24 साल की दुश्मनी भुलाकर एक मंच पर साथ दिखे माया-मुलायम... जानिए क्या है वजह! - India Khabar
BREAKING
Loading...

Latest

latest

24 साल की दुश्मनी भुलाकर एक मंच पर साथ दिखे माया-मुलायम... जानिए क्या है वजह!

19 April 2019

/ by India Khabar

1995 के स्टेट गेस्ट हाउस कांड के बाद पहली बार मायावती और मुलायम सिंह एक मंच पर नजर आए। मुलायम ने इस दौरान कहा कि मायावती का एहसान वह कभी नहीं भूलेंगे। वहीं, मायावती ने भी मुलायम की तारीफ करते हुए उन्हें पिछड़ों का असली नेता करार दिया।

मैनपुरी। दो दशक की तल्खी। कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बीएसपी चीफ मायावती जब मैनपुरी के मंच पर एकसाथ आए तो यह यूपी की राजनीतिक में एक ऐतिहासिक लम्हा था। 24 साल बाद एकसाथ दिखी इस तस्वीर के बाद लखनऊ गेस्टहाउस कांड की यादें धुंधली या यों कहें कि पूरी तरह धुल गई। 


24 साल की दुश्मनी के बाद आखिरकार मायावती और मुलायम सिंह यादव एक स्टेज पर नजर आए। यह कोई आम मौका नहीं था बल्कि बीएसपी सुप्रीमो ने अपने धुर-विरोधी मुलायम सिंह यादव के लिए मैनपुरी में लोगों से मतदान की अपील भी की।

अपने संबोधन में मायावती ने गेस्टाउस कांड का जिक्र तो किया लेकिन यह भी कहा कि बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुरानी बातें भूलनी होती हैं। मुलायम भी संसद में महिलाओं के लिए किए गए काम गिनाते नजर आए। माया के सामने एसपी संरक्षक के इस बयान को गेस्टहाउस कांड से उनके आगे बढ़ जाने का संकेत माना जा रहा है।  



माया ने भाषण शुरू किया तो 24 साल पुरानी उस घटना का जिक्र किया, जो एसपी-बीएसपी के रिश्तों में दरार की वजह बनी। गेस्ट हाउस कांड के बावजूद यूपी में बीएसपी-एसपी गठबंधन पर सफाई देते मायावती ने कहा, 'देश-जन हित में और पार्टी के मूवमेंट के हित में कभी-कभी हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। हमने देश के वर्तमान हालात के चलते हुए यूपी में एसपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है।' 


राजनीति दांवपेच और रणनीति का खेल होता है। अगर दांव सही समय पर चला जाए तो फायदा मिलने के अवसर ज्यादा होते हैं। मैनपुरी में मौका भी ऐसा ही था तो राजनीति के दिग्गज मुलायम ने भी इसे जाया नहीं किया। 

मुलायम सिंह ने कहा कि मायावती ने हमेशा उनकी मदद की, वहीं बीएसपी सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नकली पिछड़ा' बताते हुए एसपी संरक्षक को असली ओबीसी नेता बताया। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की शान में कसीदे पढ़े। 
  

लगभग 2 दशक तक एक-दूसरे के खिलाफ जोरदार बयानबाजी के बाद आज का नजारा बिल्कुल अलग था। अतीत की कड़वाहटों का जिक्र किए बिना मुलायम सिंह यादव ने मंच से कहा, 'मुझे भारी बहुमत से आखिरी बार जिता देना, मायावतीजी आई हैं उनका स्वागत है। वो मेरे लिए समर्थन मांगने आई हैं, मैं उनका अहसान कभी नहीं भूलूंगा।'


पीएम मोदी पर किया हमला:   माया ने कहा, 'पीएम मोदी नकली पिछड़े वर्ग के हैं, जबकि मुलायम सिंह यादव असली पिछड़े वर्ग के हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुलायम ने समाजवादी बैनर के तले सभी समाज के लोगों को जोड़ा है। वह असली, वास्तविक, जन्मजात पिछड़े वर्ग के हैं जबकि नरेंद्र मोदी के बारे में यह बात सबको पता है कि इन्होंने गुजरात में अपनी सत्ता का दुरुपयोग करके अपनी उच्च जति को पिछड़े वर्ग का घोषित कर लिया।' 

Advertisement

मंच पर शिष्टाचार का नजारा उस वक्त देखने लायक था जब पिता-पुत्र की जोड़ी के बीच में मायावती बैठीं। माया ने पहले मुलायम के बैठने का इंतजार किया और फिर वह खुद बैठीं। स्टेज पर आखिरी में अखिलेश यादव बैठे। मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीति में कठिन फैसले लेने होते हैं। 


जानिए, गेस्‍ट हाउस कांड की हकीकत:    1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाई और 1993 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन को जीत मिली थी और मुलायम सिंह यादव सीएम बने थे। हालांकि, दो ही साल में दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते खराब होने लगे। इसी बीच मुलायम सिंह को भनक लग गई कि मायावती बीजेपी के साथ जा सकती हैं। 

इसी बीच 2 जून 1995 को मायावती लखनऊ स्थित गेस्ट हाउस में विधायकों के साथ बैठक कर रहीं थीं। इतने में एसपी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और बीएसपी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने लगे। आरोप है कि मायावती पर भी हमला करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद करके बचा लिया। इस घटना के बाद मायावती ने समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया और बाद में बीजेपी के समर्थन से सीएम बन गईं।
Don't Miss
Copyright © , All Right Reserved India Khabar
Devloped by: Sai Web Solution