पंकज दाऊद @ बीजापुर। जल संसाधन विभाग के प्रभारी ईई और भोपालपटनम के तत्कालीन एसडीओ एमएल टण्डन पर नहर बनाने में बड़े घोटाले के आरोप जांच में सही पाए गए हैंं। एसडीएम ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा तालाब के नहर मरम्मत की लागत 29.67 लाख रूपए की वसूली का प्रस्ताव कलेक्टर केडी कुंजाम को दिया है।
एक आरटीआई से इस बात का हाल ही में खुलासा हुआ है। भोपालपटनम ब्लाॅक के कोत्तापल्ली गांव के लोगों ने गांव में तालाब की नहर की मरम्मत में अनियमितता की शिकायत कमिश्नर से की थी। कमिश्नर ने जांच के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा। इसके बाद जांच शुरू हुई।
जानकारी के मुताबिक नहर का काम जून 2016 का है और इसमें एसडीएम और तहसीलदार ने भी मौके का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से चर्चा की। अप्रैल 2017 को भी भुगतान के संबंध में जांच की गई। 19 जुलाई 2017 को एसडीओ ने कागजात पेश किए। 28 नवंबर 2018 को भी मामले की सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान तत्कालीन सरपंच लक्ष्मीनारायण, ग्रामीण लक्ष्मैया एवं अन्य लोगों को सुना गया। एसडीएम और तहसीलदार ने मौका ए मुआएने के निरीक्षण में पाया कि नहर की मरम्मत में पूर्ण अनियमितता बरती गई है। एसडीओ ने कार्य की फोटो भी पेश नहीं की।
पढ़े लिखे लोगों का लगा फर्जी अंगूठा ! जांच में ये बात साफ हो गई है कि ग्रामीणों ने नहर मरम्मत का काम नहीं किया लेकिन मस्टर रोल में उनके नाम हैं। उन्हें भुगतान नहीं किया गया। पढ़े लिखे लोगों के फर्जी अंगूठे के निशान लगाए गए हैं। एसडीओ ने मस्टर रोल की छायाप्रति बनाकर कूटरचना की और मजदूरी देने का झूठा कथन किया। जांच में 29.67 लाख रूपए का गबन किया जाना पाया गया।
तीन गैर जमानती धाराएं भी लगीं: एसडीएम ने एसडीओ एमएल टण्डन के खिलाफ भादवि की धारा 408, 420 एवं 466 के तहत एफआईआर करने का प्रस्ताव दिया है। ये तीनों गैर जमानती धाराएं हैं। इसके अलावा एमएल टण्डन के खिलाफ आईपीसी की धारा 403, 423, 430, एवं 465 के तहत भी मुकदमा दर्ज करने का प्रपोजल दिया है।
इस बारे में प्रभारी ईई और एसडीओ एमएल टण्डन ने पत्रकारों से कहा कि शिकायत ही फर्जी थी। उन्होंने कहा कि तालाब में पहले नहर नहीं थी। नहर बनाकर उसका भुगतान किया गया। मैदानी अमले को इसकी जानकारी है।