लखनऊ। बाराबंकी के रानीगंज इलाके में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई। मरने चालों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। घटना से इलाके में कोहराम मच गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले पर संवेदना व्यक्त की है और प्रमुख सचिव आबकारी को जांच के आदेश दिए हैं।
आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के चार अफसर और 8 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दुबे, आबकारी इंस्पेक्टर राम तीरथ मौर्य, समेत 3 हैड कांस्टेबल और 5 कांस्टेबल शामिल हैं। डीजीपी ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर रामनगर राजेश कुमार सिंह और सीओ पवन गौतम को भी निलंबित कर दिया है।
ग्रामीणों के मुताबिक शराब पीने के बाद लोगों को दिखना बंद हो गया था। इलाज के दौरान मंगलवार सुबह तक 12 लोगों की मौत हो गई। 10 से ज्यादा लोगों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। इसी साल फरवरी में भी सहारनपुर और आसपास के इलाकों में जहरीली शराब ने करीब 50 लोगों की मौत हुई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मरने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने डीएम और एसपी को मौके पर पहुंचने और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। योगी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। मामले में प्रिंसिपल सेक्रेटरी एक्साइज को जांच के आदेश दिए हैं।
एक ही परिवार के 4 की मौत: मृतकों में से चार लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। तीन भाई रमेश गौतम, मुकेश, सोनू के साथ उनके पिता छोटेलाल की मौत हो गई। रमेश की पत्नी रामावती ने बताया कि घर में शव को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा। ग्रामीणों का आरोप है कि दानवीर सिंह की नकली शराब बनाने की एक अवैध फैक्ट्री है। यह नकली शराब उसकी सरकारी ठेके वाली दुकान पर बेची जाती है।
बता दें कि इसी साल फरवरी महीने में भी उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के चार जिलों में जहरीली शराब पीने से 112 लोगों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सबसे ज्यादा 55 मौतें उप्र के सहारनपुर में हुईं। मेरठ में 18, कुशीनगर में 10 और उत्तराखंड के रुड़की में 32 लोगों की जान गई थी। सूत्रों की मानें तो माफिया ने शराब में स्प्रिट या चूहा मारने की दवा मिलाई थी।



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