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CM भूपेश बघेल की 'लोकवाणी'- गांवों की तस्वीर बदलने कई उपायों पर करने होंगे काम, एक हजार नरवा होंगे पुनर्जीवित

11 August 2019

/ by India Khabar

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपनी पहली रेडियोवार्ता 'लोकवाणी' के जरिए प्रदेश की जनता से रू-ब-रू हुए। इस रेडियोवार्ता मेें उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा बदलने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों एवं कार्यो की जानकारी जनता को दी। 





मुख्यमंत्री ने ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना को विस्तार से बताया। कृषि और ग्रामीण विकास विषय पर पहली कड़ी में पूछे गए सवालों के जबाव दिए। 



लोगों ने मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों 2500 रूपए में धान खरीदी, तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 4 हजार रूपए मानक बोरा करने के साथ ही छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहार हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश के लिए बधाई भी दी।


सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि खेती राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार है। किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिलता है, तब वह पैसा गांव से लेकर शहर तक बाजारों में आता है। खेती चलती है तो कारखाने के पहिए भी चलते हैं। इसलिए हमने किसानों और उनके माध्यम से गांवों को समृद्ध बनाने की रणनीति अपनाई है।



छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रू. क्विंटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी और वन टाइम सेटलमेंट का निर्णय लिया, ताकि जितनी जल्दी हो सके किसानों को अपना खोया हुआ मान-सम्मान वापस मिल सके।


मुख्यमंत्री ने कहा- 'गांवों के हालात बदलने के लिए एक-दो उपाय से काम नहीं चलेगा। खेती की जमीन में भी सुधार हो, गांव में पशुधन के रास्ते से आने वाली आय बढ़े, फूड प्रोसेसिंग इकाइयां लगे, गांव की उपज का गांवों में वेल्यू एडीशन हो। 



सिंचाई और निस्तार के लिए पानी की स्थाई व्यवस्था होे। इसके लिये दीर्घकालिक योजना पर काम करतेे हुए हमने ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ को संस्थागत रूप से विकसित करने का निर्णय लिया गया है।'


एक हजार नरवा होंगे पुनर्जीवित  मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीक की मदद से हम प्रदेश के 1000 नरवा को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है। वर्षा जल को सहेजने के लिये छोटे-बड़े वॉटर स्ट्रक्चर बनाएंगे। 

छत्तीसगढ़ में 20 हजार नाले एवं 285 नदियां है। 85 बारहमासी नदियां है। इसके बावजूद भी सिचिंत रकबा  मात्र 31 प्रतिशत है। वर्षा के जल को हम सहेज नही पा रहें है। जल प्रबंधन नहीं होने के कारण हमारे ट्यूबवेल रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं। नरवा में सतत् जल प्रवाह होगा तो ट्यूबवेल में जलस्तर बना रहेगा। 





गौठान से बढ़ेंगे आजीविका केे साधन       मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान निर्माण के लिये 2000 गांवों को चिन्हित किया गया है। 900 गौठानों का लोकार्पण हो चुका है। चराई से बचने लोग खेतों का फेंसिंग कराते हैं इससे कृृषि लागत बढ़ती है। फसल चराई के डर से किसान छत्तीसगढ़ में धान के बाद उतेरा की फसल लेना छोड़ दिए हैं। इसे रोकने हमने गांवों की गौठानों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया।

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