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चंद्रयान-2: चांद पर उतरने से ठीक पहले गुम हुआ लैंडर विक्रम... दहशत के वो 15 मिनट, जब लैंडर विक्रम से टूटा इसरो का संपर्क

07 September 2019

/ by India Khabar

नई दिल्ली। भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर खो गया। चांद की सतह की ओर बढ़ा लैंडर विक्रम का चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले संपर्क टूट गया। इससे ठीक पहले सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन इस अनहोनी से इसरो के कंट्रोल रूम में अचानक सन्नाटा पसर गया।



इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने जिन पलों को 'दहशत के 15 मिनट' बताया था, उन चार चरणों के बारे विस्तृत रूप से जानिए। गौरतलब है कि के. सिवन ने कहा था कि लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट '15 मिनट ऑफ टैरर' होंगे। इस दौरान विक्रम 4 चरणों से गुजरा।



पहले चरण में चंद्रयान-2 30 किमी से 7.4 किमी पर आया। इस पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट लगे। इसके बाद इसरो का इसपर कंट्रोल नहीं रहा। दूसरे चरण में चंद्रयान-2 7.5 किमी से आगे बढ़कर पांच किमी तक उतरा। इसमें चंद्रयान ने 38 सेकंड का समय लिया। इस दौरान विक्रम के चार इंजन चालू हुए। इससे उसकी गति 550 किमी से घटाकर 330 किमी प्रति घंटा की गई।



लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क तीसरे चरण के दौरान टूटा। दरअसल, तीसरे चरण में चंद्रयान-2 को पांच किमी से नीचे उतरना था। इसमें 89 सेकंड लगने थे, लेकिन इसरो का संपर्क टूट गया। इसके बाद कोई जानकारी नहीं मिली। 



चौथे चरण में 400 मी. ऊपर से 100 मी. तक आकर विक्रम को रुकना था। यहां दो क्रेटर हैं। पहला मैजिनियस सी और दूसरा सिंपेलियस। इन दोनों क्रेटरों की एक-दूसरे से 1.6 किमी की दूरी है। लैंडर विक्रम को इसमें से एक साइट चुननी थी। उसकी दिशा में उतरते हुए 100 मी. की ऊंचाई से 10 मी. तक पहुंचने में 65 सेकेंड लगने थे। 




फिर फिर 10 मी. की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद लैंडर का पांचवां इंजन शुरू होना था। इससे गति और धीमी होनी थी। यहां से सतह पर पहुंचने में उसे कुल 13 सेकेंड लगने थे। लेकिन दुर्भाग्यवश यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई और लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया।




यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन था। चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क टूट गया, लेकिन सवा अरब भारतीयों की उम्मीदें नहीं टूटी हैं। मून मिशन (Moon Mission) भले पूरा नहीं हुआ, लेकिन इस अभियान के जरिये इसरो ने जो उपलब्धि हासिल की है, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। 



चंद्रयान-2 में इसरो अपने मिशन से महज दो कदम दूर रह गया। मिशन भले अधूर रह गया हो, लेकिन सवा अरब देशवासियों को पूरा भरोसा है कि भारत को मून मिशन में कामयाबी जरूर मिलेगी। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसरो के साथ यह ख्याति जुड़ी है कि उसने लिए हर चुनौती एक अवसर होती है।




ISRO मुख्यालय में पीएम मोदी ने हौसला दिलाया  इसरो ने कई प्रयास के बाद मध्य रात्रि करीब सवा दो बजे बताया कि लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया है। यह एक झटका जरूर था, लेकिन इसरो में मौजूद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों का भरोसा बढ़ाया और उनके प्रयासों की सराहना करते हुए हौसलाअफजाई की। पीएम मोदी ने कहा, 'देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। वे देश की सेवा कर रहे हैं। आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगी। मैं पूरी तरह वैज्ञानिकों के साथ हूं। हिम्मत बनाए रखें, जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।'

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