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मुठभेड़ में जख्मी महिला नक्सली अस्पताल में करा रही थी इलाज, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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14 October 2019


राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में घायल एक महिला नक्सली को रविवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। वह उपचार कराने के लिए अस्पताल आई थी। फिलहाल प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजनांदगांव रेफर कर दिया गया है। 



बताया जा रहा है कि महिला बुकमरका के जंगलों में हुई मुठभेड़ के दौरान घायल हो गई थी। इसके बाद से वह सूड़ियाल के अस्पताल में इलाज करा रही थी। 15 दिन के भीतर बुकमरका पहाड़ में दूसरी बार मुठभेड़ हुई थी। 

जानकारी के मुताबिक, मोहला मानपुर क्षेत्र में बुकमरका के जंगलों में 12 अक्टूबर को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। नक्सलियों की मौजूदगी होने की सूचना पर जवान सर्चिंग पर निकले थे। इस दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। 



जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली इस मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले थे। मौके से जवानों ने आईईडी सहित अन्य सामान बरामद किया था। मुठभेड़ के बाद जवानों ने कुछ नक्सलियों के घायल होने का भी दावा किया था। 


कमर में लगी थी गोली  इस बीच रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला नक्सली सूड़ियाल के अस्पताल में अपना इलाज करा रही है। इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पकड़ी गई महिला नक्सली के मुठभेड़ के दौरान कमर में गोली लगी थी। 

फिलहाल महिला नक्सली को पुलिस उसे मानपुर लेकर आई। यहां मानपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे राजनांदगांव रिफर कर दिया गया है। घायल महिला नक्सली का नाम कमला है और वह बस्तर के सुकमा जिले से यहां इलाज करानेे के लिए पहुंची थी। 

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नक्सलियों की गोली से घायल हुआ था जवान, 13 साल बाद हुई शहादत

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11 October 2019


धमतरी। बस्तर के जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेने वाला एक जांबाज सिपाही 13 साल बाद अपनी जिंदगी की जंग हार गया। नक्सली मुठभेड़ में घायल होने के बाद बीते 13 सालों से जवान जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा था। गुरुवार को इलाज के दौरान जवान की शहादत हो गई। 



बता दें कि ग्राम सलोनी निवासी आरक्षक बसंत नेताम की 1992 में पुलिस में भर्ती के बाद पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा में हुई। 13 साल पहले वे गोलापल्ली थाना में पदस्थ थे। गश्त के दौरान पुलिस पार्टी के इंचार्ज एपीसी रामगोपाल के साथ थाने लौट रहे थे, तभी तारला मुड़ा-नालापल्ली तिराहे में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। 

11 जून 2006 को हुए इस मुठभेड़ में आरक्षक बसंत नेताम को तीन गोलियां लगी। नक्सलियों की एक गोली किडनी व एक गोली आंत को चीरते हुए पार हो गई। एक महीना कोमा में रहने के बाद उसकी जिंदगी बच गई थी। इस दौरान वह जख्मों को इलाज कराता रहा, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते बेहतर इलाज नहीं करा पा रहा था। आखिरकार आठ अक्टूबर को उसने अंतिम सांसें लीं।



बताया गया कि नक्सलियों की एक गोली आंत से होकर सीने में जाकर फंस गई थी। इस वजह से वे कोमा में चले गए। हेलीकॉप्टर से उन्हें रायपुर पहुंचाया गया। मेकाहारा में उपचार के बाद रामकृष्ण अस्पताल में उपचार चला। डॉक्टरों ने एक किडनी निकाल दी। किसी तरह हालत सुधरने पर उन्हें घर लाया गया। तब से लेकर आठ अक्टूबर 2019 तक उनका जीवन संघर्ष में बीता। इस दौरान तीन बार उनका आपरेशन किया गया।

जवान बसंत नेताम के शरीर का पाचन तंत्र पूरी तरह फेल हो चुका था। शरीर में खून नहीं बनता था। इसलिए हर 6-7 महीने में शरीर का खून बदलना पड़ता था। सितंबर के आखिरी पखवाड़े में उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। तब उन्हें धमतरी के मसीही अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद रायपुर के नारायणा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।


पति को मिले शहीद का दर्जा   नक्सली मुठभेड़ में मृत पुलिस आरक्षक बसंत नेताम की पत्नी जानकी नेताम का कहना है कि मेरे पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। क्योंकि वर्ष 2006 के नक्सली मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए उनको गोली लगी थी। उसी गोली के कारण किडनी, आंत और शरीर के अन्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया। 13 साल तक तकलीफदेह जिंदगी जीने के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

बता दें कि बसंत नेताम अकेले ही परिवार में कमाने वाले थे। उनकी आय से ही परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। शहीद होने के बाद अब उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया है। परिवार में पत्नी जानकी के अलावा एक पुत्र और दो बेटियां हैं। पुत्र डिकेश एमए, पुत्री ज्योति बीए और मनीषा 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। परिजनों ने परिवार की आर्थिक दशा सुधारने डिकेश को सरकारी नौकरी देने की मांग सरकार से की है। 


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प्याज को लेकर महिलाओं में हुई हिंसक लड़ाई, मारपीट में घायल 5 महिलाएं अस्पताल में भर्ती

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लखनऊ। लोगों की आंखू में आंसू लाने वाला प्याज अब लड़ाई-झगड़े का कारण भी बन रहा है। एक ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से सामने आई है, जहां एक गांव में प्याज को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई। 



दरअसल, दो महिलाएं बाजार में सब्जी खरीदने गई थीं। इसी दौरान एक महिला ने प्याज के दाम के बहाने सामने वाली महिला पर तंज कसना शुरू कर दिया। इस बात पर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों महिलाओं के बीच मारपीट होने लगी। इस घटना में घायल हुए लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मामला बुधवार सुबह शुरू हुआ, जब कलखेरी गांव की नेहा प्याज के दामों को लेकर एक सब्जी बेचने वाले फेरीवाले से बहस करने लगीं। इस बीच उसकी पड़ोसी दीप्ति ने सब्जी विक्रेता से कहा कि नेहा की प्याज खरीदने की हैसियत नहीं इसलिए वह अपना समय बर्बाद ना करे। इसके बाद दीप्ति और नेहा में जबरदस्त गाली-गलौच हो गई और दोनों लड़ाई झगड़े पर उतारू हो गईं।



मामला बढ़ता देख दोनों की तरफ से और लोग भी वहां आ गए जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। मारपीट इस कदर आगे बढ़ गई कि पांच महिलाओं को गंभीर चोटें आ गईं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 

घटना की जानकारी के बाद पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंची और किसी तरह सभी लोगों को शांत कराया। पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के छह लोगों को के खिलाफ केस दर्ज किया है। सभी आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिन्हें गुरुवार को जमानत मिल गई।

बता दें कि हाल के दिनों में देशभर में प्याज की कीमतों में जबरदस्त बढोत्तरी हुई है। ऐसे में यह लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। कई राज्य सरकारें सरकारी रेट पर लोगों को प्याज मुहैया करा रही हैं। लेकिन इन सबके बावजूद भी लोगों को सस्ती कीमतों पर प्याज नहीं मिल पा रहा है।


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गुजरात के त्रिशूलिया घाट में श्रद्धालुओं से भरी बस पलटी, 21 की मौत, 50 से अधिक घायल

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30 September 2019


नई दिल्ली। गुजरात में सोमवार की शाम हुए दर्दनाक सड़क हादसे में 21 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दुर्घटना सोमवार शाम करीब 4 बजे अंबाजी हाईवे पर हुई। बस मे फंसे घायलों को क्रेन की मदद से निकाला गया। 


बता दें कि अंबाजी के त्रिशूलिया घाट पर एक बस पलटने से 21 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 53 लोग घायल हुए हैं। घाट के मोड़ पर ड्राइवर ने बस पर नियंत्रण खो दिया। इसके बाद बस पलट गई। एसपी अजीत रायजन के मुताबिक, बस में 70 यात्री सवार थे। भारी बारिश के कारण घाट पर बस अनियंत्रित हो गई। हमने यात्रियों को क्रेन की सहायता से निकाला।



कलेक्टर संदीप सागले ने बताया कि हमने घायलों को पालनपुर स्थित सिविल अस्पताल भिजवाया है। वहां ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है ताकि घायलों का उपचार तुरंत किया जा सके। सभी यात्री अंकलाव गांव के रहने वाले हैं। अंबाजी मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे, जब यह हादसा हो गया।

जून में भी हुई थी ऐसी ही दुर्घटना

अधिकारियों के मुताबिक, 35 घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। त्रिशुलिया घाट पर जून में ऐसी ही एक दुर्घटना हुई थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हुई थी। उस वक्त भी गाड़ी के ब्रेक फेल हो गए थे। 



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- 'बनासकांठा से बेहद बुरी खबर मिली है। सड़क दुर्घटना में हुई मौतों से मैं बेहद दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। स्थानीय प्रशासन घायलों की मदद में जुटा हुआ है। प्रार्थना है कि सभी जल्द से जल्द ठीक हों।'


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स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह का बैग ट्रेन से हुआ चोरी, नहीं कराया एफआईआर

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18 September 2019


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम का बैग ट्रेन से चोरी हो गया है। टेकाम अमरकंटक एक्सप्रेस से रायपुर से पेंड्रा रोड जा रहे थे इसी बीच मंगलवार की रात उनका बैग ट्रेन से गायब हो गया। हालांकि, मंत्री ने फिलहाल इस मामले में एफआईआर नहीं कराई है। 

जानकारी के मुताबिक यह घटना मंगलवार की रात करीब साढ़े 10 बजे के आसपास की बताई जा रही है। ट्रेन से मंत्री का बैग चोरी होने की घटना सामने आने के बाद रेलवे और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। 


प्रशासन द्वारा बैग की खोजबीन शुरू की गई लेकिन बुधवार सुबह तक बैग को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली। बैग में 30 हजार रुपये नगद सहित अन्य सामान थे। हालांकि, स्कूल शिक्षा मंत्री ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। 



पहले भी बैग हो चुका चोरी   बताया जा रहा है कि इससे पहले भी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का बैग चोरी हो चुका है। बाद में यह बैग उनके कार्यकर्ता के पास मिला था, जिसने सुरक्षा के लिहाज से अपने पास रख लिया था। शायद यही सोचकर अब तक पुलिस में शिकायत नहीं की गई है। 

शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि वह मंगलवार को अमरकंटक सुपरफास्ट एक्सप्रेस से रायपुर से पेंड्रा के लिए रवाना हुए थे। उन्हें बुधवार को स्कूलों में बच्चों को नश्ता बांटे जाने के कार्यक्रम में शामिल होना था। 


बताया जा रहा है कि अमरकंटक एक्सप्रेस से रायपुर से पेंड्रा रोड रेस्ट हाउस पहुंचने के बीच बैग चोरी हुआ। काफी खोजबीन के बाद बैग का पता नहीं चला। बैग में 30 हजार रुपये नगद सहित अन्य सामान थे। फिलहाल मामले में रेल और पुलिस प्रशासन द्वारा बैग को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।


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छत्तीसगढ़ की 44 नगर पालिकाओं के लिए आरक्षण तय, जानिए किस पालिका में किसे मिला आरक्षण

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के 13 नगर निगमों के अलावा 44 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भी आरक्षण तय कर दिया गया है। इसमें अनुसूचित जाति के लिए छह, अनुसूचित जनजाति  के लिए पांच और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 11 नगर पालिका आरक्षित रखे गए हैं, वहीं 21 नगर पालिका में अध्यक्ष का पद अनारक्षित हैं




अनारक्षित नगर पालिकाओं में किरंदुल, सुकमा, कांकेर, कवर्धा, जामुल, कुम्हारी, दल्लीराजहरा, बालोद, बेमेतरा, महासमुंद, तिल्दा-नेवरा, गोबरा नवापारा, गरियाबंद, बलौदा बाजार, खरसिया, चांपा, सक्ती, कटघोरा, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़ और बैकुंठपुर शामिल हैं, इसमें खरसिया, कांकेर, बेमेतरा, सक्ती, बैकुंठपुर और तिल्दा-नेवरा महिला के लिए आरक्षित रखा गया है।


अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नगर पालिकाओं में बागबहरा, सारंगगढ़ शामिल हैं। इनमें से बागबहरा और सारंगगढ़ को महिला के लिए आरक्षित रखा गया है।


अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नगर पालिकाओं में नारायणपुर और दंतेवाड़ा नगरपालिका को महिला के लिए आरक्षित रखे गए हैं। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बड़े बचेली (महिला), कोंडागांव (महिला), खैरागढ़, आरंग, तखतपुर, शिवपुर चरचा,  सरायपाली, भाटापारा महिला, अहिवारा, दीपिका (महिला) के लिए आरक्षित है।

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गोदावरी नदी में 61 सैलानियों से भरी नाव पलटी, 12 की मौत...30 से ज्यादा लापता !

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15 September 2019


अमरावती। आंध्र प्रदेश में रविवार को गोदावरी नदी में एक नौका के पलट जाने से करीब 12 लोगों की मौत हो गई है। नाव में 61 लोग सवार थे। 30 सदस्यीय एनडीआरएफ की दो टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। 23 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। वहीं इस हादसे में 30 से अधिक लोगों के लापता होने की आशं​का जताई जा रही है।




मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने जिले के सभी उपलब्ध मंत्रियों को घटना स्थल पर बचाव कार्यों की निगरानी करने का आदेश दिया है। साथ ही सीएम ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।


बता दें कि गोदावरी नदी पिछले कुछ दिनों से उफान पर है। जब यह हादसा हुआ तब नदी में बाढ़ आई हुई थी। नौका पर करीब 61 लोग सवार थे, जिनमें चालक दल के करीब 11 सदस्य भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि नौका कच्चुलुरु के पास पलट गई।




सीएम ने दिए ये निर्देश

मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौतम सवांग और मुख्य सचिव एलवी सुब्रमण्यम को बचाव कार्यों की बारीकी से निगरानी करने और समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को पर्यटकों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ से अतिरिक्त बल तैनात करने का निर्देश दिया। अधिकारियों को इस क्षेत्र में सभी नौका विहार सेवाओं को तत्काल निलंबित करने का भी सीएम ने निर्देश दिया है।



बचाव कार्य में हेलिकॉप्टर की मदद   मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, पुलिस प्रमुख ने भारतीय नौसेना अधिकारियों से नाव दुर्घटना स्थल के लिए एक हेलिकॉप्टर तैनात करने के लिए सहायता मांगी है। उधर, राज्य के मुख्य सचिव एल वी सुब्रह्मण्यम ने पूर्वी गोदावरी के जिला कलेक्टर मुरलीधर रेड्डी से बात की और घटना के बारे में जानकारी ली है।




बिना लाइसेंस चल रही थी नाव

उधर, राज्य के पर्यटन मंत्री अवंती श्रीनिवास राव ने इस हादसे पर दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस नाव (रॉयल वशिष्ठ) के पास विभाग से कोई लाइसेंस नहीं था। पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस बारे में गहन जांच होगी।

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