वाराणसी। यूपी के वाराणसी सीट से सपा-बसपा गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। पीएम मोदी के खिलाफ उम्मीदवार तेज बहादुर का नामांकन रद्द कर दिया गया है। तेज बहादुर के नामांकन रद्द किए जाने की जिला प्रशासन ने घोषणा की है।
नामांकन रद्द होने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए तेज बहादुर ने प्रशासन पर तानाशाही रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाया। तेज बहादुर के मुताबिक वे अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। तेज बहादुर ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं।
इस मामले में वाराणसी के डीएम का कहना है कि राज्य या केंद्र सरकार की सेवा से बर्खास्त किए गए व्यक्ति को चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है। जिसमें स्पष्ट हो कि उसे निष्ठाहीनता या भ्रष्टाचार के कारण बर्खास्त नहीं किया गया है। सर्टिफिकेट सुबह 11 बजे से पहले देना था, वे नहीं दे पाए, इसलिए नामांकन खारिज कर दिया गया।
जानिए क्या है मामला: तेज बहादुर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 24 अप्रैल को जब वाराणसी से नामांकन किया था तब उन्होंने अपने हलफनामे में बताया था कि भ्रष्टाचार के आरोप के चलते सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया। लेकिन बाद में बतौर सपा प्रत्याशी उन्होंने दोबारा नामांकन दाखिल किया तो उस वक्त हलफनामे में इस जानकारी को छुपा लिया गया। वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने इसी तथ्य को आधार बनाते हुए तेज बहादुर यादव से सफाई मांगी थी।