मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर की गयी बड़ी-बड़ी घोषणाओं का कांग्रेस ने किया स्वागत
रायपुर। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी के परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह के मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा की गई 4 बड़ी घोषणाओं का कांग्रेस ने स्वागत किया है।
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त्रिवेदी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि केन्द्र की यूपीए सरकार के वक्त राज्य सरकार को लेमरू को ऐलीफेंट रिजर्व बनाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन भाजपा की डॉ. रमन सिंह सरकार ने कोयले के भंडार के कारण कोयले के सौदागरों ने लेमरू को ऐलीफेंट रिजर्व बनाने से रोक रखा था।
पीसीसी महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने यह साबित दिया कि उसके लिए हसदेव, बांगो को बचाना अनिवार्य है। कांग्रेस की सरकार के लिए जंगलों में रहने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा करना अनिवार्य है। कोयले की लूट पर राज्य की जनता के हितों को प्राथमिकता देने वाली भूपेश बघेल की सरकार है। यह बात लेमरू मामले से स्पष्ट हो गया।
नितिन त्रिवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में नरूवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी एक क्रांतिकारी योजना है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के हर गांव में गौठानों का निर्माण जारी है। वहीं राज्य सरकार ने इस योजना के माध्यम से गौठान निर्मित हो चुके गांवों में 10 हजार रुपए की सहायता राशि दे रही है।
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प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने यह दिखा दिया है कि यह भाजपा सरकार की भांति बाड़ी से डीजल मिलेगा जैसी कहने वाली योजना नहीं है। इसका सीधा लाभ गांव के ग्रामीण किसानों को मिलने लगा है।
गौठानों का संचालन गांव के ही लोगों द्वारा किया जा रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से किए गए राशि की घोषणा से गौठानों के संचालन में सहयोग मिलेगा। इस राशि से गांव का नियंत्रण गौठान पर स्थापित होगा। गांव के लोग ही गौठान का प्रबंधन सुनिश्चित करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री ने कहा कि दस हजार रुपए की राशि दिखने में जरूर छोटी है पर गांव में छोटे-छोटे काम जैसे जानवरों के चारे, जानवरों की देखभाल और संरक्षण के लिए आवश्यक कार्य इस राशि से किए जा सकेंगे।
प्रदेश में 50 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिये। राज्य सरकार ने ओबीसी वर्ग की आरक्षण की सीमा बढ़ाने का उचित निर्णय लिया है। गरीब सवर्णों के लिए प्रदेश में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया गया है। अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत किया गया है, पिछली सरकार ने 12 प्रतिशत कर दिया था। जनसंख्या के आधार पर 13 किया है।
छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत मध्यप्रदेश सहित अन्य दूसरे राज्यों में पहले से 27 प्रतिशत लागू है। छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी वर्ग के लोग रहते हैं। वहीं 'गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही' जिला बनने से क्षेत्र की जनता को लाभ मिलेगा एवं 25 नई तहसील बनने से सुविधाओं का विस्तार होगा।