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हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ जहां की थी दरिंदगी, वहीं एनकाउंटर में ढेर हुए चारों आरोपी... देखिए VIDEO

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06 December 2019


हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और मर्डर की खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार तड़के एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया। 


Four accused in Hyderabad rape-murder case killed in encounter

 जानकारी के मुताबिक पुलिस चारों आरोपियों को क्राइम सीन के रिक्रिएशन के लिए मौके पर ले गई थी और इस दौरान आरोपियों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए गोली चलाई गई, जिसमें चारों आरोपी ढेर हो गए।

हैदराबाद पुलिस कमिश्ननर ने रेप के चारों आरोपियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि सीन रिक्रियट करने के दौरान चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। यह घटना शुक्रवार तड़के की है। 

जानकारी के मुताबिक पुलिस चारों आरोपियों को क्राइम सीन के रिक्रिएशन के लिए मौके पर ले गई थी और इस दौरान आरोपियों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए गोली चलाई गई, जिसमें चारों आरोपी ढेर हो गए।    हैदराबाद पुलिस कमिश्ननर ने रेप के चारों आरोपियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि सीन रिक्रियट करने के दौरान चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। यह घटना शुक्रवार तड़के की है।

सभी आरोपियों को वहीं ढेर किया गया जहां उन्होंने महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के शवों को वहां से हटा दिया है ताकि किसी तरह की हंगामेदार स्थित पैदा ना हो सके।

आरोपियों के मारे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडिता के पिता ने कहा, 'मेरी बेटी की मृत्यु के 10 दिन हो चुके हैं। मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मेरी बेटी की आत्मा अब शांति मिलेगी।'


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तेलंगाना के कानून मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने कहा है कि भगवान ने कानूनी प्रक्रिया से पहले ही उन्हें सजा दे दी। मंत्री ने दावा किया कि आरोपी पुलिस के हथियार लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे। 

दरअसल, पुलिस अदालत की कार्रवाई के दौरान मजबूत साक्ष्य पेश करने के लिए सीन का रिक्रिएशन करती है, ताकि केस की पूरी कड़ियों को आपस में जोड़ा जा सके। 


आपको बता दें कि आरोपियों ने महिला डॉक्टर के साथ एनएच 44 पर शम्शाबाद और शादनगर के बीच पहले रास्ते की रेकी की और फिर वारदात को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया। डॉक्टर के साथ गैंगरेप को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने शव को कंबल में लपेटकर जलाने की कोशिश भी की थी।

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छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान, 21 दिसंबर को होगा मतदान, 24 दिसंबर को आएंगे नतीजे...प्रदेश में आचार संहिता लागू

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25 November 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इस घोषणा के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई है। निकाय चुनाव के लिए 21 दिसंबर को मतदान किया जाएगा। जबकि 24 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। 




बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए 30 नवंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। वहीं नामांकन दाखिले की शुरुआत 30 नवंबर से होगी। 6 दिसंबर को नामांकन पत्र जमा करने की आखिरी तारीख होगी तथा 9 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 




समूचे छत्तीसगढ़ में एक ही चरण में मतदान किया जाएगा। कोंडागाँव, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, कांकेर के निकायों के लिए सुबह 7 बजे से शाम 3 बजे तक मतदान होगा। जबकि अन्य क्षेत्रों में सुबह 8 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान किया जाएगा। 



बता दें कि पहली बार राज्य में ऑनलाइन निर्वाचक नामावली तैयार किया गया है। राज्य में 10 नगर निगम, 38 नगर पालिका,103 नगर पंचायत और 151 नगरीय निकायों में के लिए चुनाव होना है।


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छत्तीसगढ़ी फिल्म एक्ट्रेस माया साहू पर एसिड अटैक, केमिकल फेंककर फरार हुए बाइक सवार, जांच में जुटी पुलिस

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16 November 2019


भिलाई। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री माया साहू पर भिलाई में बाइक सवार युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया। शनिवार को घर के बाहर खड़ी माया साहू पर अज्ञात बाइक सवारों ने केमिकल फेंका और भाग गए।


Acid attack on Chhattisgarhi film actress Maya Sahu

घटना भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र की है। इस घटना के बाद युवती चीखने लगी। घर वाले इन्हें अस्पताल लेकर गए। परिवार के लोग इस घटना के बारे में किसी भी तरह की जानकारी मीडिया को देने से बच रहे हैं। 



खबर है कि माया साहू का किसी अन्य कलाकर से पहले विवाद हुआ था। पुलिस ने अज्ञात आरोपित युवक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। वहीं युवती पर किस तरह का केमिकल फेंका गया इसकी जांच की जा रही है। हालांकि, अभी पीड़ित युवती का बयान दर्ज नहीं किया गया है। 


Acid attack on Chhattisgarhi film actress Maya Sahu



पुलिस के मुताबिक युवती छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनेत्री के रूप में काम करती है। युवती के बयान के बाद मामले में आगे जांच की बात पुलिस कह रही है। 


बता दें कि यह घटना शहर के बेहद भीड़-भाड़ वाले इलाके में हुई है। बताया जा रहा है कि युवती के सिर पर भी चोट आई है। प्रारंभिक तौर पर पुलिस आरोपित की पतासाजी में जुटी है।


Acid attack on Chhattisgarhi film actress Maya Sahu

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अयोध्या पर सुप्रीम फैसला: विवादित जमीन 'रामलला' के नाम, सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिलेगी पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन

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09 November 2019


नई दिल्ली। देश के सबसे लंबे समय तक चले मुकदमे अयोध्या भूमि विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने के लिए कहा है। 


अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने वाली पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट में 16 अक्टूबर 2019 को अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी हुई थी। 

फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था। CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं। CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्मस्थल मानते हैं। हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया। कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए।

रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी। साथ ही सबूत पेश किए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे। CJI ने कहा कि 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओ पर कोई रोक नहीं थी। मुसलमानों का बाहरी आहते पर अधिकार नहीं रहा।

नक्सलवाद के खात्मे के लिए बड़े ऑपरेशन की तैयारी.... छत्तीसगढ़ को मिलेंगे CRPF के 7 नए बटालियन, बस्तर के जंगलों में होगी तैनाती

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23 October 2019

रायपुर। नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के लिए सीआरपीएफ की 7 नई बटालियन की मंजूरी दे दी है। इनमें से दो बटालियन नवंबर महीने में पहुंच जाएंगी। 



बताया जा रहा है कि केंद्र ने छत्तीसगढ़ को 7 हजार जवानों की मंजूरी दे दी है। सभी बटालियनों का मुख्यालय नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बनाया जाएगा, जिससे नक्सलियों की धमक को खत्म किया जा सके। इसके लिए जगह तय कर ली गई है। 


बता दें कि छत्तीसगढ़ के प्रभावित क्षेत्र में फिलहाल केंद्रीय सुरक्षा बलों की 45 बटालियन तैनात हैं। अगले महीने इनकी संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी। इसके अलावा दर्जनभर से ज्यादा सीएएफ की बटालियन भी तैनात है। 



सूत्रों के मुताबिक जनवरी के बाद नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में जवानों की संख्या को बढ़ाया गया है। बताया जा रहा है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में इन जवानों को तैनात किया जाएगा। साथ ही जवानों को खास तरीके से ट्रेन भी किया जाएगा। 



बता दें पिछले दिनों 11 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री और डीजीपी की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीआरपीएफ की 9 नई बटालियन उपलब्ध कराने की मांग की थी। उस समय केंद्रीय गृहमंत्री ने आश्वासन दिया था। इस बीच जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त फोर्स तैनात होने और महाराष्ट्र व हरियाणा में चुनाव के कारण यहां नई बटालियन नहीं पहुंच पाई थी।


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छत्तीसगढ़ सरकार ने इन फलों की बिक्री पर लगाई पाबंदी, बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई

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17 October 2019

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने स्टीकर लगे फलों को बेचने पर बैन लगा दिया है। राज्य के सभी शहरों में यह प्रतिबंध लागू किया गया है। ऐसे फलों को बेचने वाले कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई की बता कही गई है। वहीं आम लोगों से भी इस तरह के फल न खरीदने की अपील की गई है।



सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर कोई भी कारोबारी स्टीकर वाले फल बेचेगा, बांटेगा या स्टॉक करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ जुर्माने या जेल दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है। 



नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती आदि फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं। 



आमतौर पर फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड के नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है।



बताया जाता है कि फलों के ऊपर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और इसकी वजह से फल दूषित हो जाता है। स्टीकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो मानव के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। 



खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़ी-गली फलों एवं सब्जियों का विक्रय नहीं करेगा। ऐसा करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। 

फलों को पकाकर बेचना भी प्रतिबंधित 

फल एवं सब्जियों में मोम, खनिज तेल, अन्य रंगों का पॉलिश भी अब कारोबारी नहीं कर सकते। इतना ही नहीं नए नियमों के मुताबिक अब फलों को कार्बाइट या एसीटिलिन गैस जैसे केमिकल से पकाकर बेचना भी प्रतिबंधित है। 


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छत्तीसगढ़ में पार्षद ही चुनेंगे महापौर, EVM की जगह बैलेट पेपर से होंगे निकाय चुनाव

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15 October 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में होने वाले निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर से होंगे। मंगलवार को नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में हुई छत्तीसगढ़ सरकार की सब कैबिनेट कमेटी की बैठक में इस पर मुहर लग गई। 


वहीं मध्यप्रदेश की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी स्थानीय निकाय चुनाव में नगरपालिकाओं, निगमों के प्रमुखों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाएगा। मंगलवार को मंत्रीमंडलीय उपसमिति की बैठक के बाद मंत्रियों ने यह ऐलान किया। 



इस बैठक में मंत्री शिव डहरिया, मो अकबर और रविंद्र चौबे शामिल हुए। बैठक के बाद मंत्रियों के दल ने मीडिया को बताया कि यह फैसला स्थानीय सरकार को मजबूत करने के लिए किया गया है। इससे पार्षद ताकतवर होंगे। 



बताया गया है कि इस फैसले को अब कैबिनेट में रखा जाएगा। उसके बाद अध्यादेश लाकर इसे पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अगले दो दिनों के भीतर या आने वाले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक हो सकती है। मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि मसौदा तैयार है, कैबिनेट में इसके लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। 



बता दें कि निकाय चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन मंत्रियों की उपसमिति गठित की थी। सीएम भूपेश ने महापौर अथवा अध्यक्ष के सीधे निर्वाचन प्रक्रिया को बदलने के संकेत पहले ही दे चुके थे। वहीं बीजेपी इस फैसले का विरोध कर रही है। भाजपा ने कांग्रेस पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।



गौरतलब है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में 1994 में महापौर-अध्यक्षों का निर्वाचन पार्षदों के जरिए होता था। इसके बाद यह व्यवस्था बदली और फिर 1999 में महापौर और अध्यक्ष के सीधे चुनाव होने लगे। सरकार के इस निर्णय पर पूर्व सीएम और भाजपा नेता डॉ रमन सिंह ने कहा कि इस फैसले के द्वारा कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग करेगी। यह जनता के निर्णय को बदलने की साजिश है।


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मुठभेड़ में जख्मी महिला नक्सली अस्पताल में करा रही थी इलाज, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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14 October 2019


राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में घायल एक महिला नक्सली को रविवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। वह उपचार कराने के लिए अस्पताल आई थी। फिलहाल प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजनांदगांव रेफर कर दिया गया है। 



बताया जा रहा है कि महिला बुकमरका के जंगलों में हुई मुठभेड़ के दौरान घायल हो गई थी। इसके बाद से वह सूड़ियाल के अस्पताल में इलाज करा रही थी। 15 दिन के भीतर बुकमरका पहाड़ में दूसरी बार मुठभेड़ हुई थी। 

जानकारी के मुताबिक, मोहला मानपुर क्षेत्र में बुकमरका के जंगलों में 12 अक्टूबर को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। नक्सलियों की मौजूदगी होने की सूचना पर जवान सर्चिंग पर निकले थे। इस दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। 



जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली इस मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले थे। मौके से जवानों ने आईईडी सहित अन्य सामान बरामद किया था। मुठभेड़ के बाद जवानों ने कुछ नक्सलियों के घायल होने का भी दावा किया था। 


कमर में लगी थी गोली  इस बीच रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला नक्सली सूड़ियाल के अस्पताल में अपना इलाज करा रही है। इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़ी गई महिला नक्सली के मुठभेड़ के दौरान कमर में गोली लगी थी। 

फिलहाल महिला नक्सली को पुलिस उसे मानपुर लेकर आई। यहां मानपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजनांदगांव रिफर कर दिया गया है। घायल महिला नक्सली का नाम कमला है और वह बस्तर के सुकमा जिले से यहां इलाज करानेे के लिए पहुंची थी। 

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नक्सलियों की गोली से घायल हुआ था जवान, 13 साल बाद हुई शहादत

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11 October 2019


धमतरी। बस्तर के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेने वाला एक जांबाज सिपाही 13 साल बाद अपनी जिंदगी की जंग हार गया। नक्सली मुठभेड़ में घायल होने के बाद बीते 13 सालों से जवान जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा था। गुरुवार को इलाज के दौरान जवान की शहादत हो गई। 



बता दें कि ग्राम सलोनी निवासी आरक्षक बसंत नेताम की 1992 में पुलिस में भर्ती के बाद पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा में हुई। 13 साल पहले वे गोलापल्ली थाना में पदस्थ थे। गश्त के दौरान पुलिस पार्टी के इंचार्ज एपीसी रामगोपाल के साथ थाने लौट रहे थे, तभी तारला मुड़ा-नालापल्ली तिराहे में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। 

11 जून 2006 को हुए इस मुठभेड़ में आरक्षक बसंत नेताम को तीन गोलियां लगी। नक्सलियों की एक गोली किडनी व एक गोली आंत को चीरते हुए पार हो गई। एक महीना कोमा में रहने के बाद उसकी जिंदगी बच गई थी। इस दौरान वह जख्मों को इलाज कराता रहा, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बेहतर इलाज नहीं करा पा रहा था। आखिरकार आठ अक्टूबर को उसने अंतिम सांसें लीं।



बताया गया कि नक्सलियों की एक गोली आंत से होकर सीने में जाकर फंस गई थी। इस वजह से वे कोमा में चले गए। हेलीकॉप्टर से उन्हें रायपुर पहुंचाया गया। मेकाहारा में उपचार के बाद रामकृष्ण अस्पताल में उपचार चला। डॉक्टरों ने एक किडनी निकाल दी। किसी तरह हालत सुधरने पर उन्हें घर लाया गया। तब से लेकर आठ अक्टूबर 2019 तक उनका जीवन संघर्ष में बीता। इस दौरान तीन बार उनका आपरेशन किया गया।

जवान बसंत नेताम के शरीर का पाचन तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका था। शरीर में खून नहीं बनता था। इसलिए हर 6-7 महीने में शरीर का खून बदलना पड़ता था। सितंबर के आखिरी पखवाड़े में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब उन्हें धमतरी के मसीही अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद रायपुर के नारायणा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।


पति को मिले शहीद का दर्जा   नक्सली मुठभेड़ में मृत पुलिस आरक्षक बसंत नेताम की पत्नी जानकी नेताम का कहना है कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। क्योंकि वर्ष 2006 के नक्सली मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए उनको गोली लगी थी। उसी गोली के कारण किडनी, आंत और शरीर के अन्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया। 13 साल तक तकलीफदेह जिंदगी जीने के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

बता दें कि बसंत नेताम अकेले ही परिवार में कमाने वाले थे। उनकी आय से ही परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। शहीद होने के बाद अब उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया है। परिवार में पत्नी जानकी के अलावा एक पुत्र और दो बेटियां हैं। पुत्र डिकेश एमए, पुत्री ज्योति बीए और मनीषा 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। परिजनों ने परिवार की आर्थिक दशा सुधारने डिकेश को सरकारी नौकरी देने की मांग सरकार से की है। 


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फ्लाइट में दुर्व्यवहार का मामला: एयर इंडिया ने महासमुंद विधायक विनोद चंद्राकर से मांगी माफी, विधायक ने की थी सीएमडी से शिकायत

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15 September 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद से कांग्रेस विधायक विनोद चंद्राकर से एयर इंडिया ने माफी मांग ली है। एयर इंडिया ने मौखिक रुप से माफी मांगी है। हालांकि, विधायक ने लिखित रुप से माफी की मांग की है। बताया जा रहा है कि कंपनी के दो अधिकारी शनिवार को विधायक के कार्यालय पहुंचे और उनसे माफी मांगी। 





बता दें कि एयर इंडिया ने विधायक पर महिला कर्मचारियों से अभद्रता का आरोप लगाया था। जिसके बाद विधायक ने कंपनी के सीएमडी से उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की थी। 




क्या था मामला  बताया जाता है कि कांग्रेस विधायक विनोद चंद्राकर सात सितंबर की शाम को रांची जाने के लिए रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचे। लेकिन महिला कर्मचारी ने उन्हें देर से एयरपोर्ट पर पहुंचने की वजह से प्लेन में बैठने की इजाजत नहीं दी। महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि विधायक ने उनके साथ अभद्रता की है। जिसके बाद मामला तूल पकड़ लिया। 

इस मामले में विधायक ने कंपनी के सीएमडी से शिकायत की। उन्होंने कहा कि वे समय पर पहुंचे थे लेकिन सुरक्षा कारणों और सामान चेक करने में समय अधिक लग गया। जिसके बाद शनिवार को कंपनी के अधिकारियों ने विधायक से माफी मांग ली।


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अच्छी बारिश के लिए कराया था 'मेंढक-मेंढकी' का विवाह, इतनी हुई बरसात की कराना पड़ गया तलाक !

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13 September 2019


भोपाल। क्या बारिश रोकने के लिए आपने मेंढक-मेंढकी के तलाक के बारे में सुना है? ये अजीबो-गरीब वाकया मध्य प्रदेश का है जहां बारिश से बेहाल लोगों ने मेंढक और मेंढकी का तलाक करवा दिया। कुछ महीने पहले भीषण गर्मी से परेशान लोगों ने इन्द्र देवता को खुश करने के लिए गाजे-बाजे के साथ मेढकों की शादी आयोजित की थी।



मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश की मन्नत कर करीब दो महीने पहले राजधानी भोपाल में मिट्टी से बनाए मेंढक और मेंढकी की शादी कराई गई थी। लेकिन अब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही भारी बारिश से परेशान होकर इन दोनों का बाकायदा तलाक कराया गया है। 


बता दें कि वर्षा के देवता माने जाने वाले इंद्र को प्रसन्न करने के लिए यहां इंद्रपुरी इलाके में स्थित 'तुरंत महादेव मंदिर' में ओम शिव शक्ति मंडल के सदस्यों ने मेंढक-मेंढकी का विवाह करवाया था और अब तलाक भी उन्होंने ही करवाया है।



ओम शिव शक्ति मंडल के पदाधिकारी सुरेश अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया, 'वर्षा के देवता प्रसन्न हो, प्रदेश में अच्छी बारिश आए इसलिए इस साल जुलाई में मिट्टी का एक मेंढक और एक मेंढकी बना कर उनकी शादी तुरंत महादेव मंदिर में कराई थी। शादी के बाद से ही प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है। अब लोग इस बारिश से परेशान हो गये हैं।'

अग्रवाल ने कहा, 'कुछ लोगों ने भारी बारिश को रोकने के लिए मेंढक-मेंढकी का तलाक कराने की सलाह दी। जिसके बाद हमने धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोच्चारण के बीच बुधवार को इसी मंदिर में मेंढक-मेंढकी का तलाक करवा दिया। तलाक के बाद पानी में दोनों का विसर्जन कर दिया है।'


दरअसल, लोगों का मानना था कि मेंढक-मेंढकी की शादी से बारिश के देवता प्रसन्न होंगे और प्रदेश में अच्छी बारिश होगी। एमपी में इसके बाद बारिश शुरू हुई तो थमने का नाम नहीं ले रही है। बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, कई बड़े हाईवे बंद कर दिए गए हैं। अब प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। 


बारिश से बेहाल लोग  एमपी में लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश के कई शहरों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। नदियों से सटे इलाकों को खाली करवाया जा रहा है। निचली बस्तियों में भी पानी भरने की खबरें लगातार आ रही हैं। 

प्रदेश में बारिश के कारण ऐसे हालात बने हैं कि सामान्य से कहीं अधिक बारिश ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश भर के डैम खोल दिए हैं। 11 सितंबर तक प्रदेश में सामान्य से 26 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। वहीं, मौसम विभाग की मानें तो अभी भी बारिश से राहत नहीं मिलने के आसार नहीं हैं।

5 साल से सिर पर सींग लिए घूम रहा था यह शख्स, ऑपरेशन के बाद मिली मुक्ति !

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सागर। आपने किस्से-कहानियों में सींग वाले इंसान के बारे में सुना होगा। हॉलीवुड फिल्म 'हेलबॉय' में भी एक चरित्र दिखाया गया है, जिसके दो सींग हैं... आज हम ऐसे ही एक शख्स के बारे में आपको बता रहे हैं, जिसके सिर के बीचों-बीच एक सींग निकल आया था। 



एमपी के सागर जिले के रहली के रहने वाले श्यामलाल यादव(74) के सिर के बीचों-बीच 4 इंच से बड़ा सींग निकल आया था। सींग बिल्कुल असली और ठोस था। मेडिकल साइंस में यह दुर्लभ मामला है। पिछले दिनों श्यामलाल का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद उन्हें इस सींग से मुक्ति मिल गई है।


रहली के पटना बुजुर्ग गांव के श्यामलाल यादव बीते 5 साल से सिर पर सींग लेकर घूम रहे थे। वैसे तो उन्हें सींग से कोई खास परेशानी नहीं थी, लेकिन असहज जरूर लगता था। श्यामलाल बताते हैं कि करीब 5 साल पहले उन्हें सिर में जोरदार चोट लग गई थी। उसके कुछ दिनों बाद सींग निकलने लगा था। 


कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो श्यामलाल ने बाल काटने वाले स्थानीय नाई से कई दफा सींग को ब्लेड से कटवा दिया, लेकिन सींग बार-बार निकल आता। 


श्यामलाल मेडिकल कॉलेज के अलावा भोपाल और नागपुर के अस्पतालों तक गए और वापस आ गए। उन्हें भरोसे का डॉक्टर नहीं मिल सका और न वे डॉक्टरों की बातों पर भरोसा कर सके। आखिरकार उन्होंने सागर के निजी अस्पताल में डॉ. विशाल गजभिये को समस्या बताई। जहां पिछले दिनों डॉ. गजभिये ने ऑपरेशन कर उन्हें सींग से मुक्ति दिलाई।



माथे की चमड़ी लगाकर की प्लास्टिक सर्जरी  श्यामलाल यादव की सर्जरी करने वाले सीनियर सर्जन डॉ. गजभिये ने बताया कि सींग की लंबाई करीब 4 इंच थी। मोटाई भी पर्याप्त थी। सीटी स्कैन में यह देखा गया कि सींग सिर में कितने अंदर तक था। जब कन्फर्म हो गया कि न्यूरो सर्जन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तो ऑपरेशन किया गया। सींग को काटने के बाद खाली जगह को बंद करने के लिए माथे के ऊपरी हिस्से की चमड़ी निकालकर प्लास्टिक सर्जरी की गई है। अब दोबारा यह नहीं उभरेगा। 

डॉ. गजभिये के अनुसार यह दुर्लभ केस है। मेडिकल साइंस में इसे सेबेसियस हार्न कहा जाता है। सिर में बालों की ग्रोथ के लिए प्राकृतिक रूप से सेबेसियस ग्लैंड (ग्रंथि) होती है। इससे द्रव्य रिलीज होते हैं। जिससे बाल चमकदार बनते हैं। यह ग्रंथि बंद होने से यह द्रव्य जमता रहा और सींगनुमा आकार में सिर के ऊपर निकल आया।



ये दुर्लभ मामला अध्ययन का विषय है। इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेज रहा हूं। मेडिकल साइंस के कोर्स में शामिल करने के लिए भी भेज रहे हैं। मेरे जीवन का पहला मामला है। बहुत ही रेयर केस है। सेबेसियस हॉर्न की हिस्ट्री कहीं नहीं मिली। 
-डॉ. विशाल गजभिये, सीनियर सर्जन, सागर


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ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले पुलिसकर्मियों को भरना होगा दोगुना जुर्माना... PHQ ने सभी एसपी को जारी किया आदेश

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12 September 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ में नया ट्रांसपोर्ट एक्ट अभी लागू नहीं हुआ है। इसके बावजूद पुलिस महकमे में एक आदेश को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, पीएचक्यू ने एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिस वालों से नए एक्ट के तहत दोगुना जुर्माना राशि वसूलने का नियम लागू किया जा रहा है। 



पुलिस मुख्यालय से राज्यभर के सभी एसपी को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। स्पेशल डीजी आरके विज द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि अगर पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करते पाए जाएं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई भी की जाए। 


बता दें कि केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 में बदलाव किया गया है। जिसमें ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है। इस एक्ट में ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले सरकारी मुलाजिम के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। 


हालांकि, छत्तीसगढ़ में नए एक्ट को लागू करने पर रोक लगा दी गई है, पुराने रेट के हिसाब से जुर्माना किया जा रहा है। इस बीच पुलिस अफसरों और जवानों के लिए नया एक्ट लागू करना चर्चा का विषय बना है।


छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में अलग-अलग मामलों में लोगों से तगड़ा फाईन वसूला गया। यहां शराब पीकर ऑटो चला रहे दो चालक जांच के दौरान पकड़े गए। इनका चालान काट न्यायालय भेजा गया। कोर्ट ने दोनों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना किया। 



इसी तरह मोबाइल पर बात करते हुए दो युवक पकड़े गए। न्यायालय में इन पर पांच हजार का जुर्माना किया गया। वहीं एक अन्य ट्रेलर चालक, बाइक में सवार तीन युवकों से कुल 37 हजार रूपए जुर्माने के वसूले गए। 


आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने यातायात कानून में बदलाव कर जुर्माने की रकम को 50 से 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। हालांकि, छत्तीसगढ़ में बढ़े हुए जुर्माने को लागू नहीं किया गया है। इसके पीछे सरकार की दलील है कि इस कानून को अध्ययन के बाद ही लागू किया जाएगा। 





स्पेशल डीजी आरके विज ने बताया कि ट्रैफिल रूल्स को लेकर आदेश जारी किया गया है। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिसकर्मियों से नए एक्ट के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। उनसे पब्लिक की जुर्माने की राशि से दोगुनी रकम वसूली की जाएगी। इसके लिए राज्यभर के एसपी को आदेश जारी किया गया है। 

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ड्राईवर को आई झपकी और तेज रफ्तार यात्री बस पेड़ से जा टकराई... हादसे में 12 यात्री जख्मी, घायलों को एमरजेंसी डोर से निकाला गया

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10 September 2019


धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी में मंगलवार सुबह तेज रफ्तार यात्री बस पलटने से 12 यात्री घायल हो गए। घायलों में चार की हालत गंभीर है। उनमें से तीन यात्रियों को रायपुर रेफर किया गया है। हादसा अर्जुनी थाना क्षेत्र में गागरा पुल के पास हुआ। 


बताया जा रहा है कि बस सड़क किनारे लगे पेड़ों से टकराते हुए नीचे उतरकर पलट गई। हादसे के दौरान सभी यात्री सो रहे थे। 



जानकारी के मुताबिक, मनीष ट्रेवल्स की लग्जरी बस सोमवार की रात बैलाडीला से 25 यात्रियों को लेकर दुर्ग के लिए निकली थी। तेज रफ्तार बस अभी अर्जुनी क्षेत्र के गागरा पुल के पास पहुंची ही थी कि सुबह करीब 5.45 बजे अनियंत्रित होकर सड़क किनारे लगे पेड़ों से टकराती चली गई। 






बताया जा रहा है कि सुबह-सुबह बस चालक को नींद की झपकी आने के कारण हादसा हुआ है। बस की रफ्तार तेज होने के कारण चालक को संभालने का मौका ही नहीं मिला। बस एक के बाद एक पेड़ों को टक्कर मारते हुए सड़क से नीचे उतर गई। 


सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस से यात्रियों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। 




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बड़ी खबर: चंद्रमा पर लापता लैंडर विक्रम के लोकेशन का पता चला... ऑर्बिटर ने क्लिक किया इमेज, इसरो चीफ बोले- जल्द होगा संपर्क

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08 September 2019


नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के सिवन ने रविवार को कहा कि हमें चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का लोकेशन मिला है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक किया है। लेकिन अभी तक कम्युनिकेशन नहीं है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द संपर्क स्थापित किया जाएगा।




गौरतलब है कि भारत का दूसरा मून मिशन 'चंद्रयान 2' लॉन्च होने के बाद सात सितंबर को चंद्रमा पर पहुंच गया था लेकिन चंद्रमा की सतह को छूने से चंद मिनट पहले लैंडर विक्रम का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया  था। इसरो ने बताया था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की ऑर्बिट में सुरक्षित है और सामान्य तरीके से काम कर रहा है।








रविवार को इसरो चीफ ने कहा कि हमें चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का लोकेशन मिला है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक किया है। लेकिन अभी तक कम्युनिकेशन नहीं है। हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द कम्युनिकेट किया जाएगा।


बता दें कि शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के समय इसरो का आखिरी के डेढ़ मिनट में लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। जिसके बाद वैज्ञानिकों के चेहरे पर मायूसी छा गई थी। वह काफी देर तक लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करते रहे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ था।



कुछ देर बाद के सिवन ने बयान जारी करते हुए बताया था कि चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले विक्रम लैंडर से हमारा संपर्क टूट गया। वैज्ञानिक फिलहाल आंकड़ों का अध्ययन करने में लगे हुए हैं। सॉफ्ट लैंडिंग के महत्वपूर्ण पलों का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो के बंगलूरू स्थित मुख्यालय पहुंचे थे।  



हालांकि जब वैज्ञानिकों का लैंडर से संपर्क तब वैज्ञानिकों को हिम्मत देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि आपने जो किया, वह कम बड़ी उपलब्धि नहीं है। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आप छोटी-छोटी गलतियों से सीखते हैं। आपने देश की और मानव जाति की बड़ी सेवा की है। हम आशान्वित हैं और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम पर कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे।



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चोरों की हिमाकत तो देखिए..! भिलाई में DSP के क्वार्टर के सामने खड़ी बाइक कर दी पार... पीडित जवान ने पुलिस में दर्ज कराई FIR

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07 September 2019


भिलाई। छत्तीसगढ़ की स्टील सिटी भिलाई में चोरों के हौसले कुछ इस कदर बुलंद हैं कि वे अब पुलिस अफसरों के घरों को भी नहीं बख्श रहे हैं। नगर में चोरी के ऐसे ही एक वाक्ये ने पुलिस महकमे को हैरान कर दिया है। 



दरअसल, यहां ट्रैफिक डीएसपी के घर के बाहर खड़ी एक आरक्षक की बाइक को ही चोर पार कर गए। इस घटना में खुद पुलिसकर्मी भी सकते में हैं। यह मामला अब पुलिस की साख के लिए भी सवाल बन चुका है। 



आपको बता दें कि घटना के बाद 3 दिन तक पुलिसकर्मी अपने स्तर पर ही चोरों का पता लगाने की कोशिश करते रहे। फिर आखिर थक हारकर शुक्रवार को भट्‌टी थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।  





जानकारी के मुताबिक भिलाई के सेक्टर-4 निवासी आरक्षक उमेन्द राम वर्मा  की मोटरसाइकिल चोरों ने पार कर दी। वह रायपुर में पदस्थ है। पिछले तीन साल से डीएसपी गुरजीत सिंह के हमराह के तौर पर उमेन्द्र ड्युटी कर रहा है। 


मंगलवार 3 सितंबर की दोपहर सेक्टर 4 स्थित सडक नंबर 15 पर डीएसपी के क्वाटर नं 13-ए के सामने उसने अपनी बाइक पार्क की। इसके बाद वह घर के अंदर चला गया। जब करीब 3 बजे घर से बाहर आकर देखा तो बाइक गायब थी। काफी खोजबीन की गई मगर कोई सुराग नहीं मिला, तब पुलिसकर्मी ने एफआईआर दर्ज करवाई। 

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चंद्रयान-2: चांद पर उतरने से ठीक पहले गुम हुआ लैंडर विक्रम... दहशत के वो 15 मिनट, जब लैंडर विक्रम से टूटा इसरो का संपर्क

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नई दिल्ली। भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर खो गया। चांद की सतह की ओर बढ़ा लैंडर विक्रम का चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले संपर्क टूट गया। इससे ठीक पहले सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन इस अनहोनी से इसरो के कंट्रोल रूम में अचानक सन्नाटा पसर गया।



इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने जिन पलों को 'दहशत के 15 मिनट' बताया था, उन चार चरणों के बारे विस्तृत रूप से जानिए। गौरतलब है कि के. सिवन ने कहा था कि लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट '15 मिनट ऑफ टैरर' होंगे। इस दौरान विक्रम 4 चरणों से गुजरा।



पहले चरण में चंद्रयान-2 30 किमी से 7.4 किमी पर आया। इस पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट लगे। इसके बाद इसरो का इसपर कंट्रोल नहीं रहा। दूसरे चरण में चंद्रयान-2 7.5 किमी से आगे बढ़कर पांच किमी तक उतरा। इसमें चंद्रयान ने 38 सेकंड का समय लिया। इस दौरान विक्रम के चार इंजन चालू हुए। इससे उसकी गति 550 किमी से घटाकर 330 किमी प्रति घंटा की गई।



लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क तीसरे चरण के दौरान टूटा। दरअसल, तीसरे चरण में चंद्रयान-2 को पांच किमी से नीचे उतरना था। इसमें 89 सेकंड लगने थे, लेकिन इसरो का संपर्क टूट गया। इसके बाद कोई जानकारी नहीं मिली। 



चौथे चरण में 400 मी. ऊपर से 100 मी. तक आकर विक्रम को रुकना था। यहां दो क्रेटर हैं। पहला मैजिनियस सी और दूसरा सिंपेलियस। इन दोनों क्रेटरों की एक-दूसरे से 1.6 किमी की दूरी है। लैंडर विक्रम को इसमें से एक साइट चुननी थी। उसकी दिशा में उतरते हुए 100 मी. की ऊंचाई से 10 मी. तक पहुंचने में 65 सेकेंड लगने थे। 




फिर फिर 10 मी. की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद लैंडर का पांचवां इंजन शुरू होना था। इससे गति और धीमी होनी थी। यहां से सतह पर पहुंचने में उसे कुल 13 सेकेंड लगने थे। लेकिन दुर्भाग्यवश यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई और लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया।




यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क टूट गया, लेकिन सवा अरब भारतीयों की उम्मीदें नहीं टूटी हैं। मून मिशन (Moon Mission) भले पूरा नहीं हुआ, लेकिन इस अभियान के जरिये इसरो ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। 



चंद्रयान-2 में इसरो अपने मिशन से महज दो कदम दूर रह गया। मिशन भले अधूर रह गया हो, लेकिन सवा अरब देशवासियों को पूरा भरोसा है कि भारत को मून मिशन में कामयाबी जरूर मिलेगी। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसरो के साथ यह ख्याति जुड़ी है कि उसने लिए हर चुनौती एक अवसर होती है।




ISRO मुख्यालय में पीएम मोदी ने हौसला दिलाया  इसरो ने कई प्रयास के बाद मध्य रात्रि करीब सवा दो बजे बताया कि लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया है। यह एक झटका जरूर था, लेकिन इसरो में मौजूद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का भरोसा बढ़ाया और उनके प्रयासों की सराहना करते हुए हौसलाअफजाई की। पीएम मोदी ने कहा, 'देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। वे देश की सेवा कर रहे हैं। आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगी। मैं पूरी तरह वैज्ञानिकों के साथ हूं। हिम्मत बनाए रखें, जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।'

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पूर्व CM अजीत जोगी की अचानक बिगड़ी तबीयत, गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के ICU में भर्ती

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06 September 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी की गुरुवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें रात 1 बजे दिल्ली से सटे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है।



अस्पताल की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, जोगी को मेदांता के आइसीयू में भर्ती किया गया है। बताया जा रहा है कि उन्हें सांस लेने में परेशानी के चलते यहां दाखिल किया गया गया है।



बता दें कि अजीत जोगी इस समय दिल्ली प्रवास पर हैं और छत्तीसगढ़ भवन में रुके हुए हैं। गुरूवार की रात अचानक जोगी को सांस लेने में तकलीफ होने लगी जिसके बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका उपचार जारी है। 




अजीत जोगी के साथ उनकीं पत्नी रेणु जोगी भी मौजूद हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात आठ बजे से उनकी तबीयत बिगड़नी शुरू हुई, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टरी सलाह ली, लेकिन रात होते होते उनकी तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई। 




बताया जा रहा है कि जोगी को सीने के हल्का दर्द और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने उन्हें स्पेशल ऑब्जेर्वशन में रखा है।


गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। बिलासपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने गुरूवार को  बताया कि जिले के गौरेला थाने में पुलिस ने अजीत जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।


आपको बता दें कि अजीत प्रमोद कुमार जोगी छत्तीसगढ़ के दिग्गज राजनेता है। बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले आईपीएस और फिर आईएएस की नौकरी की। इसके बाद वे राजनीति में आए और छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया।  

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