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स्वतंत्रता दिवस पर CM भूपेश बघेल ने अनुसूचित जाति और OBC का बढ़ाया आरक्षण...पढ़िए, सीएम की 10 बड़ी घोषणाएं

15 August 2019

/ by India Khabar

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त के मौके पर प्रदेशवासियों को कई महत्वपूर्ण सौगात दी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एक नया जिला 'गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही' बनाने का ऐलान किया। इस तरह अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जाएगा। इसके साथ ही सीएम ने 25 नई तहसीलें बनाने की भी घोषणा की। 



मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निवासरत अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की। सीएम की घोषणा के साथ प्रदेश में अब 72 प्रतिशत आरक्षण हो गया है। बता दें कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति को पहले ही तरह 32 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा।

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मुख्यमंत्री ने राजधानी में 15 अगस्त के मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए इस बात का ऐलान किया। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों को अब 12 फीसदी से बढ़ाकर 13 फीसदी आरक्षण कर दिया गया है। वहीं ओबीसी वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का ऐलान किया है।



इस अवसर पर सीएम बघेल ने प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त कराने गांधी जयंती 2 अक्टूबर से प्रदेश में सुपोषण अभियान के शुभारंभ की घोषणा भी की। वहीं गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार रूपए की सहायता और 'लेमरू एलीफेंट रिजर्व' बनाने की घोषणा भी की।

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मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ पर आज यहां राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। उन्होंने प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन और भोजली पर्व की शुभकामनाएं भी दी। 




  • किसानों को आर्थिक आजादी देने के सार्थक कदम

राज्य सरकार ने किसानों को धान का सम्मानजनक दाम देने का फैसला किया। 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल धान, समस्त किसानों के अल्पकालिक कृषि ऋणों की माफी, सिंचाई कर की माफी, वन टाइम सेटलमेंट से किसानों को नए सिरे से खेती के लिए ऋण लेने की सुविधा दिलाने जैसे ठोस कदम उठाए गए हैं। किसी भी राज्य के इतिहास में सरकार की पहल से छह महीनों में किसानों को इतनी बड़ी राशि नहीं मिली होगी। 

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  • गावों की अर्थव्यवस्था को नया जीवन देने की पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नरवा, गरवा, घुरवा, बारी' के माध्यम से गांवों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को नया जीवन देने की पहल की है। अल्प समय में ही हमने ‘नरवा’ विकास के लिए 1 हजार 28 नालों का चयन किया है। इसके अलावा जल संसाधन विकास की नियमित प्रक्रिया से भी लगभग 1 हजार करोड़ रू. लागत की 223 योजनाओं की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। 


  • ST और SC को बराबरी के अवसर

अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति को बराबरी से विकास के अवसर और सुविधाएं मिलें, इसके लिए हमने लीक से हटकर बड़े कदम उठाए हैं। लोहाण्डीगुड़ा में उद्योग लगाने के नाम पर ली गई किसानों की जमीन हमने सरकार में आते ही वापसी का निर्णय लिया। इस साल 26 जनवरी से जो काम शुरू किया गया था, वह अब पूरा हो चुका है। हमने अबूझमाड़ियों को उनका हक दिलाने की विशेष पहल की है। 




  •  'इन्द्रावती विकास प्राधिकरण' के गठन का निर्णय

हमारी सरकार ने ‘इन्द्रावती विकास प्राधिकरण’ के गठन का निर्णय लिया है। महानदी, शिवनाथ, केलो, हसदेव बांगो, खारून को प्रदूषण से बचाने का काम स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जाएगा। बस्तर के अनेक अनुसूचित जनजाति परिवार आपराधिक मुकदमों से राहत दिलाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित कर कार्यवाही शुरू की है। 




  • 'कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड' के गठन का निर्णय

स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने के लिए बस्तर तथा सरगुजा में 'कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड' का गठन किया जा रहा है। बस्तर तथा सरगुजा संभाग की तरह कोरबा जिले में भी तृतीय तथा चतुर्थ वर्ग के पदों पर भर्ती के लिए जिला संवर्ग की व्यवस्था करते हुए इनकी समय-सीमा भी बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2021 कर दी गई है। राज्य की अत्यंत पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को शासकीय सेवा में सीधी भर्ती का लाभ दिया जाएगा। 




  • आंगनवाड़ी कार्यकताओं-सहायिकाओं के मानदेय में बढोत्तरी

आंगनवाड़ी कार्यकताओं और सहायिकाओं का योगदान को देखते हुए इनका मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया है। दस हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों को नर्सरी स्कूल के रूप में विकसित करने हेतु कार्यवाही शुरू कर दी है। दो हजार आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की मंजूरी दी गई है।


  • सरकार ने 35 किलो चावल देने का वादा निभाया

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार ने न सिर्फ 35 किलो चावल देने का वादा निभाया है, बल्कि एपीएल परिवारों को भी 10 रू. किलो में चावल प्रदाय करने का निर्णय लिया है। पीडीएस से राशनकार्डधारी परिवारों को चावल, शक्कर, नमक, चना, केरोसिन के साथ-साथ बस्तर संभाग में अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को हर माह दो किलो गुड़ देने का निर्णय लिया है।



  • 15 हजार नियमित शिक्षकों की भर्ती 

नई पीढ़ी को अच्छी शिक्षा के साथ सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने दो दशक बाद 15 हजार नियमित शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। शिक्षा को रूचिकर बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग शुरू किया गया है, इसे 'ब्लैक बोर्ड से की बोर्ड की ओर' अभियान का नाम दिया गया है। इसी प्रकार महाविद्यालयों में शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक पदों पर बड़ी संख्या में भर्ती की जा रही है।




  • 'खेल प्राधिकरण' के गठन का निर्णय

प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को उचित प्रशिक्षण देकर तराशने के लिए ’खेल प्राधिकरण’, अलग-अलग अंचलों की विशेषताओं के आधार पर स्पोर्टस स्कूल एवं खेल अकादमी की स्थापना का निर्णय लिया है। प्रदेश में 55 खेल प्रशिक्षकों की भर्ती की जाएगी।


  • सबके लिए 'यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम' की पहल

प्रदेश में 'यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम' के अंतर्गत सबके स्वास्थ्य की चिंता की है, जिसके लिए विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों का उन्नयन किया जा रहा है। नारायणपुर, सुकमा तथा कोण्डागांव में विशेष नवजात गहन चिकित्सा इकाई शुरू की गई है। 'मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना' के तहत आदिवासी बहुल अंचलों में स्वास्थ्य जांच, इलाज तथा दवा वितरण की सुविधा का विस्तार किया जा रहा है।


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