पंकज दाऊद @ बीजापुर। भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के टोटापारा में शनिवार की रात हुई सहदेव समरथ की हत्या को पुलिस केवल माओवादी वारदात के तौर पर ही नहीं देख रही है, बल्कि इसे उसकी निजी जिंदगी से भी जोड़कर जांच कर रही है।
इस बारे में एसपी गोवर्धन ठाकुर ने बताया कि सहदेव समरथ की हत्या तब हुई जब वह अपनी पहली वाली पत्नी वाले ससुराल टोटापारा आया हुआ था। वहां उसकी पत्नी की सहेली के घर वैवाहिक कार्यक्रम था और इस दौरान पहाड़ी की ओर से तीन-चार लोग आए। उसे धारदार हथियार से मारकर चले गए।
ऐसे में अभी ये कहना जल्दबाजी होगी कि हत्यारे माओवादी थे। दरअसल, चिहका रोड में बसे गुड़साकल निवासी सहदेव 2013 में देवांगनपारा में सलवा जुड़ूम राहत शिविर में आकर रह रहा था। दो माह पहले ही एक विवाहिता से उसने ब्याह किया था।
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एसपी गोवर्धन ठाकुर के मुताबिक अब ये भी खंगाला जा रहा है कि दूसरी शादी की वजह से कहीं ये हत्या तो नहीं हुई है।
दरअसल, मौका-ए-वारदात पर नक्सली पर्चे भी बरामद नहीं हुए हैं। ऐसे में पुलिस इसे नक्सली वारदात मानने से बच रही है और अब जांच की सुई दूसरी दिशा की ओर मुड़ गई है। पुलिस के मुताबिक मृतक का गांव गुड़साकल भैरमगढ़ से विपरित दिशा में बसा हुआ है और वहां माओवादियों की पहुंच आसान है, जबकि टोटापारा में इस वारदात का होना संदेह पैदा करता है।



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