पंकज दाऊद @ बीजापुर। देश-दुनिया में नौकरी के लिए हो रही गलाकाट स्पर्धा के दौर में अब सिर्फ पढ़ाई से ही जिंदगी नहीं जी जा सकती है क्योंकि हर किसी को सरकारी नौकरी मिल पाना मुमकिन नहीं है। इन हालातों के मद्देजनर अब विद्यार्थियों को लघु उद्यम से जोड़ने की कोशिश की जा रही है और उन्हें इसकी भी तालीम दी जा रही है।
यहां डिप्लोमा इन एलीमेन्ट्री एजुकेशन (डीएलएड) के विद्यार्थियों का सोमवार को प्रैक्टिकल परीक्षा हुई। इसमें विद्यार्थियों ने अपने बनाए हस्तशिल्प और कुछ फूड प्रोडक्ट की प्रस्तुति दी। ये 20 अंकों की आंतरिक परीक्षा थी। इसके बाद इतने की नंबर की बाह्य परीक्षा होगी।
हस्तशिल्प, फूड प्रोडक्ट इत्यादि बनाना विद्यार्थियों को दो साल के कोर्स में सिखाया गया। शिक्षक के बेनीशिव के मार्गदर्शन में प्रशिक्षार्थियों ने कई वस्तुएं बनानी सीखीं। प्रैक्टिकल में प्रशिक्षार्थियों ने गुड़िया, मोजे की गुड़िया, नारियल के कप, जेम, जेली, जूस, मुरब्बा, दोना, पत्तल, अचार, पापड़ आदि सामग्रियां बनाकर रखीं।
पहला बैच निकलेगा: स्थानीय संस्थान से डीएलएड का पहला बैच निकलेगा। अभी प्रथम वर्ष में 42 एवं अंतिम वर्ष में 23 विद्यार्थी हैं। हर कक्षा में पचास-पचास की सीट है और इसे व्यापमं के जरिए भरा जाता है। परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मण्डल की ओर से ली जाती है। अभी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी कृष्ण कुमार उद्देश ने विद्यार्थियों से बातचीत की और उनसे सवाल भी किए। इस दौरान शिक्षक सहदेव निषाद, विद्याभूषण नेताम, भूपति नक्का, मनोज कावटी, पूनम वासम, सरिता दुब्बा, विनोद कश्यप एवं अन्य शिक्षक मौजूद थे।