दंतेवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 57 मंत्रियों ने गुरूवार की शाम पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने देश-विदेश के हजारों लोगों को न्यौता भेजा गया। समारोह में पश्चिम बंगाल के दिवंगत भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों को भी बुलावा भेजा गया लेकिन नक्सली हमले में मारे गए छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक भीमा मण्डावी के परिवार को न्यौता नहीं मिला।
इस उपेक्षापूर्ण रवैये से आहत दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि समारोह में नहीं बुलाए जाने पर खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हूं। ओजस्वी मंडावी पश्चिम बंगाल के दिवंगत कार्यकर्ताओं के परिवारों को बुलाए जाने को लेकर पत्रकारों से अपनी बात कह रही थीं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरी बार बतौर प्रधानमंत्री पद व गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हुए इस भव्य समारोह के लिए देश और दुनिया से तमाम विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इनमें लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजन भी शामिल थे।
ऐसे में भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने परिवार को नहीं बुलाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है। दंतेवाड़ा स्थित अपने निवास में मीडिया से चर्चा में ओजस्वी मंडावी ने कहा कि उनके पति भी भाजपा के कार्यकर्ता थे। नक्सली हमले में उनकी शहादत हुई लेकिन उनके इस बलिदान को भुला दिया गया।
ओजस्वी के मुताबिक आज भी उनका परिवार पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित है। ऐसे में उनके परिवार की इस अनदेखी से वे हैरान हैं। बता दें कि ओजस्वी मंडावी के पति और दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की लोकसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पूर्व 9 अप्रैल को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर हत्या कर दी थी।
बता दें कि ओजस्वी मण्डावी उस वक्त चर्चा में आईं थी जब पति की हत्या के दो दिन बाद वे अपने परिवार के साथ गृहग्राम गदापाल में मतदान करने पहुंची थीं।