होना चाहिए। शुक्र है कि उन्होंने गोडसे को देवता नहीं कहा। यह बयान भाजपा की सोच का प्रतीक है। 

पूर्व सीएम व भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कहा कि नाथूराम गोडसे, महात्मा गांधी का हत्यारा था। उसे भाजपा नेता महिमामंडित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष और भाजपा नेता देश से माफी मांगें। गोडसे को महिमामंडित करना देशभक्ति नहीं, देशद्रोह है।

BJP को बहुमत नहीं मिला तो... चुनाव के बाद NDA में शामिल हो सकते हैं ये दल... इन पार्टियों पर है मोदी की नजर!

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08 May 2019


नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी दो चरण की वोटिंग बाकी है। चुनाव के आखिरी दौर में विपक्ष ही नहीं बल्कि बीजेपी के कुछ नेता और उसके सहयोगी दल भी यह मानकर चल रहे हैं कि नरेंद्र मोदी इस बार बहुमत का जादुई आंकड़ा छू नहीं पाएंगे।



पहले सुब्रमण्यम स्वामी, फिर राम माधव और अब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कह दिया है कि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिलना मुश्किल है। चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए बीजेपी को सहयोगी दलों की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए कौन-कौन से दल बीजेपी के साथ आ सकते हैं?

बता दें कि यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब और तमिलनाडु सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी गठबंधन करके चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा बाकी राज्यों में बीजेपी अकेले दम पर सियासी संग्राम में है। जबकि 2014 में बीजेपी 27 दलों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी। 


इस बार के चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदले हुए हैं। बीजेपी के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में जहां विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन है तो वहीं कांग्रेस की सियासी जमीन 2014 से मजबूत नजर आ रही है। ऐसे में बीजेपी ने यूपी में अपना दल, बिहार में जेडीयू-एलजेपी, महाराष्ट्र में शिवसेना, पंजाब में अकाली दल, तमिलनाडु में AIADMK और पूर्वात्तर के राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है। 

बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ बहुमत के जादुई आंकड़े को नहीं छू पाती है तो सरकार बनाने के लिए उसे कई और सहयोगी दलों की जरूरत पड़ेगी। ऐसी स्थिति में बीजेपी की नजर ऐसे दलों पर रहेगी जो कांग्रेस के खिलाफ कभी न कभी बिगुल फूंकते नजर आए हैं। 



  • वाईएसआर कांग्रेस

बीजेपी की पहली कोशिश आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पर है, जो 2014 में कांग्रेस से टूटकर पार्टी बनी है। माना जा रहा है कि इस बार आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस को अच्छी खासी सीटें मिलेंगी। जगन रेड्डी पहले ही साफ संकेत दे चुकें हैं कि वो उसी के साथ केंद्र में जाएंगे जो आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेट्स का दर्जा देगा। कांग्रेस से जगन की अदावत किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में संभावना है कि चुनाव के बाद वाईएसआर बीजेपी को अपना समर्थन दे सकते हैं।


  • टीआरएस 

बीजेपी की नजर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी टीआरएस पर भी है। केसीआर की पार्टी ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग किया था। इसके अलावा कई ऐसे मौके आए जब वो सरकार के साथ खड़े नजर आए थे। तेलांगना में केसीआर का मुकाबला बीजेपी के बजाय कांग्रेस से हैं। ऐसे में अगर बीजेपी को सरकार बनाने की जरूरत पड़ती है तो केसीआर का साथ मिल सकता है। भले ही वो सरकार में न शामिल हों, लेकिन बाहर से समर्थन दे सकते हैं।



  • बीजेडी

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी पहले भी एनडीए के साथ रह चुकी है। इसके अलावा पिछले पांच साल में मोदी सरकार के बड़ें फैसलों पर बीजेडी का साथ मिला। ऐसे में संभावना है कि मोदी को सरकार बनाने के लिए अगर कुछ सीटों की अवश्यकता पड़ती है तो बीजेडी अपना समर्थन दे सकती है। हालांकि, इस बार ओडिशा की सियासी लड़ाई में बीजेपी जिस मजबूती के साथ लड़ी है ऐसे में यह दोस्ती परवान चढ़ेगी इसे लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

बीजेपी की नजर शरद पवार की पार्टी एनसीपी पर भी है। हालांकि, एनसीपी महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी है। इसके बावजूद जिस तरह से नरेंद्र मोदी और पवार के रिश्ते हैं, ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसके अलावा बीजेपी की नजर छोटे-छोटे राजनीतिक दलों पर भी रहेगी। इसमें जम्मू-कश्मीर की नेशनल कॉफ्रेंस, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM, ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो प्रमुख हैं। 

पीएम मोदी के गोद लिए गांव में लगा पोस्टर- 'यह चौकीदारों का गांव है, यहां चोरों का आना वर्जित'

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वाराणसी। लोकसभा चुनाव की सरगर्मी में इस बार 'चौकीदार' और 'चोर' शब्द चारों ओर गूंज रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए 'चौकीदार चोर है' का नारा छेड़ा तो मोदी ने उसे ही राष्ट्र सुरक्षा के लिए अपना हथियार बना लिया। भाजपा के सभी आला नेता 'मैं भी चौकीदार' बन गए। 



यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और राहुल गांधी को कोर्ट से माफी भी मांगनी पड़ी। इन सबके बीच पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांव ककरहिया में लगा एक पोस्टर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है।


दरअसल, ग्रामीणों ने गांव में जगह-जगह पोस्टर चस्पा किए हैं, जिसमें 'यह चौकीदारों का गांव है, यहां चोरों का आना वर्जित है' लिखा है। इस गांव में रहने वाले  भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि पीएम मोदी ने ककहरिया गांव गोद लिया था। इससे यहां की तस्वीर बदल गई। गांव में काफी विकास कार्य कराए गए। 



ग्रामीणों के मुताबिक इससे पहले जो भी सांसद व विधायक जीत कर आता था वह हमारे गांव को विकास को दरकिनार कर देता था, लेकिन मोदी ने गांव का कायाकल्प कर दिया। गांव में बिजली व पानी की व्यवस्था ठीक हुई है। 


प्रधानमंत्री मोदी को चोर कहकर संबोधित करने वालों ने पूरे देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। ऐसे लोगों का हमारे गांव में कदम नहीं पड़े इसलिए ऐसे पोस्टर लगाए हैं। गांवों के लोगों द्वारा किए जा रहे इस तरह के विरोध प्रदर्शन को लेकर तरह-तरह की चर्चा भी हो रही है।

'बाबर की औलाद' पर फंसे योगी, चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर मांगा जवाब

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03 May 2019


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बाऱ फिऱ चुनाव आयोग के रडार पर आ गये हैं। और इस बार भी वजह है योगी आदित्यनाथ का बेतुका बयान। योगी ने महागठबंधन के उम्मीदवार को 'बाबर की औलाद' कहा था जिसके बाद चुनाव आयोग ने अब उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है।




चुनाव आयोग ने उल्लेख किया है कि उत्तर प्रदेश के संभल में 19 अप्रैल को आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुये योगी ने कहा, 'क्या आप देश की सत्ता आतंकवादियों को सौंप देंगे जो खुद को बाबर की औलाद कहते हैं... उनको जो बजरंगबली का विरोध करते हैं।' 


चु़नाव पैनल ने योगी को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय देते हुये आदर्श आचार संहिता के एक प्रावधान का उल्लेख किया गया है जिसमें कहा गया है कि समुदायों के मध्य परस्पर घृणा उत्पन्न करने या मतभेदों को बढ़ाने वाली कोई गतिविधि नहीं की जायेगी।



ये बयान योगी आदित्यनाथ ने उस वक्त दिया था जब वो चुनाव आयोग के 72 घंटे के बैन के बाद पहली बार प्रचार के लिए उतरे थे। संभल की रैली में उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवार शफिकुर्रहमान बर्क के खिलाफ विवादित बयान दिया था। महागठबंधन ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी और अब आज सीएम योगी को इस पर जवाब देना है।


बता दें कि विवादित बयान की वजह से सीएम योगी पर इससे पहले 72 घंटे का बैन लग चुका है। तब योगी ने मेरठ की रैली में अली और बजरंगबली को लेकर बयान दिया था। चुनाव आयोग ने योगी को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना था।


दिवंगत विधायक भीमा मंडावी समेत शहीद जवानों को दिया गया गार्ड आफ ऑनर... सीएम भूपेश व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने शहीदों को अर्पित किया श्रद्धासुमन

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10 April 2019


दंतेवाड़ा। नक्सल हमले में शहीद दंतेवाड़ा विधायक एवं सदन के उपनेता प्रतिपक्ष भीमा मंडावी के पार्थिव शरीर को बुधवार की सुबह 8 बजे से 10 बजे तक चितालंका स्थित भाजपा कार्यालय में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जहां हजारों की संख्या में पार्टी नेता, कार्यकर्ता एवं आम जनता ने स्व मंडावी का अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।


इसके बाद सुबह 10.30 बजे भाजपा कार्यालय से उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सुसज्जित एक वाहन में रखकर पुलिस लाइन कारली ले जाया गया। पुलिस लाइन में पहले से ही हमले में शहीद 3 जवान एवं एक अन्य शहीद के पार्थिव शरीर को रखा गया था। 


पुलिस लाइन में भी विधायक मंडावी के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा। हमले में शहीद विधायक एवं जवानों को गार्ड आफ ऑनर देने प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी कारली परेड ग्राउण्ड पहुंचे। सीएम, गृहमंत्री एवं पुलिस के सभी आला अधिकारियों की मौजूदगी में सभी दिवंगत शहीदों को पुलिस सशस्त्र बल द्वारा गार्ड आफ ऑनर दिया गया। 


सीएम भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सभी शहीदों के पार्थिव देह पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर अश्रूपूरित श्रद्धांजलि दी। इस दौरान श्री मंडावी के परिजन भी मौजूद थे और वे लगातार रूदन कर रहे थे। 

श्रद्धांजलि देने के उपरांत सीएम भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री ने विधायक भीमा मंडावी के परिजनों के पास पहुुचकर उन्हें ढांढस बंधाया और कहा कि विधायक मंडावी एवं शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलियों को उन्हीं की भाषा में माकूल जवाब दिया जाएगा। 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री से मीडिया ने बात करने की कोशिश की परंतु उन्होने इस माहौल में अभी कुछ भी कहने से इंकार करते केवल इतना ही कहा कि वे इस घटना की पुरजोर तरीके से निंदा करते हैं, शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। 

अंतिम सलामी के दौरान भाजपा नेता केदार कश्यप, सुभाऊ कश्यप, बैदूराम कश्यप, लता उसेंडी, पूर्व विधायक देवती कर्मा, महेश गागड़ा समेत कई अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ता, बड़ी संख्या में जवान एवं आम नागरिक पुलिस लाइन कारली में मौजूद थे। 


बता दें कि बुधवार की दोपहर साढ़े 3 बजे दिवंगत विधायक भीमा मंडावी के गृहग्राम गदापाल में पारंपरिक रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया गया है कि अंतिम संस्कार में पूर्व सीएम रमन सिंह शामिल हो सकते हैं। रमन सिंह के अलावा भी कई अन्य भाजपा विधायक के गदापाल पहुंचने की खबर है।

नक्सली हमले के बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा का बयान, बोले- भाजपा नेताओं को कड़ी सुरक्षा दे सरकार... अंदरूनी इलाकों में कांग्रेसी लीडरों के बगैर सुरक्षा के जाने पर भी उठाए सवाल!

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09 April 2019


पंकज दाऊद @ बीजापुर। छग के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने भाजपा नेताओं को सुरक्षा देने की मांग भूपेश सरकार से की है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के जिले के अंदरूनी और अतिसंवेदनशील गांवों में बगैर सुरक्षा के घुसने पर सवाल उठाते आरोप लगाया है कि यहां सीएम भूपेश बघेल की सभा में कुछ संदिग्ध दिखे और बैंक डिफाल्टर उनके सामने कांग्रेस में शामिल हुए। 



यहां भाजपा कार्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में पूर्व वन मंत्री गागड़ा ने भाजपा नेताओं की सुरक्षा की मांग करते कहा कि उन पर ही लगातार नक्सली हमले हो रहे हैं। एक सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री ने कहा कि अंदरूनी इलाकों में बगैर सुरक्षा के घुसने का मतलब सभी जानते हैं। 


गागड़ा ने कांग्रेस सरकार पर कमीशनखोरी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विकास के कामों में कमीशनखोरी से गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।

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उन्होंने कहा कि भविष्य में भूपेश के राज में छग की माली हालत बहुत खराब हो जाएगी। अभी भी कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं हैं। डीएमएफ की राशि रोक देने से बीजापुर स्पोर्ट्स अकादमी, स्मार्ट कार्ड, गरीबों को रियायत देने वाली योजनाओं और विकास कार्यां पर असर पड़ा है। छग में वित्त प्रबंधन फेल हो गया है। 


मण्डावी की हत्या पर जताया शोक :  महेश गागड़ा ने मंगलवार को दंतेवाड़ा एमएलए भीमा मण्डावी की नक्सली वारदात में हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त करते कहा कि भूपेश सरकार सुरक्षा देने में नाकाम रही है। ये घटना निंदनीय एवं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। 


भैरमगढ़ में भाजपा की चुनावी सभा, भाजयुमो ने बाइक रैली निकाल बनाया माहौल... पूर्व मंत्री केदार बोले- देश में 'पप्पू' नहीं, मोदी का माहौल

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08 April 2019



बीजापुर। पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कयश्प ने कांग्रेस के मेनीफेस्टो को भारत को तोड़ने वाला बताते कहा कि पूरे देश में पीएम नरेन्द्र मोदी का माहौल है, 'पप्पू' का नहीं। उन्होंने कहा कि इस बार भी केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनेगी। इसे कोई रोक नहीं सकता। 



वे भैरमगढ़ में सोमवार की दोपहर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति देशद्रोहियों का सम्मान करने और जवानों का मनोबल गिराने की रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि किसानों को साल में 6 हजार व पेंशन, छोटे दुकानदारों को पेंशन, महिलाओं को आरक्षण समेत कई हितकारी योजनाओं को भाजपा ने संकल्प पत्र में शुमार किया है। 


भाजपा के संकल्प पत्र में कारोबारियों को कम ब्याज पर ऋण और हर गांव तक नेटवर्क का भी संकल्प लिया गया है। केदार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बीजापुर के लिए कुछ नहीं किया। बम धमाकों के लिए जाना जाने वाले बीजापुर जिले में 2004 में आने से डर लगता था लेकिन अब इसकी सूरत ही बदल गई है। 



केदार ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, संचार सेवा आदि क्षेत्र में जिले ने उल्लेखनीय प्रगति की है और इसमें पूर्व विधायक महेश गागड़ा की बड़ी भूमिका है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने स्मार्ट कार्ड, आयुष्मान योजना, चना और नमक भी बंद कर दिया है। ये कांग्रेस की नीति है। उन्होंने लोगों से कांग्रेस और भाजपा को परख लेने कहा। 


पूर्व मंत्री कश्यप ने कहा कि आज पूरा देश नरेन्द्र मोदी की ओर देख रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपाई की देन पीएमजीएसवाय है। इससे गांवों तक सड़कें पहुंची हैं। सभा में बस्तर महाराज कमल चंद्र भंजदेव, पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष जी वेंकट, श्रीनिवास मुदलियार, जग्गू तेलामी, घासीराम नाग, नकुल ठाकुर, श्रीराम गुप्ता एवं अन्य मौजूद थे। 



आभार मानते भाजपा जिलाध्यक्ष जी वेंकट ने लोगों से 11 अप्रैल को सुबह जल्दी जाकर भाजपा प्रत्याश बैदूराम कश्यप के पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने भीषण गर्मी में सभा में शामिल होने के लिए लोगों का आभार माना। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार भाजपा के 15 साल के काम को आगे नहीं बढ़ा पा रही है। कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क है। 

मोदी बस्तर को ले फिक्रमंद- कमलचंद्र  युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमलचंद्र भंजदेव ने पीएम नरेन्द्र मोदी से कई दौर की बातचीत का अनुभव बताया। भंजदेव ने कहा कि पीएम मोदी बस्तर को लेकर काफी फिक्रमंद रहते हैं और हमेशा ही बस्तर के लोगों के बारे में बात करते हैं। उन्होंने बताया कि बस्तर के विकास के लिए वे हमेशा कोशिश में रहते हैं। 

भंजदेव ने कहा कि मोदी के पीएम बनने पर ही भारत सही दिशा में चलेगा। भारत युवाओं का देश है और युवा ही भारत की शक्ति हैं। युवाओं की तरक्की के लिए मोदी सक्षम हैं। तत्कालीन यूपीए सरकार पर गरीबों के साथ छलावा करने का आरोप कांग्रेस पर लगाते कहा कि एनडीए सरकार में गरीब और गरीब होता गया। 

देश का मूड भाजपा के पक्ष में- गागड़ा  पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि देश का मूड भाजपा के पक्ष में है। सर्वे में भाजपा की सरकार बनने का रूझान बता रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भाजपा की रीति-नीति को वोटर्स तक पहुंचाने की अपील करते कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश का वैभव बढ़ाया है। उनके हाथों ही देश सुरक्षित रहेगा और शक्तिशाली बनेगा। 



BJP अध्‍यक्ष अमित शाह ने रोड शो के बाद गांधीनगर सीट से भरा पर्चा, पहली बार लडेंगे लोकसभा चुनाव!

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30 March 2019


गांधीनगर। भारतीय राजनीति में 'आधुनिक चाणक्‍य' कहे जाने वाले बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। वे पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 




पर्चा भरने से पहले अमित शाह ने भगवा पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले गांधीनगर में एनडीए में शामिल सहयोगी दलों के नेताओं के साथ 4 किमी लंबा रोड शो कर शक्तिप्रर्दशन किया। बता दें कि इस सीट पर 1989 से बीजेपी का कब्जा रहा है।  

नामांकन दाखिल करने से ठीक पहले अमित शाह ने अहमदाबाद में रोड शो किया और उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, '1982 में मैं यहां बूथ कार्यकर्ता के रूप में पोस्‍टर और पर्चे चिपकाता था और आज पार्टी अध्‍यक्ष हूं। आज मेरे पास जो भी है, वह बीजेपी की देन है। 



शाह ने कहा- 'आज चुनाव केवल इस बात पर लड़ा जाएगा कि इस देश का नेतृत्‍व कौन करेगा। देश के कोने-कोने से मोदी-मोदी आवाज आ रही है। नरेन्द्र मोदी निश्चित रूप से देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। मैं गुजरात की जनता से अपील करना चाहता हूं कि गुजरात की सभी 26 सीटें नरेन्द्र मोदी को दे दीजिए और शान से प्रधानमंत्री बनाइए।' 


रोड शो में शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, एलजेपी के रामविलास पासवान और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी हिस्‍सा लिया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह भी रोड शो में शामिल हुए। 

बता दें कि गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गए शाह को बीजेपी ने इस बार लालकृष्ण आडवाणी के स्थान पर गांधीनगर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। शाह के नामांकन के दौरान राज्‍य में पार्टी को मजबूत करने वाले आडवाणी मौजूद नहीं रहे। आडवाणी अब तक 6 बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। गुजरात की सभी 26 सीटों पर मतदान 23 अप्रैल को होगा। 

राहुल के जवाब में मोदी ने शुरू की 'मैं भी चौकीदार' मुहिम... बोले- देश का हर व्यक्ति है चौकीदार!

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17 March 2019


      इलेक्शन डेस्क @ नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' के नारे के जवाब में 'मैं भी चौकीदार' मुहिम की शुरुआत की है। शनिवार को अपने ट्विटर अकाउंट पीएम मोदी ने एक वीडियो जारी कर मुहिम को लांच किया। इस वीडियो में केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना, भ्रष्टाचार पर लगाम, हाईवे निर्माण और देश की सुरक्षा मजबूत करने का जिक्र किया गया है।

    मोदी ने ट्वीट किया- आपका चौकीदार मजबूती के साथ खड़ा है और देश की सेवा में जुटा है। लेकिन मैं अकेला नहीं हूं। ऐसा हर व्यक्ति जो भ्रष्टाचार, गंदगी और समाज के दुश्मनों से लड़ रहा है, वह चौकीदार है। जो भी व्यक्ति भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, वह चौकीदार है। आज हर भारतीय कह रहा- मैं भी चौकीदार।

आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों और रोड शो के दौरान अक्सर राफेल मामले का जिक्र करके लोगों को बता रहे हैं कि मोदी भ्रष्ट हैं। वह लोगों से नारा भी लगवाते हैं- 'चौकीदार चोर है।' 

     हालांकि, राहुल का यह नारा कुछ लोगों को नागवार गुजरा है। हाल ही में महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा रक्षक यूनियन ने पुलिस को शिकायत देकर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐसा कहकर सारे चौकीदारों का अपमान किया है, लिहाजा उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। यूनियन के प्रमुख संदीप घुघे का कहना है कि पुलिस कार्रवाई करेगी तो भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष उनका अपमान करने से बचेंगे।

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