पंकज दाउद @ बीजापुर। हाईस्कूल में दाखिला लेने के लिए निकली चार सहेलियों में से एक रिंकी तेलम को मौत छूकर निकल गई और इसे चकमा दिया, उसकी किस्मत ने। दरअसल, माओवादियों की गोली रिंकी के गले के पीछे सिर्फ दो सेमी ही घुसकर निकल गई। यदि गोली दो सेंटी मीटर और घुस जाती तो उसकी मौत हो सकती थी।
हल्लूर गांव की रहने वाली रिंकी तेलम, कुमारी अपका, रीना मण्डावी और जिबो तेलम ने केशकुतल से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की और वे नवीं में भैरमगढ़ में दाखिला का फार्म लेने के लिए शुक्रवार की सुबह दस बजे निकली थीं। वे एक पिक अप में केशकुतूल से सवार हुईं और दो किमी दूर ही जब गाड़ी देवांगन मोड़ के करीब पहुंची तो माओवादियों ने बाइक से गुजर रहे सीआरपीएफ की 199 बटालियन के जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।
पिक अप में सवार ड्राइवर ने स्थिति को भांपते तेजी से गाड़ी आगे बढ़ा दी लेकिन तब तक रिंकी और जिबो तेलम को गोली लग गई थी। जिबो को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मृत घोषित कर दिया गया जबकि घायल रिंकी तेलम को जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया। जिला हॉस्पिटल में डॉ एस नागुलम ने ऑपरेशन किया।
डॉ नागुलम ने बताया कि गोली रिंकी के गले के पीछे दो सेमी का घाव बनाकर निकल गई और अंदर तक गोली घुसती तो खतरा हो सकता था। उन्होंने बताया कि रिंकी की हालत खतरे से बाहर है। उसका उपचार जारी है।
भैरमगढ़ में दाखिला क्यों: रिंकीकुमारी, रीना और जिबो ने केशकुतूल आश्रम में रहकर आठवीं की परीक्षा पास की थीं। केशकुतूल स्कूल की शिक्षिका उर्मिला नाग ने बताया कि ये छात्राएं भैरमगढ़ में दाखिला लेना चाहती थीं। केशकुतूल में बालिकाओं के लिए आश्रम नहीं है जबकि बालकों के लिए पोटा केबिन है। रहने की सुविधा नहीं होने की वजह से वे भैरमगढ़ में दाखिला लेना चाहती थीं। उन्होंने हाईस्कूल में दाखिले का फार्म नहीं लिया था। वे शुक्रवार को फार्म लेने ही जा रही थीं।


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