पंकज दाऊद @ बीजापुर। मल्टी नेशनल कंपनियों और उद्योगों से खाली छग के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में इस वित्त वर्ष में 10008 बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गई है। बेरोजगारों की इस कतार में 3961 केवल युवतियां ही हैं।
जिला रोजगार कार्यालय के आंकड़े बेरोजगारी के मामले में चौंकाने वाले हैं। दफ्तर के रेकाॅर्ड में 10008 पंजीकृत बेरोजगार हैं। इनमें से अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति के 6089 युवा हैं। जिले में 3961 युवतियां नौकरी की तलाश में हैं लेकिन उनका सिर्फ पंजीयन ही हो पाया है।
फिलहाल रोजगार कार्यालय आ रहे बेरोजगारों को थल सेना में भर्ती के लिए फाॅर्म भरने की समझाइश दी जा रही है। मई तक इसका ऑनलाइन आवेदन जमा किया जा सकता है। इसमें रोजगार कार्यालय के कर्मचारी भी सहयोग कर रहे हैं। बिलासपुर में जून में सैनिक की परीक्षा होगी। सैनिक के कई ग्रेड हैं।
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नहीं रुक रहा पलायन: बता दें कि बेरोजगारी के चलते कई युवा जिले से पलायन कर रहे हैं। गांव के कम पढ़े-लिखे युवक और युवतियां मिर्ची तोड़ने तेलंगाना की ओर चले जाते हैं और फिर वे खेती के सीजन में गांव लौट आते हैं।
तनख्वाह नहीं बताई तो नहीं गए युवा: रोजगार एवं मार्गदर्शन केन्द्र के सूत्रों के मुताबिक खेड़ा, गुजरात की एक टेक्सटाइल कंपनी नंदन डेनिम लिमिटेड की ओर से आठवीं पढ़े बेरोजगार युवाओं की मांग की गई थी। इसमें वेतन का उल्लेख नहीं होने के कारण युवाओं को नहीं भेजा गया। बताया गया है कि आईटीआई कर चुके युवाओं को गाड़ियों के शो रूम में नौकरी दिलवाने की भी कोशिश की जा रही है।
जिले में 53 दिव्यांगों का नाम भी बेरोजगारों की फेहरिस्त में शुमार है। इनमें दो-दो मूक बधिर युवक एवं युवतियां हैं। पांच-पांच नेत्रहीन युवक एवं युवतियां भी काम की तलाश में हैं। अस्थि बाधित 33 युवक एवं 6 युवतियों को नाम भी बेरोजगारों की पंजी में शामिल है। दो अन्य वर्ग के दिव्यांग हैं।