बीजापुर। चुनावी सरगर्मी खत्म होने के बाद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) ने जिले के विकास के मुद्दों पर फोकस करते भूपेष सरकार से मेनीफेस्टो पर अमल करते जेल में नक्सल मामलों में बंद बेगुनाह आदिवासियों की रिहाई की मांग उठाई है। जेसीसीजे ने PMGSY की बनाई गंगालूर सड़क के घटिया निर्माण के मामले में अफसरों को बचाए जाने का आरोप लगाया है।
जेसीसीजे के जिलाध्यक्ष सकनी चंद्रैया ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार भोपालपटनम आगमन पर भूपेश बघेल का स्वागत करते कहा है कि तिमेड़ पुल निर्माण में तेजी लाने राज्य सरकार पहल करे और रमन सरकार की तरह श्रेय लेने का काम ना हो।
जेसीसीजे अध्यक्ष ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक आतंकवाद खत्म करने के मुद्दों को लेकर सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस सरकार को इन पर अंकुश लगाने की बात कहते आरोप लगाया है कि बीजापुर-गंगालूर रोड भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है। काम बहुत ही घटिया हो रहा है और मापदण्ड का पालन नहीं किया जा रहा है। ये सड़क भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है। वहीं प्रशासन ने चंद अफसरों का वेतन रोककर इतिश्री कर ली है और उन पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई है।
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सकनी ने कहा कि गरीबों को आज भी इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है और जिला मुख्यालय में पैसे लग रहे हैं। सरकार ने शराबबंदी का वादा किया था जबकि अब काउंटर और बिक्री की अवधि का विस्तार किया जा रहा है। पुरानी सरकार की तरह ये सरकार भी शिक्षा से अधिक शराब पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।
भोपालपटनम में शैक्षणिक संस्थान के रास्ते में शराब दुकान का संचालन किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था चौपट होती जा रही है। निर्दोश आदिवासियों की जेल से रिहाई के लिए कमेटी बनाना स्वागत योग्य है लेकिन ये भी ठण्डे बस्ते में जाता दिख रहा है। जेसीसीजे अध्यक्ष सकनी चंद्रैया ने चना और नमक को बंद करने पर ऐतराज जताते इसे फिर से शुरू करने की मांग की है।