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हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ जहां की थी दरिंदगी, वहीं एनकाउंटर में ढेर हुए चारों आरोपी... देखिए VIDEO

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06 December 2019


हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और मर्डर की खौफनाक वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार तड़के एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया। 


Four accused in Hyderabad rape-murder case killed in encounter

 जानकारी के मुताबिक पुलिस चारों आरोपियों को क्राइम सीन के रिक्रिएशन के लिए मौके पर ले गई थी और इस दौरान आरोपियों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए गोली चलाई गई, जिसमें चारों आरोपी ढेर हो गए।

हैदराबाद पुलिस कमिश्ननर ने रेप के चारों आरोपियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि सीन रिक्रियट करने के दौरान चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। यह घटना शुक्रवार तड़के की है। 

जानकारी के मुताबिक पुलिस चारों आरोपियों को क्राइम सीन के रिक्रिएशन के लिए मौके पर ले गई थी और इस दौरान आरोपियों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए गोली चलाई गई, जिसमें चारों आरोपी ढेर हो गए।    हैदराबाद पुलिस कमिश्ननर ने रेप के चारों आरोपियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि सीन रिक्रियट करने के दौरान चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। यह घटना शुक्रवार तड़के की है।

सभी आरोपियों को वहीं ढेर किया गया जहां उन्होंने महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के शवों को वहां से हटा दिया है ताकि किसी तरह की हंगामेदार स्थित पैदा ना हो सके।

आरोपियों के मारे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडिता के पिता ने कहा, 'मेरी बेटी की मृत्यु के 10 दिन हो चुके हैं। मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मेरी बेटी की आत्मा अब शांति मिलेगी।'


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तेलंगाना के कानून मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने कहा है कि भगवान ने कानूनी प्रक्रिया से पहले ही उन्हें सजा दे दी। मंत्री ने दावा किया कि आरोपी पुलिस के हथियार लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे। 

दरअसल, पुलिस अदालत की कार्रवाई के दौरान मजबूत साक्ष्य पेश करने के लिए सीन का रिक्रिएशन करती है, ताकि केस की पूरी कड़ियों को आपस में जोड़ा जा सके। 


आपको बता दें कि आरोपियों ने महिला डॉक्टर के साथ एनएच 44 पर शम्शाबाद और शादनगर के बीच पहले रास्ते की रेकी की और फिर वारदात को प्लानिंग के तहत अंजाम दिया। डॉक्टर के साथ गैंगरेप को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने शव को कंबल में लपेटकर जलाने की कोशिश भी की थी।

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Jio ने 199 रुपये शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किए नए टैरिफ प्लान... यहां देखें पूरी लिस्ट

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05 December 2019

नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने आखिरकार अपने नए टैरिफ प्लान पेश कर दिए हैं। जियो के सभी नए टैरिफ प्लान 6 दिसंबर से लागू होंगे। अपने नए प्लान को लेकर कंपनी का दावा है कि जियो के प्लान टैरिफ बढ़ने के बावजूद एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के टैरिफ प्लान से 15-25 फीसदी तक सस्ते हैं। 



बता दें कि इन सभी प्लान के साथ जियो टीवी पर 600 से अधिक चैनल देखने का मौका मिलेगा। साथ ही जियो सिनेमा पर 10,000+ फिल्में और कई सारे शोज मिलेंगे। वहीं जियो क्लाउड पर 5 जीबी स्टोरेज फ्री में मिलेगी।आइए जानते हैं जियो के सभी प्लान के बारे में।


  • जियो के रोज 1.5 जीबी डाटा वाले प्लान


रोज 1.5 जीबी डाटा के तहत तीन प्लान पेश किए गए हैं जिनमें 199 रुपये, 399 रुपये, 555 रुपये और 2,199 रुपये के प्लान शामिल हैं। 199 रुपये वाले प्लान की वैधता 28 दिनों की है। इस प्लान में जियो से जियो के नेटवर्क पर कॉलिंग फ्री है, वहीं दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 1,000 मिनट्स मिलेंगे।


वहीं जियो 399 रुपये वाले प्लान में 56 दिनों की वैधता के साथ 2000 मिनट दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग मिलेगी। 555 रुपये वाले प्लान में 84 दिनों की वैधता के साथ दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 3,000 मिनट और 2,199 रुपये वाले 365 दिनों के प्लान में दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 12,000 मिनट मिलेंगे।


  • जियो का 28 दिन वाला प्लान

199 रुपये-  रोज 1.5 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 1000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन 


249 रुपये- रोज 2 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 1000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन


349 रुपये- रोज 3 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 1000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन

  • 56 दिनों वाला प्लान

399 रुपये- रोज 1.5 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 2000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन


444 रुपये- रोज 2 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 2000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन


  • 84 दिनों वाला प्लान

555 रुपये- रोज 1.5 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 3000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन


599 रुपये- रोज 2 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 3000 मिनट और  जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन

  • 365 दिनों वाला प्लान

2,199 रुपये- रोज 1.5 जीबी डाटा, दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए 12,000 मिनट और जियो एप्स के सब्सक्रिप्शन


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छत्तीसगढ़ी फिल्म एक्ट्रेस माया साहू पर एसिड अटैक, केमिकल फेंककर फरार हुए बाइक सवार, जांच में जुटी पुलिस

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16 November 2019


भिलाई। छत्तीसगढ़ी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री माया साहू पर भिलाई में बाइक सवार युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया। शनिवार को घर के बाहर खड़ी माया साहू पर अज्ञात बाइक सवारों ने केमिकल फेंका और भाग गए।


Acid attack on Chhattisgarhi film actress Maya Sahu

घटना भिलाई के सुपेला थाना क्षेत्र की है। इस घटना के बाद युवती चीखने लगी। घर वाले इन्हें अस्पताल लेकर गए। परिवार के लोग इस घटना के बारे में किसी भी तरह की जानकारी मीडिया को देने से बच रहे हैं। 



खबर है कि माया साहू का किसी अन्य कलाकर से पहले विवाद हुआ था। पुलिस ने अज्ञात आरोपित युवक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। वहीं युवती पर किस तरह का केमिकल फेंका गया इसकी जांच की जा रही है। हालांकि, अभी पीड़ित युवती का बयान दर्ज नहीं किया गया है। 


Acid attack on Chhattisgarhi film actress Maya Sahu



पुलिस के मुताबिक युवती छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनेत्री के रूप में काम करती है। युवती के बयान के बाद मामले में आगे जांच की बात पुलिस कह रही है। 


बता दें कि यह घटना शहर के बेहद भीड़-भाड़ वाले इलाके में हुई है। बताया जा रहा है कि युवती के सिर पर भी चोट आई है। प्रारंभिक तौर पर पुलिस आरोपित की पतासाजी में जुटी है।


Acid attack on Chhattisgarhi film actress Maya Sahu

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CRPF हेड कांस्टेबल को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, जिस महिला के घर में किराएदार था उसी की कर दी थी हत्या...जानिए पूरा मामला

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15 November 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक शादीशुदा महिला की हत्या के आरोपी सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। आरोपी का महिला से अवैध संबंध था। फिर किसी बात पर दोनों में विवाद इतना बढ़ा कि सीआरपीएफ जवान ने महिला को मौत के घाट उतार दिया।



बता दें कि सालभर पहले मोवा के आदर्श नगर में सीआरपीएफ जवान पंकज सिंह ने कविता ऊर्फ सीमा वर्मा नाम की महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी हेड कांस्टेबल कविता शर्मा के घर में बतौर किराएदार रहता था। 


बिहार के बेगूसराय निवासी पंकज सीआरपीएफ के डीआइजी कार्यालय में तैनात था। वह करीब एक साल से कविता के घर किरायेदार था। इसी दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ी और रोज मिलने-मिलाने का सिलसिला चलने लगा। इसी बीच महिला के साथ जवान का अवैध संबंध स्थापित हो गया था।



अवैध संबंध बना हत्या की वजह:   आरोपी जवान पंकज सिंह भी पहले से शादीशुदा था। ऐसे में दोनों के बीच आए दिन विवाद होने लगा था। इसी बीच एक दिन पंकज सिंह ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से रात में चार गोलियां कविता पर दागी थी। तीन गोली कविता को लगी और मौके पर उसकी जान चली गई। 


हालांकि, वारदात के बाद आरोपित ने अपनी सर्विस रिवाल्वर को दफ्तर में छोड़ दिया था। लेकिन पुलिस ने कविता के पति और अन्य किरायेदारों के बयान और आरोपित से पूछताछ में हत्या की गुत्थी सुलझा ली थी। 



सालभर से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। गुरूवार को हुई सुनवाई में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की कोर्ट ने हत्या के दोषी सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल पंकज सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई। 




आरोपी ने ये कहा था


पूछताछ के दौरान आरोपित ने पुलिस को बताया था कि कविता पैसे की डिमांड करती थी, नहीं देने पर थाने में दुराचार की रिपोर्ट करने की धमकी देती थी। कविता ने अपने संबंधों के बारे में लोगों को बता भी दिया था। आरोपित ने पंडरी थाना में गाड़ी में तोड़फोड़ करने की शिकायत भी की थी। यह शहर का बहुचर्चित हत्याकांड था। 


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अयोध्या पर सुप्रीम फैसला: विवादित जमीन 'रामलला' के नाम, सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिलेगी पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन

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09 November 2019


नई दिल्ली। देश के सबसे लंबे समय तक चले मुकदमे अयोध्या भूमि विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने के लिए कहा है। 


अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने वाली पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट में 16 अक्टूबर 2019 को अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी हुई थी। 

फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था। CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं। CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्मस्थल मानते हैं। हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया। कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए।

रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी। साथ ही सबूत पेश किए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे। CJI ने कहा कि 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओ पर कोई रोक नहीं थी। मुसलमानों का बाहरी आहते पर अधिकार नहीं रहा।

छत्तीसगढ़ सरकार ने इन फलों की बिक्री पर लगाई पाबंदी, बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई

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17 October 2019

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने स्टीकर लगे फलों को बेचने पर बैन लगा दिया है। राज्य के सभी शहरों में यह प्रतिबंध लागू किया गया है। ऐसे फलों को बेचने वाले कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई की बता कही गई है। वहीं आम लोगों से भी इस तरह के फल न खरीदने की अपील की गई है।



सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर कोई भी कारोबारी स्टीकर वाले फल बेचेगा, बांटेगा या स्टॉक करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ जुर्माने या जेल दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है। 



नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती आदि फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं। 



आमतौर पर फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड के नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है।



बताया जाता है कि फलों के ऊपर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और इसकी वजह से फल दूषित हो जाता है। स्टीकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो मानव के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। 



खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़ी-गली फलों एवं सब्जियों का विक्रय नहीं करेगा। ऐसा करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। 

फलों को पकाकर बेचना भी प्रतिबंधित 

फल एवं सब्जियों में मोम, खनिज तेल, अन्य रंगों का पॉलिश भी अब कारोबारी नहीं कर सकते। इतना ही नहीं नए नियमों के मुताबिक अब फलों को कार्बाइट या एसीटिलिन गैस जैसे केमिकल से पकाकर बेचना भी प्रतिबंधित है। 


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मुठभेड़ में जख्मी महिला नक्सली अस्पताल में करा रही थी इलाज, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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14 October 2019


राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में घायल एक महिला नक्सली को रविवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। वह उपचार कराने के लिए अस्पताल आई थी। फिलहाल प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजनांदगांव रेफर कर दिया गया है। 



बताया जा रहा है कि महिला बुकमरका के जंगलों में हुई मुठभेड़ के दौरान घायल हो गई थी। इसके बाद से वह सूड़ियाल के अस्पताल में इलाज करा रही थी। 15 दिन के भीतर बुकमरका पहाड़ में दूसरी बार मुठभेड़ हुई थी। 

जानकारी के मुताबिक, मोहला मानपुर क्षेत्र में बुकमरका के जंगलों में 12 अक्टूबर को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। नक्सलियों की मौजूदगी होने की सूचना पर जवान सर्चिंग पर निकले थे। इस दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। 



जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली इस मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले थे। मौके से जवानों ने आईईडी सहित अन्य सामान बरामद किया था। मुठभेड़ के बाद जवानों ने कुछ नक्सलियों के घायल होने का भी दावा किया था। 


कमर में लगी थी गोली  इस बीच रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला नक्सली सूड़ियाल के अस्पताल में अपना इलाज करा रही है। इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़ी गई महिला नक्सली के मुठभेड़ के दौरान कमर में गोली लगी थी। 

फिलहाल महिला नक्सली को पुलिस उसे मानपुर लेकर आई। यहां मानपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजनांदगांव रिफर कर दिया गया है। घायल महिला नक्सली का नाम कमला है और वह बस्तर के सुकमा जिले से यहां इलाज करानेे के लिए पहुंची थी। 

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नक्सलियों की गोली से घायल हुआ था जवान, 13 साल बाद हुई शहादत

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11 October 2019


धमतरी। बस्तर के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेने वाला एक जांबाज सिपाही 13 साल बाद अपनी जिंदगी की जंग हार गया। नक्सली मुठभेड़ में घायल होने के बाद बीते 13 सालों से जवान जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा था। गुरुवार को इलाज के दौरान जवान की शहादत हो गई। 



बता दें कि ग्राम सलोनी निवासी आरक्षक बसंत नेताम की 1992 में पुलिस में भर्ती के बाद पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा में हुई। 13 साल पहले वे गोलापल्ली थाना में पदस्थ थे। गश्त के दौरान पुलिस पार्टी के इंचार्ज एपीसी रामगोपाल के साथ थाने लौट रहे थे, तभी तारला मुड़ा-नालापल्ली तिराहे में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। 

11 जून 2006 को हुए इस मुठभेड़ में आरक्षक बसंत नेताम को तीन गोलियां लगी। नक्सलियों की एक गोली किडनी व एक गोली आंत को चीरते हुए पार हो गई। एक महीना कोमा में रहने के बाद उसकी जिंदगी बच गई थी। इस दौरान वह जख्मों को इलाज कराता रहा, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बेहतर इलाज नहीं करा पा रहा था। आखिरकार आठ अक्टूबर को उसने अंतिम सांसें लीं।



बताया गया कि नक्सलियों की एक गोली आंत से होकर सीने में जाकर फंस गई थी। इस वजह से वे कोमा में चले गए। हेलीकॉप्टर से उन्हें रायपुर पहुंचाया गया। मेकाहारा में उपचार के बाद रामकृष्ण अस्पताल में उपचार चला। डॉक्टरों ने एक किडनी निकाल दी। किसी तरह हालत सुधरने पर उन्हें घर लाया गया। तब से लेकर आठ अक्टूबर 2019 तक उनका जीवन संघर्ष में बीता। इस दौरान तीन बार उनका आपरेशन किया गया।

जवान बसंत नेताम के शरीर का पाचन तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका था। शरीर में खून नहीं बनता था। इसलिए हर 6-7 महीने में शरीर का खून बदलना पड़ता था। सितंबर के आखिरी पखवाड़े में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब उन्हें धमतरी के मसीही अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद रायपुर के नारायणा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।


पति को मिले शहीद का दर्जा   नक्सली मुठभेड़ में मृत पुलिस आरक्षक बसंत नेताम की पत्नी जानकी नेताम का कहना है कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। क्योंकि वर्ष 2006 के नक्सली मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए उनको गोली लगी थी। उसी गोली के कारण किडनी, आंत और शरीर के अन्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया। 13 साल तक तकलीफदेह जिंदगी जीने के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

बता दें कि बसंत नेताम अकेले ही परिवार में कमाने वाले थे। उनकी आय से ही परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। शहीद होने के बाद अब उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया है। परिवार में पत्नी जानकी के अलावा एक पुत्र और दो बेटियां हैं। पुत्र डिकेश एमए, पुत्री ज्योति बीए और मनीषा 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। परिजनों ने परिवार की आर्थिक दशा सुधारने डिकेश को सरकारी नौकरी देने की मांग सरकार से की है। 


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गोदावरी नदी में 61 सैलानियों से भरी नाव पलटी, 12 की मौत...30 से ज्यादा लापता !

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15 September 2019


अमरावती। आंध्र प्रदेश में रविवार को गोदावरी नदी में एक नौका के पलट जाने से करीब 12 लोगों की मौत हो गई है। नाव में 61 लोग सवार थे। 30 सदस्यीय एनडीआरएफ की दो टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। 23 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं इस हादसे में 30 से अधिक लोगों के लापता होने की आशं​का जताई जा रही है।




मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने जिले के सभी उपलब्ध मंत्रियों को घटना स्थल पर बचाव कार्यों की निगरानी करने का आदेश दिया है। साथ ही सीएम ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।


बता दें कि गोदावरी नदी पिछले कुछ दिनों से उफान पर है। जब यह हादसा हुआ तब नदी में बाढ़ आई हुई थी। नौका पर करीब 61 लोग सवार थे, जिनमें चालक दल के करीब 11 सदस्य भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि नौका कच्चुलुरु के पास पलट गई।




सीएम ने दिए ये निर्देश

मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौतम सवांग और मुख्य सचिव एलवी सुब्रमण्यम को बचाव कार्यों की बारीकी से निगरानी करने और समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को पर्यटकों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ से अतिरिक्त बल तैनात करने का निर्देश दिया। अधिकारियों को इस क्षेत्र में सभी नौका विहार सेवाओं को तत्काल निलंबित करने का भी सीएम ने निर्देश दिया है।



बचाव कार्य में हेलिकॉप्टर की मदद   मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, पुलिस प्रमुख ने भारतीय नौसेना अधिकारियों से नाव दुर्घटना स्थल के लिए एक हेलिकॉप्टर तैनात करने के लिए सहायता मांगी है। उधर, राज्य के मुख्य सचिव एल वी सुब्रह्मण्यम ने पूर्वी गोदावरी के जिला कलेक्टर मुरलीधर रेड्डी से बात की और घटना के बारे में जानकारी ली है।




बिना लाइसेंस चल रही थी नाव

उधर, राज्य के पर्यटन मंत्री अवंती श्रीनिवास राव ने इस हादसे पर दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस नाव (रॉयल वशिष्ठ) के पास विभाग से कोई लाइसेंस नहीं था। पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस बारे में गहन जांच होगी।

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अच्छी बारिश के लिए कराया था 'मेंढक-मेंढकी' का विवाह, इतनी हुई बरसात की कराना पड़ गया तलाक !

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13 September 2019


भोपाल। क्या बारिश रोकने के लिए आपने मेंढक-मेंढकी के तलाक के बारे में सुना है? ये अजीबो-गरीब वाकया मध्य प्रदेश का है जहां बारिश से बेहाल लोगों ने मेंढक और मेंढकी का तलाक करवा दिया। कुछ महीने पहले भीषण गर्मी से परेशान लोगों ने इन्द्र देवता को खुश करने के लिए गाजे-बाजे के साथ मेढकों की शादी आयोजित की थी।



मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश की मन्नत कर करीब दो महीने पहले राजधानी भोपाल में मिट्टी से बनाए मेंढक और मेंढकी की शादी कराई गई थी। लेकिन अब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही भारी बारिश से परेशान होकर इन दोनों का बाकायदा तलाक कराया गया है। 


बता दें कि वर्षा के देवता माने जाने वाले इंद्र को प्रसन्न करने के लिए यहां इंद्रपुरी इलाके में स्थित 'तुरंत महादेव मंदिर' में ओम शिव शक्ति मंडल के सदस्यों ने मेंढक-मेंढकी का विवाह करवाया था और अब तलाक भी उन्होंने ही करवाया है।



ओम शिव शक्ति मंडल के पदाधिकारी सुरेश अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया, 'वर्षा के देवता प्रसन्न हो, प्रदेश में अच्छी बारिश आए इसलिए इस साल जुलाई में मिट्टी का एक मेंढक और एक मेंढकी बना कर उनकी शादी तुरंत महादेव मंदिर में कराई थी। शादी के बाद से ही प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है। अब लोग इस बारिश से परेशान हो गये हैं।'

अग्रवाल ने कहा, 'कुछ लोगों ने भारी बारिश को रोकने के लिए मेंढक-मेंढकी का तलाक कराने की सलाह दी। जिसके बाद हमने धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोच्चारण के बीच बुधवार को इसी मंदिर में मेंढक-मेंढकी का तलाक करवा दिया। तलाक के बाद पानी में दोनों का विसर्जन कर दिया है।'


दरअसल, लोगों का मानना था कि मेंढक-मेंढकी की शादी से बारिश के देवता प्रसन्न होंगे और प्रदेश में अच्छी बारिश होगी। एमपी में इसके बाद बारिश शुरू हुई तो थमने का नाम नहीं ले रही है। बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, कई बड़े हाईवे बंद कर दिए गए हैं। अब प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। 


बारिश से बेहाल लोग  एमपी में लगातार हो रही बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदेश के कई शहरों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। नदियों से सटे इलाकों को खाली करवाया जा रहा है। निचली बस्तियों में भी पानी भरने की खबरें लगातार आ रही हैं। 

प्रदेश में बारिश के कारण ऐसे हालात बने हैं कि सामान्य से कहीं अधिक बारिश ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश भर के डैम खोल दिए हैं। 11 सितंबर तक प्रदेश में सामान्य से 26 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। वहीं, मौसम विभाग की मानें तो अभी भी बारिश से राहत नहीं मिलने के आसार नहीं हैं।

5 साल से सिर पर सींग लिए घूम रहा था यह शख्स, ऑपरेशन के बाद मिली मुक्ति !

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सागर। आपने किस्से-कहानियों में सींग वाले इंसान के बारे में सुना होगा। हॉलीवुड फिल्म 'हेलबॉय' में भी एक चरित्र दिखाया गया है, जिसके दो सींग हैं... आज हम ऐसे ही एक शख्स के बारे में आपको बता रहे हैं, जिसके सिर के बीचों-बीच एक सींग निकल आया था। 



एमपी के सागर जिले के रहली के रहने वाले श्यामलाल यादव(74) के सिर के बीचों-बीच 4 इंच से बड़ा सींग निकल आया था। सींग बिल्कुल असली और ठोस था। मेडिकल साइंस में यह दुर्लभ मामला है। पिछले दिनों श्यामलाल का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद उन्हें इस सींग से मुक्ति मिल गई है।


रहली के पटना बुजुर्ग गांव के श्यामलाल यादव बीते 5 साल से सिर पर सींग लेकर घूम रहे थे। वैसे तो उन्हें सींग से कोई खास परेशानी नहीं थी, लेकिन असहज जरूर लगता था। श्यामलाल बताते हैं कि करीब 5 साल पहले उन्हें सिर में जोरदार चोट लग गई थी। उसके कुछ दिनों बाद सींग निकलने लगा था। 


कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ तो श्यामलाल ने बाल काटने वाले स्थानीय नाई से कई दफा सींग को ब्लेड से कटवा दिया, लेकिन सींग बार-बार निकल आता। 


श्यामलाल मेडिकल कॉलेज के अलावा भोपाल और नागपुर के अस्पतालों तक गए और वापस आ गए। उन्हें भरोसे का डॉक्टर नहीं मिल सका और न वे डॉक्टरों की बातों पर भरोसा कर सके। आखिरकार उन्होंने सागर के निजी अस्पताल में डॉ. विशाल गजभिये को समस्या बताई। जहां पिछले दिनों डॉ. गजभिये ने ऑपरेशन कर उन्हें सींग से मुक्ति दिलाई।



माथे की चमड़ी लगाकर की प्लास्टिक सर्जरी  श्यामलाल यादव की सर्जरी करने वाले सीनियर सर्जन डॉ. गजभिये ने बताया कि सींग की लंबाई करीब 4 इंच थी। मोटाई भी पर्याप्त थी। सीटी स्कैन में यह देखा गया कि सींग सिर में कितने अंदर तक था। जब कन्फर्म हो गया कि न्यूरो सर्जन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी तो ऑपरेशन किया गया। सींग को काटने के बाद खाली जगह को बंद करने के लिए माथे के ऊपरी हिस्से की चमड़ी निकालकर प्लास्टिक सर्जरी की गई है। अब दोबारा यह नहीं उभरेगा। 

डॉ. गजभिये के अनुसार यह दुर्लभ केस है। मेडिकल साइंस में इसे सेबेसियस हार्न कहा जाता है। सिर में बालों की ग्रोथ के लिए प्राकृतिक रूप से सेबेसियस ग्लैंड (ग्रंथि) होती है। इससे द्रव्य रिलीज होते हैं। जिससे बाल चमकदार बनते हैं। यह ग्रंथि बंद होने से यह द्रव्य जमता रहा और सींगनुमा आकार में सिर के ऊपर निकल आया।



ये दुर्लभ मामला अध्ययन का विषय है। इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेज रहा हूं। मेडिकल साइंस के कोर्स में शामिल करने के लिए भी भेज रहे हैं। मेरे जीवन का पहला मामला है। बहुत ही रेयर केस है। सेबेसियस हॉर्न की हिस्ट्री कहीं नहीं मिली। 
-डॉ. विशाल गजभिये, सीनियर सर्जन, सागर


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गणपति विसर्जन के दौरान हादसा, नाव पलटने से 11 लोगों की मौत, तीन लापता

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भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में छोटा तालाब के खटलापुरा घाट पर शुक्रवार तड़के साढ़े चार बजे गणपति विसर्जन के दौरान नाव पलटने से 11 की मौत हो गई। नाव में 19 लोग सवार थे। पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया और तीन की तलाश की जा रही है। 


बताया जा रहा है कि मरने वाले लोग पिपलानी के 100 क्वार्टर के रहने वाले थे। मौके पर एसडीआरएफ की टीम, गोताखोर और पुलिस की टीम मौजूद है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। 


जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। हादसे में 11 लोगों का मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। ये कैसे हुआ, इसकी जांच की जाएगी। नगर निगम इसके लिए अलग से घोषणा करेगी। जिस जगह घटना हुई, वहां मध्य प्रदेश होमगार्ड और राज्य आपदा बचाव दल (एसडीआरएफ) का मुख्यालय है।





दो नावों में 23 लोग सवार थे   प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, दो नावें आपस में जुड़ी थीं, इन पर 22-23 लोग सवार थे। सभी लोग 27-28 साल उम्र के थे। कोई भी लाइफ जैकेट नहीं पहने हुआ था। एक नाव पलटी तो लोग दूसरी पर कूद गए। लिहाजा नाव का संतुलन बिगड़ गया।




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फ्लाइट छूटने पर कांग्रेस विधायक ने एयरपोर्ट पर महिला कर्मचारी से की बदसलूकी, जानिए पूरा मामला

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11 September 2019


नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के महासमुंद विधानसभा से कांग्रेस विधायक विनोद चंद्राकर के ऊपर एयर इंडिया की एक महिला कर्मचारी को अपमानित करने अथवा बदसलूकी करने का आरोप लगा है। 



बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक विनोद पर बीते 7 अगस्त को रायपुर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की एक महिला कर्मचारी को अपमानित करने का आरोप लगा है, क्योंकि महिला कर्मचारी ने उन्हें देर से एयरपोर्ट पर पहुंचने की वजह से प्लेन में बैठने की इजाजत नहीं दी थी। एयर इंडिया की प्रारंभिक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है।


रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'विधायक के बोर्डिंग कार्ड पर 5:30 बजे का समय लिखा हुआ था। विमान में पांच यात्रियों को छोड़कर सभी यात्री सवार थे। इसके बाद भी सुरक्षा होल्ड क्षेत्र (SHA) और चेक-इन क्षेत्र में 6:12 तक फ्लाइट के उड़ान की बार-बार घोषणा की जाती रही। '  



रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 'एक यात्री ने सूचना दी कि अन्य लोग रास्ते में हैं। रायपुर एयरपोर्ट मैनेजर, एयर इंडिया का एक अधिकारी 
(फीमेल स्टाफ) और एक ग्राहक सेवा एजेंट (सीएसए) ने यात्रियों का इंतजार किया।  इतने के बाद भी जब  6:13 बजे तक यात्री नहीं पहुंचे तो विमान का दरवाजा  6:18 पर बंद कर दिया गया और और फ्लाइट 6:30 बजे रवाना कर दी गई। यह जानकारी एयर इंडिया की रिपोर्ट में है। 


रिपोर्ट में आगे कहा गया, 'एक यात्री ने बताया कि अन्य लोग रास्ते में थे. एयर इंडिया रायपुर एयरपोर्ट मैनेजर, एक अधिकारी और एक ग्राहक सेवा एजेंट (सीएसए) ने यात्रियों का इंतजार किया। इसके बाद भी जब 6:13 बजे तक यात्री नहीं पहुंचे तो फ्लाइट का दरवाजा  6:18 पर बंद कर दिए गए और फ्लाइट 6:30 बजे रवाना कर दी गई।'



इस बारे में विधायक विनोद से संपर्क किया और फोन पर इस आरोप के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं एक विधायक हूं, मुझे पता कि किसी के साथ कैसे पेश आना चाहिए। मैं एयरपोर्ट पर करीब 5.30 बजे पहुंच गया था। उन्होंने आगे कहा कि मेरे सामान को दो बार चेक किया गया। दो बार सुरक्षा चेकिंग की वजह से ही देरी हुई। 


हालांकि, मैं फाइनल गेट पर 6.5 मिनट पर पहुंचा। देर से पहुंचने की वजह से एयर इंडिया की महिला स्टाफ ने मुझ पर चिल्लाया और मुझे प्लेन में बैठने नहीं दी। 


विधायक विनोद ने कहा कि मैं एयर इंडिया की महिला स्टाफ को मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों को साबित करने की चुनौती देता हूं। साथ ही मैं एयर इंडिया प्रशासन से अनुरोध करता हूं कि वह एयर पोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करें। इस पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिये हैं। 

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नक्सल प्रभावित इलाके की अनुप्रिया बनीं पहली आदिवासी कमर्शियल महिला पायलट, पूरा हुआ उड़ने का सपना

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10 September 2019


मलकानगिरी/भुवनेश्वर। एक आदिवासी लड़की ने सालों पहले आसमान में उड़ने में सपना देखा। उसे पूरा करने के लिए उसने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और आखिरकार अपने सपनों को हासिल कर ही दम लिया। यह प्रेरणास्पद कहानी है ओडिशा के नक्सल प्रभावित मलकानगिरी जिले की 23 वर्षीय अनुप्रिया लकड़ा की।  


अनुप्रिया ने पायलट बनने की चाह में सात साल पहले 2012 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर उड्डयन अकादमी में प्रवेश लिया था। अपनी लगन और काबिलियत की बदौलत वह जल्द ही एक निजी विमानन कंपनी में सह पायलट के तौर पर सेवाएं देने वाली है। 



अनुप्रिया के पिता मरिनियास लकड़ा ओडिशा पुलिस में हवलदार हैं और मां जामज यास्मीन लकड़ा गृहिणी हैं। उसने 10वीं की पढ़ाई कॉन्वेंट स्कूल और 12वीं की पढ़ाई सेमिलीडुगा के एक स्कूल से की। पिता ने बताया कि पायलट बनने की इच्छा के चलते उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी और पायलट प्रवेश परीक्षा की तैयारी भुवनेश्वर से की। 




मरिनियास ने बताया कि अनुप्रिया ने 2012 में भुवनेश्वर में पायलट प्रशिक्षण संस्थान में दाखिला लिया था। पायलट बनने के उसके सपने के हकीकत में साकार होने से हम बहुत खुश हैं। उसे एक निजी एयर लाइन में सह पायलट के तौर पर चयन कर लिया गया है और जल्द ही विदेश के लिए उड़ान भरेगी। 



मलकानगिरी जैसे पिछड़े जिले से ताल्लुक रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मां ने भी कहा कि वह बहुत खुश हैं। यह मलकानगिरि के लोगों के लिए गर्व की बात है। उसकी कामयाबी दूसरी लड़कियों को प्रेरणा देगी।  




सीएम नवीन पटनायक ने दी बधाई  ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अनुप्रिया लकड़ा को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि वह अनुप्रिया की सफलता के बारे में जानकर खुश हैं। सतत प्रयासों और दृढ़ता से हासिल की गई उसकी सफलता दूसरे लोगों के लिए एक उदाहरण है। एक काबिल पायलट के रूप में अनुप्रिया को और सफलता हासिल करने की शुभकामनाएं। 


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अंतागढ़ टेप कांड मामले में सनसनीखेज खुलासा... मंतूराम पवार ने मजिस्ट्रेट के सामने दिया बयान- राजेश मूणत के बंगले पर साढ़े 7 करोड़ में हुई थी डील

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07 September 2019


रायपुर। अंतागढ़ टेप कांड मामले में मंतूराम पवार ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया है कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बंगले में साढ़े 7 करोड़ में डील हुई थी।  मंतूराम पवार ने मामले में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, अजीत जोगी, अमित जोगी और राजेश मूणत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया है।



मंतूराम ने धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते हुए कहा है कि उन पर प्रेशर डालकर यह डील की गई थी। इस डील के बाद वह काफी गिल्टी महसूस कर रहे थे। मंतूराम के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवंडर आ सकता है। 




मंतूराम पवार ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा कि इस पूरे मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, अजीत जोगी और अमित जोगी शामिल थे। पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बंगले पर साढ़े 7 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ था।



आपको बता दें कि अंतागढ़ में उपचुनाव के समय कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने आखिर वक्त पर अपना नाम वापस लेकर सबको चौंका दिया था। इस पूरे प्रकरण में एक सीडी वायरल हुई थी। सीडी में कथित तौर पर अमित जोगी, अजीत जोगी, डॉ पुनीत गुप्ता, मेनन और फिरोज सिद्धिकी की आवाजें थी।




अंतागढ़ टेपकांड जाँच को लेकर कांग्रेस की भूपेश सरकार ने एसआईटी गठित की। मामले में पंडरी थाने में अपराध में पंजीबद्ध किया गया। पंडरी थाने में दर्ज अपराध में किरणमयी नायक प्रार्थी हैं, जबकि आरोपी के रुप में मंतुराम पवार, अजित जोगी, अमित जोगी और डॉ पुनीत गुप्ता के नाम दर्ज है।



इधर, अंतागढ़ टेप कांड मामले में वॉइस सैम्पल को लेकर 11 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। अमित जोगी ने मामले में खुद ही पैरवी करने की इच्छा जताई है।


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चंद्रयान-2: चांद पर उतरने से ठीक पहले गुम हुआ लैंडर विक्रम... दहशत के वो 15 मिनट, जब लैंडर विक्रम से टूटा इसरो का संपर्क

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नई दिल्ली। भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर खो गया। चांद की सतह की ओर बढ़ा लैंडर विक्रम का चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले संपर्क टूट गया। इससे ठीक पहले सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन इस अनहोनी से इसरो के कंट्रोल रूम में अचानक सन्नाटा पसर गया।



इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने जिन पलों को 'दहशत के 15 मिनट' बताया था, उन चार चरणों के बारे विस्तृत रूप से जानिए। गौरतलब है कि के. सिवन ने कहा था कि लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट '15 मिनट ऑफ टैरर' होंगे। इस दौरान विक्रम 4 चरणों से गुजरा।



पहले चरण में चंद्रयान-2 30 किमी से 7.4 किमी पर आया। इस पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट लगे। इसके बाद इसरो का इसपर कंट्रोल नहीं रहा। दूसरे चरण में चंद्रयान-2 7.5 किमी से आगे बढ़कर पांच किमी तक उतरा। इसमें चंद्रयान ने 38 सेकंड का समय लिया। इस दौरान विक्रम के चार इंजन चालू हुए। इससे उसकी गति 550 किमी से घटाकर 330 किमी प्रति घंटा की गई।



लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क तीसरे चरण के दौरान टूटा। दरअसल, तीसरे चरण में चंद्रयान-2 को पांच किमी से नीचे उतरना था। इसमें 89 सेकंड लगने थे, लेकिन इसरो का संपर्क टूट गया। इसके बाद कोई जानकारी नहीं मिली। 



चौथे चरण में 400 मी. ऊपर से 100 मी. तक आकर विक्रम को रुकना था। यहां दो क्रेटर हैं। पहला मैजिनियस सी और दूसरा सिंपेलियस। इन दोनों क्रेटरों की एक-दूसरे से 1.6 किमी की दूरी है। लैंडर विक्रम को इसमें से एक साइट चुननी थी। उसकी दिशा में उतरते हुए 100 मी. की ऊंचाई से 10 मी. तक पहुंचने में 65 सेकेंड लगने थे। 




फिर फिर 10 मी. की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद लैंडर का पांचवां इंजन शुरू होना था। इससे गति और धीमी होनी थी। यहां से सतह पर पहुंचने में उसे कुल 13 सेकेंड लगने थे। लेकिन दुर्भाग्यवश यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई और लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया।




यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क टूट गया, लेकिन सवा अरब भारतीयों की उम्मीदें नहीं टूटी हैं। मून मिशन (Moon Mission) भले पूरा नहीं हुआ, लेकिन इस अभियान के जरिये इसरो ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। 



चंद्रयान-2 में इसरो अपने मिशन से महज दो कदम दूर रह गया। मिशन भले अधूर रह गया हो, लेकिन सवा अरब देशवासियों को पूरा भरोसा है कि भारत को मून मिशन में कामयाबी जरूर मिलेगी। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसरो के साथ यह ख्याति जुड़ी है कि उसने लिए हर चुनौती एक अवसर होती है।




ISRO मुख्यालय में पीएम मोदी ने हौसला दिलाया  इसरो ने कई प्रयास के बाद मध्य रात्रि करीब सवा दो बजे बताया कि लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया है। यह एक झटका जरूर था, लेकिन इसरो में मौजूद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का भरोसा बढ़ाया और उनके प्रयासों की सराहना करते हुए हौसलाअफजाई की। पीएम मोदी ने कहा, 'देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। वे देश की सेवा कर रहे हैं। आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगी। मैं पूरी तरह वैज्ञानिकों के साथ हूं। हिम्मत बनाए रखें, जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।'

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