बीजापुर। जिले में वन अधिकार मान्यता पत्र की निरस्त की गईं 2872 अर्जियों पर फिर से जांच की जाएगी और फिर तब इससे कुछ परिवारों को फायदा मिल सकेगा। इन अर्जियों की तीसरी बार जांच की जा रही है।
यहां कलेक्टोरेट में कलेक्टर केडी कुंजाम ने सचिवों और पटवारियों की बैठक ली। मीटिंग में एसडीएम डी राहूल वेंकट उमेश पटेल, एआर राना एवं सहायक आयुक्त सुरेन्द्र ठाकुर मौजूद थे।
बताया गया है कि 7782 आवेदनों पर वन अधिकार मान्यता पत्र दिए जा रहे हैं और वहीं 2872 अर्जियों को निरस्त कर दिया गया है। इन आवेदनों पर फिर से जांच करने का आदेश कलेक्टर केडी कुंजाम ने दिया। उन्होंने सामुदायिक दावे के अलावा नए आवेदन लेने का भी आदेश दिया।
सामुदायिक दावों में स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, विद्युत संचार एवं दूरसंचार लाइनें, टंकी एवं लघु जलाशय, पेयजल आपूर्ति एवं पानी की पाइप लाइन, जल एवं वर्षा जल के संचयन की संरचनाएं, लघु सिंचाई नहरें, अपारंपरिक उर्जा स्त्रोत, कौशल उन्नयन केन्द्र, सड़कें एवं सामुदायिक केन्द्र शामिल हैं।
13 दिसंबर 2005 से पहले वन भूमि पर काबिज लोगों को उस भूमि पर अधिकार और पट्टा मिलेगां एक परिवार को अधिकतम दस एकड़ का पट्टा मिलेगा। जीवनयापन के लिए आदिवासियों छोड़कर दूसरे वर्ग के लोगों को सबूत देना होगा कि वे तीन पीढ़ी यानि 75 सालों से वहां रहते हैं।
मौसमी बीमारियों पर नजर:कलेक्टर केडी कुंजाम ने सचिवों को मौसमी बीमारियों की खबर तत्काल देने और स्कूलों में भी बच्चों के पालकों की बैठक करवाने का आदेश दिया। ज्ञात हो कि बारिश के दिनों में मलेरिया एवं डायरिया की शिकायत अक्सर आती है।