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नवा रायपुर में शिफ्ट होगा AIIMS, स्वास्थ्य योजनाओं में हुआ ये बड़ा बदलाव... भूपेश कैबिनेट की बैठक में लिए गए 7 अहम फैसले !

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15 November 2019


रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट की इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें एम्स को नवा रायपुर में शिफ्ट करने तथा  'अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार' को राज्य-गीत घोषित करने का अनुमोदन किया गया। 

AIIMS will shift to Nava Raipur




  • डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना

इस योजना में राज्य में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली सभी योजनाएं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना एवं चिरायु योजना इस नई योजना में समाविष्ट हो जाएंगी।        


  • मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना

वे बीमारियां जो योजनांतर्गत शामिल नही हैं या हितग्राही का नाम सूची में नही है या नई योजना अंतर्गत बीमा कवर राशि इलाज हेतु पर्याप्त नही है, उन परिवारों के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसमें मुख्यमंत्री के अनुमोदन से प्रति परिवार 5 लाख से अधिकतम 20 लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी।


AIIMS will shift to Nava Raipur


  • राज्य गीत का अनुमोदन

कैबिनेट की बैठक में डॉ. नरेंद्र वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत 'अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार' को राज्य-गीत घोषित करने का अनुमोदन किया गया।


  • हाउसिंग बोर्ड की अविक्रित भवनों पर छूट

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के स्वावित्तीय, भाड़ाक्रय आवासीय योजनाओं के भवनों की बकाया राशि पर ब्याज में छूट एवं अविक्रित आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों के मूल्यों में 15 से 20 प्रतिशत तक छूट की कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया। 


  • जिला खनिज न्यास में नया सेक्टर

खनन प्रभावित लोगों के लिए आवास  दैनिक उपयोग के लिए आवश्यक सामग्री, महिलाओं एवं बच्चों के लिए वस्त्र की उपलब्धता के लिए छत्तीसगढ़ जिला खनिज न्यास नियम-2015 में नया सेक्टर प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। 


AIIMS will shift to Nava Raipur


  • एम्स के लिए निशुल्क भूमि

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (एम्स) को नवा रायपुर, अटल नगर में निःशुल्क भूमि आवंटित की जाएगी। एनआरडीए द्वारा सेक्टर-40 में आबंटित भूमि के संबंध में एम्स रायपुर से किए जाने वाले एमओयू प्रारूप का अनुमोदन किया गया।


  • जंगल सफारी का प्रवेश शुल्क होगा कम

नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर में प्रचलित प्रवेश शुल्क को आधा करने का निर्णय लिया गया। 12 वर्ष से कम और दिव्यांग लोगों के लिए निःशुल्क रहेगा।



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CRPF हेड कांस्टेबल को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, जिस महिला के घर में किराएदार था उसी की कर दी थी हत्या...जानिए पूरा मामला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक शादीशुदा महिला की हत्या के आरोपी सीआरपीएफ हेड कांस्टेबल को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। आरोपी का महिला से अवैध संबंध था। फिर किसी बात पर दोनों में विवाद इतना बढ़ा कि सीआरपीएफ जवान ने महिला को मौत के घाट उतार दिया।



बता दें कि सालभर पहले मोवा के आदर्श नगर में सीआरपीएफ जवान पंकज सिंह ने कविता ऊर्फ सीमा वर्मा नाम की महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी हेड कांस्टेबल कविता शर्मा के घर में बतौर किराएदार रहता था। 


बिहार के बेगूसराय निवासी पंकज सीआरपीएफ के डीआइजी कार्यालय में तैनात था। वह करीब एक साल से कविता के घर किरायेदार था। इसी दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ी और रोज मिलने-मिलाने का सिलसिला चलने लगा। इसी बीच महिला के साथ जवान का अवैध संबंध स्थापित हो गया था।



अवैध संबंध बना हत्या की वजह:   आरोपी जवान पंकज सिंह भी पहले से शादीशुदा था। ऐसे में दोनों के बीच आए दिन विवाद होने लगा था। इसी बीच एक दिन पंकज सिंह ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से रात में चार गोलियां कविता पर दागी थी। तीन गोली कविता को लगी और मौके पर उसकी जान चली गई। 


हालांकि, वारदात के बाद आरोपित ने अपनी सर्विस रिवाल्वर को दफ्तर में छोड़ दिया था। लेकिन पुलिस ने कविता के पति और अन्य किरायेदारों के बयान और आरोपित से पूछताछ में हत्या की गुत्थी सुलझा ली थी। 



सालभर से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। गुरूवार को हुई सुनवाई में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की कोर्ट ने हत्या के दोषी सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल पंकज सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई। 




आरोपी ने ये कहा था


पूछताछ के दौरान आरोपित ने पुलिस को बताया था कि कविता पैसे की डिमांड करती थी, नहीं देने पर थाने में दुराचार की रिपोर्ट करने की धमकी देती थी। कविता ने अपने संबंधों के बारे में लोगों को बता भी दिया था। आरोपित ने पंडरी थाना में गाड़ी में तोड़फोड़ करने की शिकायत भी की थी। यह शहर का बहुचर्चित हत्याकांड था। 


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अयोध्या पर सुप्रीम फैसला: विवादित जमीन 'रामलला' के नाम, सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिलेगी पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन

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09 November 2019


नई दिल्ली। देश के सबसे लंबे समय तक चले मुकदमे अयोध्या भूमि विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने के लिए कहा है। 


अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने वाली पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट में 16 अक्टूबर 2019 को अयोध्या मामले पर सुनवाई पूरी हुई थी। 

फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था। CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं। CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्मस्थल मानते हैं। हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया। कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए।

रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी। साथ ही सबूत पेश किए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे। CJI ने कहा कि 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओ पर कोई रोक नहीं थी। मुसलमानों का बाहरी आहते पर अधिकार नहीं रहा।

अयोध्या मामले पर फैसले से पहले पीएम मोदी का ट्वीट, लिखा- फैसला किसी की हार-जीत नहीं !

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नई दिल्ली। देश के सबसे पुराने और बहुचर्चित अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट आज शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है। फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अयोध्या पर फैसले को किसी समुदाय की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। 




प्रधानमंत्री ने इस बारे में सिलसिलेवार ट्वीट किए हैं। उन्होंने कहा, 'अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।'



दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा कि देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है। 

नक्सलवाद के खात्मे के लिए बड़े ऑपरेशन की तैयारी.... छत्तीसगढ़ को मिलेंगे CRPF के 7 नए बटालियन, बस्तर के जंगलों में होगी तैनाती

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23 October 2019

रायपुर। नक्सलवाद के खात्मे के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के लिए सीआरपीएफ की 7 नई बटालियन की मंजूरी दे दी है। इनमें से दो बटालियन नवंबर महीने में पहुंच जाएंगी। 



बताया जा रहा है कि केंद्र ने छत्तीसगढ़ को 7 हजार जवानों की मंजूरी दे दी है। सभी बटालियनों का मुख्यालय नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बनाया जाएगा, जिससे नक्सलियों की धमक को खत्म किया जा सके। इसके लिए जगह तय कर ली गई है। 


बता दें कि छत्तीसगढ़ के प्रभावित क्षेत्र में फिलहाल केंद्रीय सुरक्षा बलों की 45 बटालियन तैनात हैं। अगले महीने इनकी संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी। इसके अलावा दर्जनभर से ज्यादा सीएएफ की बटालियन भी तैनात है। 



सूत्रों के मुताबिक जनवरी के बाद नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में जवानों की संख्या को बढ़ाया गया है। बताया जा रहा है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में इन जवानों को तैनात किया जाएगा। साथ ही जवानों को खास तरीके से ट्रेन भी किया जाएगा। 



बता दें पिछले दिनों 11 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री और डीजीपी की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीआरपीएफ की 9 नई बटालियन उपलब्ध कराने की मांग की थी। उस समय केंद्रीय गृहमंत्री ने आश्वासन दिया था। इस बीच जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त फोर्स तैनात होने और महाराष्ट्र व हरियाणा में चुनाव के कारण यहां नई बटालियन नहीं पहुंच पाई थी।


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छत्तीसगढ़ सरकार ने इन फलों की बिक्री पर लगाई पाबंदी, बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई

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17 October 2019

रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने स्टीकर लगे फलों को बेचने पर बैन लगा दिया है। राज्य के सभी शहरों में यह प्रतिबंध लागू किया गया है। ऐसे फलों को बेचने वाले कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई की बता कही गई है। वहीं आम लोगों से भी इस तरह के फल न खरीदने की अपील की गई है।



सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर कोई भी कारोबारी स्टीकर वाले फल बेचेगा, बांटेगा या स्टॉक करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ जुर्माने या जेल दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है। 



नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती आदि फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं। 



आमतौर पर फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड के नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है।



बताया जाता है कि फलों के ऊपर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और इसकी वजह से फल दूषित हो जाता है। स्टीकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो मानव के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। 



खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़ी-गली फलों एवं सब्जियों का विक्रय नहीं करेगा। ऐसा करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। 

फलों को पकाकर बेचना भी प्रतिबंधित 

फल एवं सब्जियों में मोम, खनिज तेल, अन्य रंगों का पॉलिश भी अब कारोबारी नहीं कर सकते। इतना ही नहीं नए नियमों के मुताबिक अब फलों को कार्बाइट या एसीटिलिन गैस जैसे केमिकल से पकाकर बेचना भी प्रतिबंधित है। 


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छत्तीसगढ़ में पार्षद ही चुनेंगे महापौर, EVM की जगह बैलेट पेपर से होंगे निकाय चुनाव

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15 October 2019


रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में होने वाले निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर से होंगे। मंगलवार को नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में हुई छत्तीसगढ़ सरकार की सब कैबिनेट कमेटी की बैठक में इस पर मुहर लग गई। 


वहीं मध्यप्रदेश की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी स्थानीय निकाय चुनाव में नगरपालिकाओं, निगमों के प्रमुखों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाएगा। मंगलवार को मंत्रीमंडलीय उपसमिति की बैठक के बाद मंत्रियों ने यह ऐलान किया। 



इस बैठक में मंत्री शिव डहरिया, मो अकबर और रविंद्र चौबे शामिल हुए। बैठक के बाद मंत्रियों के दल ने मीडिया को बताया कि यह फैसला स्थानीय सरकार को मजबूत करने के लिए किया गया है। इससे पार्षद ताकतवर होंगे। 



बताया गया है कि इस फैसले को अब कैबिनेट में रखा जाएगा। उसके बाद अध्यादेश लाकर इसे पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक अगले दो दिनों के भीतर या आने वाले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक हो सकती है। मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि मसौदा तैयार है, कैबिनेट में इसके लिए प्रस्ताव रखा जाएगा। 



बता दें कि निकाय चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन मंत्रियों की उपसमिति गठित की थी। सीएम भूपेश ने महापौर अथवा अध्यक्ष के सीधे निर्वाचन प्रक्रिया को बदलने के संकेत पहले ही दे चुके थे। वहीं बीजेपी इस फैसले का विरोध कर रही है। भाजपा ने कांग्रेस पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।



गौरतलब है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में 1994 में महापौर-अध्यक्षों का निर्वाचन पार्षदों के जरिए होता था। इसके बाद यह व्यवस्था बदली और फिर 1999 में महापौर और अध्यक्ष के सीधे चुनाव होने लगे। सरकार के इस निर्णय पर पूर्व सीएम और भाजपा नेता डॉ रमन सिंह ने कहा कि इस फैसले के द्वारा कांग्रेस सत्ता का दुरुपयोग करेगी। यह जनता के निर्णय को बदलने की साजिश है।


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